जानिये एम एस ऑफिस के बारे में सब कुछ

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Microsoft Office

कंप्यूटर में ऑफिस में किए जाने वाले लगभग सभी कामों के लिए जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है उसे संकलित रूप में M S Office कहा जाता है। इसमें सादे कागज पर लिखे जाने वाले शब्दों से लेकर कैलकुलेशन व ड्राइंग तक का काम किया जा सकता है। इसके अलावा डेटाबेस बनाने का भी इस सुइट में प्रावधान है। आइये आपको इसके सुइट के कुछ मेन हिस्सों की जानकारी देते हैं:

एम एस वर्ड क्या है :

यह सॉफ्टवेयर MS Office का सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला होता है। इसमें राइटिंग संबंधी सभी काम किए जा सकते हैं। राइटिंग के अलावा इसमें लिखे गए मैटर को एडिट, फ़ारमैट या प्रिंट करने का काम भी किया जा सकता है। इसमें किए गए काम को Doc या DOCX फोरमेट में फाइल को सेव किया जा सकता है।

इसके निर्माण का आधार एक सैंपल यूजर इंटरफेस है । इस सॉफ्टवेयर की बेसिक कमांड और उनके फंक्शन्स इस प्रकार हैं:

होम :

यह एम एस वर्ड का बेसिक और मूल पार्ट है । इसमें एक सामान्य डोक्यूमेंट पर काम करने लायक सारी कमांड्स हैं। यहाँ पर नया डोक्यूमेंट ओपन करके, उसपर काम करके उसे सेव किया जा सकता है। इसमें लिखने के लिए विभिन्न प्राकार के फॉन्ट और उनके अलग-अलग स्टाइल दिये गए हैं। इसके साथ ही इसमें भाषाओं का चयन भी अपनी सुविधानुसार किया जा सकता है।

इन्सर्ट:

इस ऑप्शन में फाइल में अगर कुछ भी बाहर से लगाना है तो कर सकते हैं। इसके लिए पेज, टेबल, पिक्चर, शेप, आइकॉन, स्मार्ट आर्ट, चार्ट, स्क्रीन शॉट, लिंक, बुकमार्क, कमेन्ट, हेडर, फुटर, पेज नंबर, इकूएशन, सिंबल आदि इन्सर्ट किये जा सकता हैं।

ड्रॉ :

यह ऑप्शन यूजर को ड्राइंग करने की सुविधा देता है। इसमें दिये गए पेन और रंगों से आप कुछ भी ड्राइंग का काम कर सकते हैं।

डिजाइन:

इस ऑप्शन की मदद से आप अपने डोक्यूमेंट को और अधिक सजा सकते हैं। इसमें वाटरमार्क, पेज का रंग और पेज के बॉर्डर के साथ ही पेरेग्राफ में स्पेस बदलने के ऑप्शन भी हैं।

लेआउट:

आप जिस डोकुमेंट में काम कर रहे हैं उसके चारों ओर कितना मार्जिन रखना है, उसका ओरियंटेशन कैसा होना चाहिए, पेज का साइज़ और उसमें कितने कॉलम होने चाहिए, आप यहाँ से कर सकते हैं। इसके अलावा लाइनों के आगे और पीछे इतना स्पेस होना चाहिए, वो भी इसी से ठीक कर सकते हैं।

रेफेरेंस:

यह ऑप्शन उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी होता है जो थीसिस या कोन्फ्रेंस के लिए पेपर लिखते हैं। इसमें दिये गए सारे ऑप्शन एक रिसर्च स्कॉलर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

मेलिंग:

इस ऑप्शन का प्रयोग करके आप एक ही मैटर को अनेक जगह भेजने वाली मेल तैयार कर सकते हैं।

रिवियु:

काम करने के बाद उसको अच्छी तरह से चेक करने का काम इस ऑप्शन की मदद से किया जा सकता है। यदि काम में कुछ कमेन्ट करना है या दिये गए कमेन्ट पर एक्शन लेना है तो वो यहाँ सरलता से किया जा सकता है।

व्यू:

आप अपने डोक्यूमेंट को स्क्रीन पर कैसा देखना चाहते हैं, वो इस ऑप्शन की मदद से एडजस्ट कर सकते हैं।

हेल्प:

अगर आपको एमएस वर्ड के उपयोग में किसी भी प्रकार की मदद चाहिए तो यहाँ से ली जा सकती है।

इसे भी पढ़ें – कंप्यूटर और लैपटॉप हैंग हो जाए तो क्या करें

 एम एस एक्सेल क्या है:

एमएस ऑफिस का दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर एम एस एक्सेल है। इसका मूल प्रयोग हर प्रकार की कैलकुलेशन करने और रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। एमएस एक्सेल का मूल फॉर्मेट एक वर्कशीट के रूप में होता है। यह शीट यूजर अपनी ज़रूरत के अनुसार घटा या बढ़ा सकता है। एक वर्कशीट 16777216 सेल से बनी होती है। हर सेल का अपना एक यूनिक एड्रेस होता है जिसे स्क्रॉल बार पर कर्जर लाकर देखा जा सकता है। यह सेल 65536 रो और 256 कॉलम से बने होते हैं। एक एड्रेस में रो और कॉलम का एड्रेस होता है। एक वर्कशीट में 32762 शब्द लिखे जा सकते हैं। एम एस एक्सल का फॉर्मेट निम्न होता है:

मेन्यू बार :

इसके अंतर्गत एक्सल में किए जाने वाले सभी काम या फंक्शन दिये गए हैं। ये निम्न रूप में होते हैं:

होम

इन्सर्ट

पेज ले आउट

फोरमुला

डेटा

रिवीयू

व्यू

हेल्प

इसके शेष भाग तो एमएस वर्ड की भांति हैं , केवल फोरमुला और डेटा वाला भाग कैलकुलेशन से संबन्धित हैं।

सेल एड्रेस:

एक रो और कॉलम से बने सेल का एड्रेस यूनिक होता है । जैसे रो ए और कॉलम 49 है तो सेल का एड्रेस ए49 होगा। इस एड्रेस को देखने के लिए अपने कर्जर को फोरमुला बार में देख सकते हैं।

फोरमुला बार:

यह एक प्लेन रो होती है जो शीट के शुरुआती हिस्से में होती है। यहाँ हर सेल में लिखी गई जानकारी को और सेल के एड्रेस को देखा जा सकता है।

एक्सल शीट का उपयोग हर प्रकार की कैलकुलेशन, चार्ट बनाने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए किया जाता है।

एमएस एक्सेसक्या है:

माइक्रोसॉफ्ट का यह एक डेटाबेस मेनेजमेंट प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम के जरिये डेटाबेस को तैयार और ओरगानाइज़ किया जा सकता है। यह प्रोग्राम कुछ कोडिंग प्रोग्राम्स का अभिन्न हिस्सा होता है । जैसे एसक्यूएल के लिए एम एस एक्सेस में डेटाबेस तैयार किया जाता है। यह एक फ़्रोंटेंड व बैकएंड प्रोग्राम है। यह यूजर इंटरफेस पर काम करता है। इसको सीखने के लिए किसी विशेष तकनीकी ज्ञान की ज़रूरत नहीं होती है।

एम एस एक्सेस का उपयोग:

एक प्रोग्राम का इस्तेमाल किसी भी प्रकार के रिकॉर्ड जैसे एक ऑफिस के कर्मचारियों के पूरे विवरण, एक प्रोडक्ट की पूरी जानकारी आदि इसमें स्टोर करके सेव करी जा सकती है। एक्सेस में सेव की गई जानकारी को कुछ सर्च क्येरी के द्वारा बहुत आसानी से और कम से कम समय में ढूँढी जा सकती है।

इसके सरल उपयोगी गुण के कारण अधिकतर सोफ्टवेयर प्रोग्रामर डेटाबेस तैयार करने के लिए एम एस एक्सेस का ही उपयोग करते हैं।

एम एस एक्सेस की कमी:

इस प्रोग्राम को अधिक बड़े ऑर्गनाइज़ेशन के डेटाबेस के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सारा डेटा एक ही स्थान पर होने के कारण सिस्टम के करप्ट होने पर डेटा के नुकसान होने का भी डर होता है।

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