स्नातक यानी ग्रेजुएशन, शिक्षा का ऐसा पड़ाव है जिसके बाद अक्सर युवाओं में असमंजस की स्थिति होती है। ग्रेजुएशन के बाद युवा इसी दुविधा में होते हैं कि आगे पढ़ाई जारी रखी जाए, नौकरी की तलाश की जाए या फिर दोनों। बात अगर अच्छी नौकरी की हो तो युवाओं के मन में इसे लेकर भी काफी उथल-पुथल होता है कि कौन सी नौकरी उनके लिए एक बेहतर करियर बनाने में मददगार साबित हो सकती है। आज हम आपको हिन्दी से स्नातक के बाद एक बेहतर करियर विकल्प के बारे में बताने जा रहे हैं। कई लोगों का ये मानना होता है कि हिन्दी से स्नातक किए युवाओं के पास ज्यादा और अच्छा करियर ऑप्शन नहीं होता, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जी हां, हिन्दी से ग्रेजुएशन करने के बाद युवा हिन्दी पत्रकारिता में अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं। अगर आपकी पकड़ हिन्दी में अच्छी है और आप देश- दुनिया में घट रही घटनाओं में दिलचस्पी रखते हैं, तो यकीन मानिए हिन्दी पत्रकारिता की दुनिया आपका इंतजार कर रही है।
हिन्दी स्नातक के बाद जर्नलिज्म में करियर
पत्रकारिता यानी मास कम्यूनिकेशन समय के साथ काफी बदल चुका है। अब पत्रकारिता जगत में भी करियर बनाने के कई रास्ते खुल गए हैं। बदलती तकनीकों की वजह से अब पत्रकारिता के कई प्लेटफॉर्म देखने को मिल रहे हैं। प्रिंट, रेडियो और टीवी के बाद पत्रकारिता का भविष्य वेब पर आ गया है।
प्रिंट मीडिया- प्रिंट मीडिया, पत्रकारिता का सबसे पुराना विकल्प है। प्रिंट होने वाली सभी चीजें प्रिंट मीडिया के अंदर ही आती हैं, जैसे- अखबार, मैगजीन, किताब इत्यादि। हिन्दी से ग्रेजुएशन करने के बाद आप किसी भी प्रिंट मीडिया में सब एडिटर, रिपोर्टर, प्रूफ रीडर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया– विजुअल रुप से दिखने वाली पत्रकारिता को इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिज्म के नाम से जाना जाता है। आजकल युवाओं में इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता को लेकर काफी क्रेज भी देखने को मिल रहा है। क्योंकि ये वो फील्ड है जहां आपको नाम, पैसा और ग्लैमर मिलता है। आज नई तकनीकों के माध्यम से ये पत्रकारिता का यह सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। हमारे देश में कई ऐसे हिन्दी न्यूज चैनल्स, इंटरटेंमेंट चैनल्स हैं जिनको अच्छे हिन्दी जानकारों की जरुरत होती है। यहां भी आप अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
वेब मीडिया- बदलते समय के साथ अब वेब पत्रकारिता ने भी जर्नलिज्म की दुनिया में अपनी पैठ बना ली है। सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के बाद अब वेब पत्रकारिता की भी काफी डिमांड है। यहां आप किसी भी न्यूज पोर्टल, खबरों की साइट्स के लिए हिन्दी राइटर या रिपोर्टर का काम कर सकते हैं।
रेडियो मीडिया- प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावे रेडियो मीडिया में भी बेहतर करियर का काफी अच्छा ऑप्शन है। यहां आप अपनी अच्छी स्क्रिप्ट, अच्छी आवाज के साथ हिन्दी पत्रकारिता के जगत में बुलंदियों तक पहुंच सकते हैं।
पब्लिक रिलेशन- हालांकि ये क्षेत्र पत्रकारिता से थोड़ा अलग है, लेकिन जर्नलिज्म की पढ़ाई के दौरान इस सेक्टर में काम करने के भी गुण सिखाए जाते हैं। ऐसे में आप भी हिन्दी से स्नातक करने के बाद अगर पत्रकारिता से पीजी या डिप्लोमा कोर्स करते हैं, तो आपके लिए भी इस सेक्टर में काम करने का रास्ता खुल जाता है। यहां आप बिजनेस हाउसेज, पॉलिटिकल पर्सन, सेलेब्रेटी और संस्थानों के लिए काम कर सकते हैं।
हिन्दी स्नातक के बाद पत्रकारिता में करियर बनाने के लिए प्रमुख कोर्सेज
- पीजी डिप्लोमा इन ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन जर्नलिज्म
- एमए इन जर्नलिज्म
- डिप्लोमा इन जर्नलिज्म
- जर्नलिज्म एंड पब्लिक रिलेशन
- पीजी डिप्लोमा इन मास मीडिया
मीडिया के प्रमुख शिक्षण संस्थान
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन
- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय
- बीए ऑनर्स जर्नलिज्म, दिल्ली विश्वविद्यालय
- एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म
- मास मीडिया रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया
- जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन
निष्कर्ष
पत्रकारिता एक ऐसा फील्ड है, जहां करियर बनाने के लिए किसी विशेष डिग्री की जरुरत नहीं होती। यहां आप अपने शौक को रोजगार के तौर पर तब्दील कर सकते हैं। पत्रकारिता का क्षेत्र काफी बड़ा है, यहां एक बेहतर करियर बनाने के कई ऑप्सन मौजूद होते हैं, जरुरत होती है बस अपने अंदर के हुनर को पहचानने की। अगर आपमें भी है चाह पत्रकारिता जगत में नाम कमाने की, तो आप इसे अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं। आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा, हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बताएं।