सेना शब्द का नाम सुनते ही आँखों के सामने वर्दी धारी वो जवान आ जाते हैं जो घर संसार से दूर अपने देश की रक्षा के लिए रात-दिन पहरा देते रहते हैं। देश के पहरेदार बनने के लिए न केवल मन में देशभक्ति का जज़्बा होना जरूरी है बल्कि अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए भी हमेशा तत्पर होने चाहिएँ। इस भावना के साथ जो युवक-युवती सेना में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए जहाँ उम्मीदवार का स्वस्थ होना जरूरी है, वहीं देश भक्ति की भावना होना भी अनिवार्य माना जाता है ।
भारतीय सेना में अपना कैरियर बनाने वाले निम्न प्रक्रिया से गुजरते हैं:
- बारहवीं के बाद उम्मीदवार को आर्मी में अस्थायी और स्थायी रूप से परीक्षा देकर अपनी सेवा का चुनाव करना होता है ।
- बारहवीं में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान, इंग्लिश और मैथ विषयों में 50% अंक होना अनिवार्य होता है ।
- इंडियन आर्मी में आवेदन करने के लिए आयु सीमा 17 से 23 के बीच होती है ।
- इंडियन आर्मी की परीक्षा यूपी.एस.सी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर होती है, यह परीक्षा कम्बाइंड डिफेन्स सर्विसेस (सीडीएस) या नेशनल डिफेन्स अकादमी (एनडीए) इन दो आधार पर होती है ।
- इंडियन आर्मी में अस्थायी सेवा के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में चयनित होने के बाद उम्मीदवार 7 से 10 वर्ष तक अपनी सेवा दे सकता है । वहीं स्थायी सेवा में उम्मीदवार रिटायरमेंट तक अपने सेवा देश को दे सकता है । इं
- डियन आर्मी में जाने के लिए शारीरिक और चिकित्सकीय प्रशिक्षण से भी गुजरना होता है । इन सब प्रकिया से गुजरने के बाद इंटरव्यू के आधार पर उम्मीदवार का चुनाव इंडियन आर्मी के लिए होता है ।
इंडियन आर्मी में महिलाएं के लिए संभावनाएं –
अगर पहले की बात की जाए तो इंडियन आर्मी में सिर्फ पुरुषों का ही चयन किया जाता था, लेकिन कुछ वर्षों से इस चयन प्रक्रिया में अंतर देखा जा सकता है । अब इंडियन आर्मी में पुरुषों के साथ-साथ महिलायों का भी चयन किया जाता है । इंडियन आर्मी में महिलाओं के लिए मेडिकल कोर, मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेस, एजुकेशन कोर, जेएजी, सिग्नल कोर आर्मी इंटेलिजेंस इत्यादि में भरपूर संभावनाएं है। एयर फोर्स में महिलायों को शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत ही चयन किया जाता है ।
स्पेशल फोर्सेस –
इंडियन आर्मी में ही एक स्पेशल फोर्सेस होते है, जिन्हें विशेष आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार किया जाता है । स्पेशल फोर्सेस के तीन अंग होते हैं- मरीन कमांडो, पैरा कमांडों व एनएसजी/ नेशनल सिक्यूरिटी ग्रुप या ब्लैक किट्स कमांडों । आर्मी के फोर्सेस के ऑफिसर को ही स्पेशल फोर्स में चयन किया जाता है । इनका प्रशिक्षण बहुत ही कठिन प्रक्रिया के द्वारा होता है । यह फोर्सेस किसी भी आपात स्थिति में अपना संतुलन बना कर रखते है और देश की रक्षा करते है ।
इंडियन आर्मी में दो तरह से भर्तियां की जाती है:-
नॉन टेक्निकल
- इन्फेंटरी आर्म्ड कोर
- आर्टिलरी
टेक्निकल
- कोर ऑफ इंजीनियर्स
- कोर ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स
- कोर ऑफ सिगनल्स
- प्रशासनिक एवं सहायक सेवाएं
- आर्मी सर्विस कोर
- आर्मी पोस्टल कोर
- आर्मी ऑर्डिनेंस कोर
- आर्मी एजुकेशन कोर
- रिमाउंट एंड वेटरिनेरि कोर, जज, एडवोकेट
- जनरल कोर, कोर ऑफ मिल्रिटी
- इंटेलिजेन्स कोर
- आर्मी कैन्टीन सेवा
- आर्मी पायनियर कोर
- डिफेन्स सिक्यूरिटी कोर