एयर मार्शल अर्जन सिंह – जीवन परिचय

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जीवन -वृत्त :

एयर मार्शल अर्जन सिंह का जन्म १५अप्रैल १९१९को पंजाब के लायलपुर के एक सैन्य परिवार में हुआ था । यह स्थान अब फ़ैसलाबाद (पाकिस्तान) में है । इनका परिवार में दादा, पिता भी सेना में रहे । इनका पूरा नाम अर्जन सिंह औलख था ।

इनकी आरंभिक पढ़ाई ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) के मांटरगोरी में हुई ।उन्होंने १९३८ में रॉयल एयर फोर्स कॉलेज, क्रैनवल में प्रवेश लिया। दिसंबर १९३९ में एक पायलट अधिकारी के रुप में उनकी नियुक्ति हुई । सिंह भारतीय वायु सेना के एकमात्र अधिकारी थे, जिन्हें पाँच सितारा स्तर पर पदोन्नत किया गया ।

दायित्व :

अपने अदम्य साहस के बल पर सिंह ने वायुसेना के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन  सुचारु रूप से किया । १९४४ में सिंह ने भारतीय वायु सेना की नंबर एक स्वाडन का नेतृत्व जापान के खिलाफ़ अराकन अभियान में सफलतापूर्वक किया । इसके लिए  उन्हें प्रतिष्ठित उड़ान क्रास (डीएफसी)  सम्मान (१९४४) सम्मानित किया गया ।इस सम्मान को पाने वाले प्रथम पायलट हैं । १९४५ में प्रथम भारतीय वायु सेना की प्रदर्शन उड़ान की कमान संभाली ।द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी उन्होनें अतुलनीय साहस को साथ ६० विभिन्न तरह के विमान उडाए, उस समय के उडानों में परिवहन भी साथ हुआ करते थे । निडरता का अभूतपूर्व परिचय दिया उन्होनें द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान । इस युद्ध में अतुलनीय योगदान हेतु उन्हें वायु सेनाध्यक्ष से पदोन्नत कर एयर चीफ़ मार्शल बनाया गया  । वे भारतीय वायु सेना के प्रथम   एयर चीफ़ मार्शल थे ।  १अगस्त १९६४ से १५ जुलाई १९६  तक वह वायु सेनाध्यक्ष (सीएएस)  रहें । १९६५ के भारत – पाकिस्तान के युद्ध के दौरान उनके अप्रतिम साहस की प्रशंसा  करते हुये   तात्कालिक रक्षा मंत्री वॉई बी चव्हाण ने कहा कि “ एयर मार्शल अर्जन सिंह एक असाधारण व्यक्त हैं ।काफी सक्षम नेतृत्व देने वाले हैं ।” १९६९ में ५० साल की आयु में सेवानिवृती ली ।१९७१ में (सेवानिवृत्ति के पश्चात) उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत के रुप में नियुक्त किया गया और  वेटिकन में भी राजदूत के पद पर अपनी सेवाएं दीं ।

पुरस्कार :

पद्म विभूषण जनरल सर्विस मेडल १९५७, समर सेवा स्टार्, रक्षा पदक, सैन्य सेवा पदक, भारतीय स्वतंत्रता पदक, प्रतिष्ठित उड़ान क्रास पदक १९३४४-४५, स्टार् बर्मा स्टार् युद्ध  पदक ।

विशेष :

१४ अप्रैल २०१६ को मार्शल के ९७ जन्मदिन को यादगार बनाने हेतु तात्कालिक चीफ़ ऑफ एअर स्टाफ एयर चीफ़ मार्शल अरुप राही ने यह घोषणा की कम पश्चिम बंगाल के पनागढ के भारतीय वायु सेना  स्टेशन का नाम मार्शल अर्जन सिंह के नाम पर “अर्जन सिंह स्टेशन” के नाम से जाना जाएगा ।

मृत्यु :

साहसी, वीर, निडर एवं दुनिया के चौथे नंबर की भारतीय  वायु सेना के प्रथम चीफ़ मार्शल  अर्जन सिंह ने दिल्ली के आर. आर. अस्पताल में १६ सितंबर २०१७ को जिंदगी और मौत के जंग में ९८ वर्ष के आयु में  एक  महान विभूति  ने दुनिया को अलविदा कह दिया ।

२००२ के गणतंत्रता दिवस के अवसर पर मार्शल रैंक से सम्मानित किए गए इस अद्भुत शौर्यवान पराक्रमी योद्धा पर हर भारतीय को नाज़ है ।जननी भारती के इस  अमर वीर  को सपूत को सादर

 

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