डिजिटलाइजेशन के इस दौर में जहां हर चीज अब ऑनलाइन होती जा रही है। वहीं अब आप अपने जरूरी दस्तावेजों को भी ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं। मार्केट में अब बहुत सी ऐसी प्राइवेट कंपनियां हैं जो आपको फाइलों और दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर करने की सुविधा देती है, जिसे क्लाउड स्टोरेज कहा जाता है। लेकिन अब सरकार भी आपको ये सुविधा मुहैया करा रही है। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का अहम हिस्सा है डिजिटल लॉकर। लेकिन ये डिजिटल लॉकर क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है। इस सभी चीजों की जानकारी अगर आपको नहीं है तो चलिए जानते हैं डिजिलॉकर से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।
क्या है डिजिलॉकर (What is Digilocker)
डिजिलॉकर (डिजिटल लॉकर), एक तरह का वर्चुअल लॉकर है। जिस प्रकार मार्केट में वर्चुअल करेंसी है, वर्चुअल वॉलेट है। जिसे हम देख नहीं सकते लेकिन उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ठीक उसी प्रकार से डिजिटल लॉकर भी एक ऑनलाइन सर्विस है। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का एक प्रमुख हिस्सा है। इसके तहत एक ऐसी वेब सेवा दी जा रही है, जिसमें आप अपने जरूरी दस्तावेजों जैसे- बर्थ सार्टिफिकेट, क्वालिफिकेशन सार्टिफिकेट्स, पासपोर्ट को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं।
डिजिलॉकर बनाने का उद्देश्य और इसकी खासियत
डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए डिजिटल लॉकर लॉंच करने के पीछे सरकार का एकमात्र मकसद भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना है। साथ ही एजेंसियों और दफ्तरों में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को सक्षम करना है।
डिजिलॉकर की खासियत ये है कि अब आप कभी भी और कहीं भी अपने दस्तावेजों को इसके जरिए जमा कर सकते हैं। इसके लिए अब आपको अपने जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी लेकर घूमने की कोई जरुरत नहीं होगी। बस आप यूआरएल पेस्ट कर दीजिए, आपके सभी दस्तावेज खुल जाएंगे। यानी कि यहां आप अपने दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्म में रख सकते हैं। आपको बता दें कि वेबसाइट में कहा गया है, ‘डिजिटल लॉकर अधिकृत उपभोक्ताओं/ एजेंसियों को किसी भी समय और कहीं भी अपने दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से अपलोड और साझा करने की सहूलियत देता है।’ यानी कि इसके लिए कोई टाइम पीरियड भी नहीं है। इसका इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है।
हाल ही में डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने डिजिटल लॉकर का बीटा वर्जन लॉन्च किया है।
डिजिलॉकर में कैसे खोलें अकाउंट
डिजिलॉकर में अकाउंट खोलना बहुत आसान है। लेकिन इसके लिए आधार कार्ड का होना बेहद जरूरी है। बिना आधार कार्ड के डिजिटल लॉकर में अकाउंट नहीं खोला जा सकता है।
- इसके लिए सबसे पहले डिजिलॉकर की ऑफिशियल वेबसाइट, https://digilocker.gov.in/ ,पर जाना होगा।
- यहां आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसके लिए साइन अप के ऑप्शन पर क्लिक करके आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा।
- आपके मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिसे डालने के बाद साइट के लिए आप अपना यूजर नेम और पासवर्ड डाल सकते हैं।
- इसके बाद आपसे आपका आधार कार्ड नंबर मांगा जाएगा, जिसे आपको भरना होगा।
- आधार कार्ड नंबर डालने के बाद आपसे फिर से OTP मांगा जाएगा, जिसे डालने के बाद वैरिफाई पर क्लिक कर दें।
- ऐसा करने के बाद आपका अकाउंट डिजिलॉकर में खुल जाता है।
- यहां आप अपने सारे जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते है।
डिजिलॉकर ऐप
डिजिलॉकर का इस्तेमाल मोबाइल में भी किया जा सकता है। आप गूगल प्ले स्टोर से डिजिलॉकर मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कर सकते है। इसका लिंक है, https://play.google.com/store/apps/details?id=com.digilocker.android
डिजिलॉकर से दस्तावेज कैसे हटाएं
अगर आपने डिजिलॉकर में अपना अकाउंट बनाया है और आप उसमें से कोई दस्तावेज हटाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप डिजिलॉकर के डैशबोर्ड में जाएं, और आपको जो दस्तावेज हटाने हैं उस पर क्लिक कीजिए। इससे वहां आपको डिलीट (Delete) का ऑप्शन दिखाई देगा। आप ‘डिलीट’ पर क्लिक कर दीजिए, आपके अकाउंट से वो दस्तावेज हट जाएगा।
डिजिलॉकर से जुड़ी कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां
- डिजिलॉकर की स्टोरेज क्षमता १० एमबी तक है। कहा जा रहा है कि इसके अगले संस्करण में इसकी क्षमता 1 GB कर दी जाएगी।
- इसमें एक फाइल १ MB से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- इसमें अपलोड करने के लिए फाइल का फॉर्मेट pdf, jpg, jpeg, png और bmp ही होना चाहिए।
- अगर आप डिजिलॉकर से जुड़ी ज्यादा जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको डिजिलॉकर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
निष्कर्ष
डिजिटल लॉकर की साइट हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। इसका इस्तेमाल निशुल्क किया जा सकता है। वाकई डिजिटलाइजेशन की ओर भारत सरकार का ये एक बहुत ही बढ़िया कदम है। इससे उपभोक्ताओं और संस्थानों दोनों को बहुत फायदा पहुंचेगा। अगर आप भी भारत सरकार के इस डिजिटल लॉकर की स्कीम से सहमत हैं तो कमेंट जरूर करें।