भारत की भूमि में जन्मे धर्म

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भारत एक आध्यात्मिक भूमि के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध है जो चार धर्मों: हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म, का जन्मस्थल है और जिसका अस्तित्व आज भी दुनिया में मौजूद है। इन धर्मों को “पूर्वी धर्मों” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। भारत के लोगों को धर्म में एक अटूट विश्वास है क्योंकि वे मानते हैं कि धर्म जीवन को न सिर्फ एक अर्थ प्रदान करता है परंतु एक उद्देश्य से जोड़ने का भी काम करता है। धर्म यहाँ केवल मान्यताओं तक ही सीमित नहीं है, लेकिन यह नैतिकता, अनुष्ठान, समारोह और जीवन दर्शन को भी शामिल करता है।

भारत की अधिकतर आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है जिसे देश में सबसे प्राचीन धर्म की उपाधि दी गई है। हिंदू धर्म की शुरुआत वैदिक काल के दौरान 500 ईसा पूर्व और 300 सीई के आस-पास हुई थी तथा इसकी जड़ें चार वेद: रिगवेद, सामवेद, अर्थववेद और यजुर्वेद, में समावेश हैं। रामायण और भगवद गीता हिंदुओं की पवित्र किताबें हैं।हिंदु, वेदों और उपनिषदों के सिद्धांतों को मानते हैं तथा उनके पूजागृह को मंदिर के रूप में जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुयायि मूर्तियों की पूजा करते हैं जिसे परमेश्वर का एक प्रतिबिंब माना जाता है।

बौद्ध धर्म भारत में सिद्धार्थ गौतम द्वारा स्थापित किया गया था जिन्हें “बुद्ध” के रूप में भी जाना जाता है। बौद्ध धर्मं को मानने वाले संसार, कर्म और पुनर्जन्म की अवधारणाओं में विश्वास करते है तथा बुद्ध की शिक्षाओं पर अमल करते हैं। बौद्ध धर्म प्रेम, दया और ज्ञान के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करने में विश्वास रखता है।

जैन धर्म का जन्म 7वीं-5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में हुआ था तथा माना जाता है कि इसे महावीर द्वारा स्थापित किया गया था। यह धर्म अहिंसा (अहिंसा), अपारिग्रहा(गैर अधिकार) और अनिकांतवाद(गैर निरंकुश) के सिद्धांतों का पालन करता है। जैनियों के इतिहास के अनुसार,जैन धर्म के चौबीस धर्म गुरु थे जिन्हें तीर्थंकर के रूप में जाना जाता है – रिषभ देव पहले तीर्थंकर थे जबकि महावीर आखिरी। इस धर्म के अनुयायी अहिंसा, सत्य, अस्तेया, ब्रह्मचर्य और अपारिग्रहा के पांच प्रतिज्ञा लेते हैं।

गुरु नानक ने 15 वीं सदी के दौरान,पंजाब क्षेत्र में सिख धर्म की स्थापना की थी।गुरु ग्रंथ साहिब सिखों की पवित्र पुस्तक है तथा इस धर्म के पूजा स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। सिख धर्म, उपवास या तीर्थ करने में विश्वास नहीं रखता क्योंकि यह मानता है कि भगवान हर जगह मौजूद है।

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