ब्रिटिश राज में भारतवासियों को अनेक प्रकार से प्रताड़ित होना पड़ा था। लेकिन तब भी ब्रिटिश शासकों द्वारा अपने शासन और प्रशासन की सुविधा के लिए कुछ कार्य इस प्रकार के किए गए, जिंका लाभ आज भी भारत का जनमानस उठा रहा है। ऐसे ही काम था 1853 में आवागमन और प्रशासनिक कार्यों में सरलता के लिए रेल परिवहन व्यवस्था को शुरू किया गया था। तब से लेकर आज तक भारतीय रेल, भारत के परिवहन की रीढ़ बनकर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बन गया है। 160 वर्षों से रेलवे विभाग कार्य करता हुआ सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में असंख्य कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध करवाता है। बदलते समय के साथ रेलवे की तकनीक और प्रणाली में निरंतर सुधार और परिवर्तन आते रहते हैं। इसी क्रम में वर्तमान सरकार ने एक परियोजना का प्रारम्भ किया है जिसे “सक्षम परियोजना” का नाम दिया गया है।
रेलवे सक्षम परियोजना क्या है :
वर्तमान सरकार के रेल परिवहन और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल के निर्देश पर 14 नवंबर 2017 को ‘सक्षम परियोजना’ का शुभारंभ किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत अगले एक वर्ष तक प्रत्येक ज़ोन के सभी कर्मचारियों के कार्य कौशल और उनकी कार्यक्षमता में सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत सभी स्तर के अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य से संबन्धित कौशल का एक सप्ताह का तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
“सक्षम” क्यूँ विशेष है :
रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों की उत्पादकता और कार्य कौशल में सुधार के लिए सक्षम परियोजना का आरंभ किया जा रहा है। इस परियोजना का आरंभ जनवरी 2018 से होगा और इसके सितंबर 2018 तक पूरे होने का लक्षय रखा गया है। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं:
- इसमें कर्मचारियों की उत्पादकता और कार्य कौशल में सुधार और विकास करने के लिए विशेष रूप से पाठ्यक्र्म का निर्माण किया जाएगा।
- इस परियोजना के अंतर्गत रेलवे के उच्चतम प्रबंधन से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी तक, प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और श्रमिक को प्रशिक्षण में भाग लेना अनिवार्य है।
- परियोजना में प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम कर्मचारी के कार्य की प्रकर्ति के अनुसार निर्मित किया जाएगा। इसके अंतर्तगत विश्व के समकक्ष कर्मचारी और अधिकारियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली तकनीक को सिखाने से लेकर नयी तकनीक का प्रशिक्षण तक शामिल किया जाएगा।
- यह प्रशिक्षण या तो कर्मचारियों को उनके कार्य स्थल पर काम के दौरान पाँच दिन की अवधि में दिया जाएगा या विशेष रूप से रेलवे प्रशिक्षण केन्द्रों पर उपलब्ध करवाया जाएगा।
- रेलवे के सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिये गए हैं की 31.12.2017 तक वो अपने संबन्धित क्षेत्रों के अधिकारियों, कर्मचारियों व सभी मानव शर्मिकों की प्रशिक्षण आवशयकताएँ चीन्हीत कर लें। इसके बाद इन सभी को छोटे-छोटे समूहों में बाँट कर पूरे प्रशिक्षण की व्यवस्था की सूचना केन्द्रीय रेलवे मंत्रालय को 31 दिसंबर तक दे दें।
- इस परियोजना को स्वामी विवेकानंद की 155 जन्मतिथि पर शुरू किए जाने का अनुमान है।
- मंत्रालय की ओर से प्रबन्धकों को यह निर्देश दिया जा रहा है की वो इस परियोजना में प्रशिक्षित कला-कौशल का समुचित उपयोग करना भी सुनिश्चित करें।
इस परियोजना का मुख्य उद्देशय रेलवे के मानव संसाधन को नवीनताम तकनीक और प्रणाली से अवगत करवाना है। इसके द्वारा उनकी उत्पादकता और कार्य क्षमता में सरलता से सुधार और विकास हो सकता है।