ईद के पीछे जश्न मनाने का इतिहास

[simplicity-save-for-later]
8834

इस्लाम धर्म के तहत दो प्रकार की ईद मनाई जाती हैं। ईद का त्यौहार रमज़ान का ख़त्म होना और ईद का चाँद नज़र आने पर उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है। इस्लामी साल में दो ईद होती है उनमें से एक ईद-उल-फितर और दूसरी ईद-उल-जुहा या बकरीद कहलाती है। ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाई जाने लगी। दोनों ईद को अल्लाह की प्रमुख कृत्यों का पालन किया जाता है । पहले ईद-उल-फितर जो रमजान माह के आखरी दिन मनाई जाती है और दूसरी ईद-उल-जुहा है यह हज यात्रा के माह में मनाई जाती है।यह एक बेहतर तरीका है ईद त्यौहार को समझाने और उसके महत्व को सही तरीके से समझने का |

रमजान माह इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। यहां पर इस्लाम एक चंद्र कैलेंडर है जिसका अर्थ है, हर महीना नया चाँद के साथ शुरू हो गया है | इस्लामी कैलेंडर ” एम वी इ ” के रूप में जाना जाता है और यह सामान्य कैलंडर की तुलना में ग्यारह दिन कम हैं । ईद-उल-फितर और ईद-उल-अधा दोनों एक दूसरे से अलग भी हैं| ईद-उल-अधा को बड़ी ईद के रूप में जाना जाता है।

ईद-उल-अधा

अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहीम ने जब अपने बेटे इस्माईल को कुर्बान करने की तैयारी की थी, जिसे अल्लाह ने गब्रेइल को भेज कर इब्राहिम के बेटे की जगह बकरी रखवा दी। अल्लाह को उनकी यह अदा इतनी पसंद आई की तभी से ईद-उल-अधा का त्यौहार मनाया जाने लगा |

ईद-उल- फितर

एक और ईद का त्यौहार, ईद-उल-फितर के रूप में जाना जाता है. ईद-उल- फितर इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। ईद-उल-फितर इस्लामी पैगंबर मुहम्मद द्वारा शुरू किया गया है| जिसके दौरान मुस्लिम लोग एक महीने का उपवास रखते हैं| ये परंपरा और त्यौहार मक्का में प्रोफेट के आने के बाद से शुरू हुआ था|जब प्रोफेट मदीना आये तब उन्होंने लोगों को अपने मनोरंजन के लिए २ दिन आराम और आंनद करते देखा |जिस पर प्रोफेट ने इस त्यौहार का कारण पूछा और लोगों ने कहा की यह मनोरंजन और आराम के लिए है | तो इस पर प्रोफेट ने कहा की अल्लाह ने २ दिन निश्चित किये है जो इस से अच्छे है वो है ईद उल फितर और ईद-उल-अधा |

मुसलमानों के लिए ईद अल-फितर और ईद अल-अधा, अल्लाह को याद करने और आभार प्रकट करने और गरीबों को दान देने का अवसर है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.