अगर बायोटेक्नोलॉजी में है रुचि, तो जेनेटिक इंजीनियरिंग बन सकता है करियर का बेहतर विकल्प

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genetic engineering career

इंजीनियरिंग हमेशा से एक अच्छे करियर का बेहतर विकल्प रहा है। जैसा कि हम जानते है कि इंजीनियरिंग में भी छात्रों के पास इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, मरीन, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे कई स्कोप मौजूद होते हैं। वैसे में आजकल एक और नया क्षेत्र है जो इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए पसंदीदा और बेहतर विकल्पों में से एक है। जिसका नाम है जेनेटिक इंजीनियरिंग। इसे हिन्दी में अनुवांशिक अभियंता भी कहा जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग विज्ञान का एक अत्याधुनिक ब्रांच है। ये बायोटेक्नोलॉजी के अंतर्गत आता है। इसमें सजीव प्राणियों के डीएनए कोड में मौजूद जेनेटिक को अत्याधुनिक तकनीक के जरिए परिवर्तित किया जाता है।

क्या है जेनेटिक इंजीनिरिंग­­­­­­

जेनेटिक इंजीनियरिंग का इस्तेमाल बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किया जाता है। ये एक शोध आधारित क्षेत्र है, जिसका इस्तेमाल आज दवाईयों से लेकर कृषि और पर्यावरण आदि क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जेनेटिक इंजीनियरिंग में जेनेटिक तकनीक के ज़रिए जींस की मदद से पेड़-पौधे, जानवर और इंसानों में अच्छे गुणों को विकसित किया जाता है। जेनेटिक तकनीक के जरिए ही रोग प्रतिरोधक फसलें और सूखे में पैदा हो सकने वाली फसलों का उत्पादन किया जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग के इस्तेमाल से ही पेड़-पौधे और जानवरों में ऐसे गुण विकसित किए जाते हैं, जिससे उनके अंदर बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। इस तरह के पेड़-पौधे जीएम यानी जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड के रूप में जाने-जाते हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग आर्टिफिशियल तकनीकों से डीएनए सरचना और डीएनए के प्रतिरोपण से नई किस्मों या नई प्रजातियों के विकास के पीछे बढ़ा उद्देश्य होता है।

जेनेटिक इंजीनियर के रुप में करियर

जेनेटिक इंजीनियर की डिमांड अब ना सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ी है। जेनेटिक इंजीनिरिंग के रुप में रोजगार के अवसर मुख्य रुप से मेडिकल, फार्मास्युटिकल कंपनी, एग्रीकल्चर सेक्टर, प्राइवेट और सरकारी रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर में होते हैं। कई ऐसे संस्थान भी हैं, जो जेनेटिक इंजीनियर को हायर करती है। साथ ही यहां आप टीचिंग को भी करियर ऑप्शन के रूप में रख सकते हैं। इन सब के अलावे भी इसमें रोजगार के कई विकल्प मौजूद हैं, जैसे बायोटेक लेबोरेटरी में रिसर्च, एनर्जी और एंवायरनमेंट से संबंधित इंडस्ट्री, एनिमल हसबैंड्री, डेयरी फार्मिंग आदि।

कोर्सेज और योग्यता

आइए अब जान लेते हैं कि जेनेटिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए कौन- कौन से कोर्स मौजूद हैं। और उनके लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए।

इस फील्ड में स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए जेनेटिक्स या इससे जुड़े क्षेत्रों जैसे- बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मोलीकुलर बायोलॉजी आदि में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होना जरूरी है। बायोटेक्नोलॉजी में यूजी या पीजी की पढ़ाई के दौरान जेनेटिक्स में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है। इसके लिए ये विभिन्न कोर्सेज हैं, जिसके जरिए आप जेनेटिक इंजीनियर की डिग्री हासिल कर सकते हैं।

बैचलर कोर्सेज

  • बैचलर ऑफ इंजीनिरिंग इन जेनेटिक इंजीनियरिंग
  • बी टेक इन जेनेटिक इंजीनियरिंग
  • बीएससी इन जेनेटिक इंजीनियरिंग

मास्टर कोर्सेज

  • मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग इन जेनेटिक इंजीनियरिंग
  • एम.टेक इन जेनेटिक इंजीनियरिंग
  • एम. एससी इन जेनेटिक इंजीनियरिंग

स्पेशलाइजेशन

  • क्लिनिकल जेनेटिक्स
  • जेनेटिक ऑलगरिथ्म
  • मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स
  • क्लासिक्ल जेनेटिक्स

अंडर ग्रेजुएशन कोर्स के लिए उम्मीदवार का विज्ञान विषय से 12वीं पास होना जरूरी है। देश के ज्यादातर कॉलेज जेईई मेन में प्राप्त किंए अंकों  के अनुसार इन कोर्सेज में एडमिशन देते हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए उम्मीदवार के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से जेनेटिक इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री होनी चाहिए। पीजी में एडमिशन के लिए ज्यादातर कॉलेज गेट (GATE) में मिले अंकों के आधार पर एडमिशन देते हैं। कुछ प्रतिष्ठित संस्थान बीटेक, एमटेक इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश का मौक़ा भी देते है। जेएनयू द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के लिए प्रवेश परिक्षा आयोजित के जाती है।

देश के प्रमुख संस्थान

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास, खड़गपुर
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली
  • सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंट एन्ड डायग्नोटिक्स, हैदराबाद
  • सेंटर फॉर जीनोमिक्स एन्ड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, दिल्ली
  • पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
  • आईआईटी, गुवाहाटी
  • राजेंद्र एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बिहार
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

निष्कर्ष

सफल जेनेटिक इंजीनियर बनने के लिए आपमें रिसर्च करने की आदत, कॉन्सन्ट्रेशन पावर, लाइवली इमैजीनेशन, तेज दिमाग, हार्ड वर्किंग स्किल, टीम वर्क जैसी विशेषताएं होनी चाहिए। जेनेटिक इंजीनियरिंग से जुड़ा हमारा ये आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बताएं।

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