बचपन में सबने अपने इतिहास में पढ़ा ही होगा की हिंदुस्तान और आज का भारत विश्व के मानचित्र में सोने की चिड़िया कहलाता था। लेकिन इस सोने की चिड़िया के पंख विदेशी आततियों के हाथों नोंच कर उसे लहूलुहान करने का जो सिलसिला सदियों पहले शुरू हुआ था, वो आज आधुनिक दौर में भी बदस्तूर जारी है। आज के आततायी, आतंकवादी के नाम से जाने जाते हैं और जब-तब अपनी ताकत आजमाने के लिए हिंदुस्तान की धरती को लाल करते रहते हैं। न जाने कितनी बार भारत की भूमि को इन आतंकवादियों के हमलों से घायल होना पड़ा है, इसका हिसाब रखना किसी भी भारतीय की लिए बहुत तकलीफ़देह है। फिर भी कुछ आतंकी हमले इस प्रकार के हैं जिन्होनें भारत भूमि पर अपने गहरे निशान छोड़े हैं। सबसे पहले भारत में 1993 में आतंकी हमला हुआ था जिससे भारत ही नहीं पूरा विश्व थर्रा गया था। उसके बाद भी अनेक बार इस प्रकार की घटनाओं को दोहराया गया। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- एयर इंडिया बम ब्लास्ट:
- कोयंबटूर धमाका:
14 फरवरी 1998 को कोयंबटूर में इस्लामिक आतंकवादियों ने 11 जगह पर 12 धमाके किए जिसमें 60 लोगों की मौत और 200 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे।
- बंबई बम ब्लास्ट:
12 मार्च 1993 को सबसे पहले बंबई की धरती हिल गयी थी जब एक ही दिन में हुए अलग-अलग धमाकों में 257 लोग मारे गए और 713 घायल हो गए थे।
- भारतीय संसद हमला:
भारतीय इतिहास का यह सबसे काला दिन माना जाता है जब 3 दिसंबर 2001 को 5 आतंकवादियों ने संसद को बंधक बनाने की कोशिश में हमला किया था। इसमें सभी आतंकवादियों के साथ 9 पुलिसकर्मी और संसद कर्मचारी भी शहीद हो गए थे।
-
झवेरी बाजार और गेटवे ऑफ इंडिया ब्लास्ट :
मुंबई के इन दोनों स्थानों पर अलग-अलग कारों में रखे बमों से विस्फोट करके 50 लोगों की जान ली गयी।
- दिल्ली दीवाली विस्फोट :
29 अक्तूबर 2005 को, दीवाली से दो दिन पहले किए गए तीन विस्फोटों में 60 लोग घायल और 200 लोग मृत्यु को प्राप्त हुए थे।
- मुंबई रेल विस्फोट :
11 जुलाई 2006 को मुंबई की रेलों में सात सीरियल ब्लास्ट किए गए जिसमें 209 व्यक्ति कालग्रसित हुए और 715 लोग घायल हुए।
- हैदराबाद सीरियल विस्फोट:
25 अगस्त 2007 को हैदराबाद में हुए धमाके में 35 लोगों की जान गयी और घायलों को गिना नहीं जा सका।
- जयपुर विस्फोट :
13 मई 2008 को गुलाबी नगरी जयपुर को लाल करने के लिए 9 धमाके किए गए जिसमें 63 लोगों की जान गयी और 210 घायल हुए।
- मुंबई आतंकी हमला:
26 नवम्बर 2008 को दस पाकिस्तानी आत्मघाती हमलावरों ने नरीमन पॉइंट, ओबराय होटल और ताज होटल पर कब्जा करके 180 लोगों की जान ली और 300 लोग घायल हुए।
इसके अलावा पठानकोट हमला, गुरदासपुर आतंकी धमाका, और काश्मीर में होने वाले आतंकी हमले तो किसी भी क्रम में आने से भी अधिक भयानक थे।










































