न्यायिक सेवा परीक्षा देश की कठिन परीक्षाओं में से है। देश के हर राज्य में इस परीक्षा का अपना अलग ढाँचा है और अलग ही पाठ्यक्रम है। इस लिए इस परीक्षा की तैयारी उस पर भी निर्भर करती है कि आप किस राज्य की परीक्षा दे रहे है। यह बात इसे अन्य परीक्षाओं से खास बनाती है। इस लिए इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत योजना और निष्ठा चाहिए, यहाँ पर हमने आपको 6 ऐसे खास तरीके बताये है जिससे आप इस परीक्षा में सफल हो सकते है।
1. जैसे कि पहले बताया गया है, हर राज्य की अलग परीक्षा होती है। परीक्षा का ढांचा भी कितनी रिक्तियां भरी जानी है उसपर निर्भर करता है। इस लिए आपको पिछले सालों के प्रश्नपत्रों को ढूँढकर उनका अभ्यास करना चाहिए।
2. इस परीक्षा में प्रारंभिक और मुख्य, ऐसे दो मूल्यांकन किये जाते है। आदर्श परिस्थितियों में आपको मुख्य परीक्षा की तैयारी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी से पहले करनी चाहिए। लेकिन यह योजना कम कानून वाली परीक्षा (जैसे हरियाणा) में सफल होगी। राजस्थान, जहाँ 40 से ज्यादा कानून जांचे जाते है वहां अलग योजना बनानी पड़ेगी।
3. कानून को सिर्फ पढ़ते और रटते रहने की जगह हर चीज़ को समझने में ज्यादा वक्त देना चाहिए। कानून की भाषा एवं शब्दों का प्रयोग कब और कहाँ करना है वो समझ विकसित होने के बाद ही जान पायेंगे। हो सके तो एक से ज्यादा पुस्तकों का प्रयोग करें जिससे आपको इस विषय की गहराई तक पहुँचने का मौक़ा मिलेगा।
4. अपनी तर्क शक्ति को विकसित करें। हर चीज़ के पीछे एक कारण होता है और इस कारण को जानने का प्रयत्न कीजिये। यह इंटरव्यू में बहुत उपयोगी साबित होगा। इस रवैये से प्रारंभिक परीक्षा, जिसमें बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते है, उसमें गलत विकल्पों को हटाने में मदद मिलेगी।
5. प्रारंभिक परीक्षा में आपको पूरे विषय का उपरी ज्ञान होना आवश्यक है। बहुत से सवाल किसी महत्वपूर्ण मुक़दमे या ख्याति प्राप्त जज के बारे में पूछे जाते है। आंकड़े और साल को याद रखना अत्यंत आवश्यक है। एक बार में यह सब चीजें याद रखना मुश्किल है। इस लिए एक ही चीज़ बार बार पढ़ें।
6. याद रखें कि इस परीक्षा में आपके भाषाओँ (हिन्दी और अंग्रेजी) के ज्ञान को भी जाँचा जाता है। भाषा के मूल्यांकन के लिए निबंध, समझ, कहावत इत्यादि के बारे में सवाल पूछे जाते है। इन सबके अभ्यास के लिए हर हफ्ते कुछ घंटे हिन्दी और अंग्रेजी में लिखाई करें।