कुछ ऐसे टैक्स जो जीएसटी लगने के बाद हो गए समाप्त

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जीएसटी यानी कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स। 1 जुलाई 2017 से भारत के कर यानी कि टैक्स प्रणाली में बहुत बदलाव आया। यह एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है। यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जाता है। पहले केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अलग- अलग टैक्स लगाए जाते थे उन सभी करों को हटाकर “एक देश, एक टैक्स” पर आधारित व्यवस्था जीएसटी को लागू किया गया। दुनिया भर में बहुत से देश हैं जहां जीएसटी लागू है। भारत में इसका विचार साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा लाया गया था। जीएसटी का मकसद टैक्स पर टैक्स को खत्म करना है। अब केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले 17 केंद्रीय और राज्य स्तरीय टैक्स के साथ-साथ 23 अलग-अलग तरह के सेस के बदले केवल जीएसटी देना होता है। आइए जानते हैं कि जीएसटी आने के बाद सेंट्रल और राज्य स्तर के कौन- कौन से टैक्स हो गए खत्म।

केंद्र स्तर के इन टैक्स को जीएसटी के अंदर सम्मिलित कर दिया गया है

  1. केद्रीय उत्पाद शुल्क (सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी) –
  2. अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एडिशनल एक्साइज ड्यूटी)-
  3. सर्विस टैक्स-
  4. एडिशनल कस्टम्स ड्यूटी (सीवीडी)
  5. एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम्स(एसएडी)
  6. केद्रीय उत्पाद शुल्क (सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी)
  7. सामान व सेवाओं पर लगने वाले तमाम सेस और सरचार्ज

राज्य स्तर पर मौजूद ये टैक्स जीएसटी में सम्मिलित कर दिए गए हैं

  1. सेल्स टैक्स(वैट)
  2. सेंट्रल सेल्स टैक्स (यह वो टैक्स था, जो केंद्र के द्वारा लगाया जाता था और राज्यों के द्वारा वसूला जाता था)
  3. मनोरंजन कर
  4. लक्जरी टैक्स
  5. स्टेट सेस और सरचार्ज
  6. लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए पर कर
  7. एडवरटाइजमेंट टैक्स
  8. एंट्री टैक्स (ऑल फॉर्म)
  9. पर्चेज टैक्स
  10. ओकट्राई और एंट्री टैक्स

भारत में दोहरे जीएसटी मॉडल को अपनाया गया है, जिसमें टैक्सेशन की निगरानी केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की तरफ से की जाती है। जीएसटी को मंहगाई बढ़ाने वाला टैक्स भी कहा जाता है। मलेशिया इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जीएसटी से पहले जिस सामान के उत्पादन की कीमत 100 रूपए होती थी, उनमें एक्सिज ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स इत्यादि मिलाकर उसकी कीमत करीब 132 रुपए हो जाती थी, लेकिन जीएसटी के बाद करों के इन मायाजाल को कम कर दिया गया। जीएसटी के बाद सामान पर टैक्स कम कर दिया गया। जीएसटी के बाद जिस सामान के उत्पादन की कीमत 100 रुपए होती है, उस पर 28 रुपए की जीएसटी लगाकर उसकी कीमत महज 128 रुपए ही हो जाती है।

जीएसटी के बाद कुछ चीजों के दामों में बढ़ोतरी भी हुई। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाने का प्रावधान है। पहला सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी, जो केंद्र सरकार वसूलेगी। दूसरा एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी,  जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी। तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा।  इसे केंद्र सरकार वसूल करेगी और उसे दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट दिया जाएगा।

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