सीरिया आग की लपटों में है और सारी दुनिया चुपचाप उनकी पीड़ा देख रही है । बढ़ती हुई मृत्यु दर, दिन-ब-दिन बढ़ती शरणार्थियों की संख्या देख यह निश्चित है कि यह युद्ध जल्दी समाप्त नहीं हो रहा है। लेकिन यह जानना ज़रूरी है की यह युद्ध किसने शुरू किया? कौन हैं वो जो इसे लड़ रहे हैं ? और यह इतना आक्रामक क्यों है? हम संक्षेप में इस युद्ध से जुड़े कुछ मूल तथ्यों को बताने का प्रयास करेंगे।
सीरियाई गृहयुद्ध (सीरिया सिविल वॉर)
सीरियाई गृहयुद्ध मौजूदा सीरियाई सरकार और विद्रोही ताकतों के बीच बहुसंख्यक संघर्ष है। वर्तमान राष्ट्रपति बशर अल असद की अपने शासनकाल को छोड़ने की अनिच्छा इस युद्ध का सबसे बड़ा कारण है । वह अपने किये गए सार्वजनिक स्वतंत्रता बढ़ाने और सरकार के मानवाधिकारों में सुधार करने के वादे को पूरा करने में नाकाम रहे जिसके बाद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए, और वर्ष 2011 में अल असद ने सीरिया की सरकार के खिलाफ हो रहे शांतिपूर्वक विरोध को दबा दिया जिससे लोग उकसे और तब स्वतंत्र सीरियाई सेना का गठन हुआ।
यह युद्ध मुख्य रूप से राष्ट्रपति असद को हटाने के लिए था, लेकिन यह जल्द ही अन्य समूहों और संप्रदायों द्वारा अपने व्यक्तिगत धार्मिक और निजी एजेंडा को संचालित करने का एक माध्यम बन गया । यहां तक कि पड़ोसी देश और कई और देश भी इसमें शामिल हो गए जिन्होंने सैन्य रूप और पैसों की मदद असद सरकार या उसके विद्रोहियों को दी। दोनों पक्षों के समर्थक देशों के बीच भी एक गहरी दरार देखने को मिलती है, जिसने इस ग्रहयुद्ध किसी ना किसी रूप में एक विशवुद्ध बना दिया है।
सीरियाई युद्ध में कौन शामिल है
सीरिया में रासायनिक हमले के बाद दुनिया की दो महाशक्तियां, रूस और अमरीका फिर एक दूसरे के विरुद्ध हैं। सीरिया की असद सरकार के साथ रूस खड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ अमरीका असद विरोधी समूहों के पक्ष में पहले अरब स्प्रिंग से खड़ा है। दुनिया की दो सबसे बड़ी शकितयों के आमने सामने आने से ऐसा लगता है की दुनिया का तीसरा विश्वयुद्ध दूर नहीं है। संयुक्त राज्य अमरीका ने असद विरोधी समूहों का साथ देने के साथ-साथ आईएसआईएल और अन्य आतंकवादी समूहों पर हमला किया है जो धार्मिक उग्रवाद के अपने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इस युद्ध में शामिल हुए हैं।
विदेशी सहभागिता
सीरिया की सरकार को इराक, रूस और हिजबुल्ला का समर्थन मिला है और वे इसे सैन्य रूप से समर्थन करते हैं। रूस 2015 के बाद से सरकार के पक्ष में हवाई संचालन भी करता है। दूसरी तरफ, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने विद्रोही बलों का समर्थन किया और इस्लामिक राज्य इराक और लेवेंट और सीरियाई शासन के खिलाफ 2014 में अभियान भी चलाया। यह अभियान, सीरियाई सरकार द्वारा नागरिकों पर रासायनिक हथियारों का उपयोग करने के विरोध में किया गया था। रासायनिक हथियारों के उपयोग की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी फिर 2017 में सीरिया सरकार के रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल ने संयुक्त राज्य अमेरिका को खुले तौर पर सरकार पर हमला करने के लिए मजबूर किया।
सीरिया युद्ध का परिणाम
लगभग छे साल से चल रहे इस सीरिया युद्ध में, 2.5 लाख सीरियाई नागरिक मारे गए हैं, यह संख्या तब की है जब संयुक्त राष्ट्र ने मौत की संख्या की गिनती बंद करने का फैसला लिया था । अनुमान लगाया गया है कि इस सिविल युद्ध की वजह से अब तक लगभग 4.7 लाख मौतें हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सीरिया से 1.5 मिलियन से अधिक शरणार्थी सीरिया छोड़ कर चले गए हैं ।
सीरिया की सरकार आज भी अपने नियंत्रण में देश का काफी बड़ा हिस्सा रखती है, लेकिन विद्रोहियों के पास भी कई महत्वपूर्ण शहर हैं । राष्ट्रपति असद, विद्रोहियों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है, और आने वाले अगले कुछ सालों तक इस संघर्ष का कोई अंत नहीं दिख रहा है।