भारतवर्ष ने कैसे मनाया अड़सठवां गणतंत्र दिवस

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भारत ने इस साल अपना 68वां गणतंत्र दिवस धूम-धाम से मनाया। आज ही के दिन सन् 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था जिसको बनाने में 2 साल,11 महीने और17 दिन का समय लगा था। गणतंत्र दिवस समारोह को देखने हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर एकत्र हुए थे जिनका मन उत्सह तथा देशभक्ति के भाव से भरा हुआ था। इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर संयुक्त अरब अमीरात के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। इस बार का गणतंत्र दिवस परेड कई मायनों में खास था क्योंकि राजपथ पर जहां पहली बार स्वदेशी लड़ाकू विमान “तेजस” उड़ान भरता नजर आया, वहीं देसी बोफोर्स के नाम से मशहूर “धनुष” तोप को भी सार्वजनिक तौर पर सबके सामने प्रदर्शित किया गया तथा संयुक्त अरब अमीरात का सैन्य दस्ता भी भारतीय सेना के साथ कदम से कदम मिलाता दिखाई दिया।

इस बार असम रेजिमेंट के हवलदार, हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया जो भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। देश की संस्कृति एवं शक्ति के विभिन्न रंग परेड में शामिल कई राज्यों तथा सरकारी संस्थाओं की झांकियों में देखने को मिले। जहाँ गुजरात की झांकी कच्छ की कला संस्कृति तथा लोकगीत को समर्पित भी वहीं महाराष्ट्र की झांकी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को सम्मानित थी। हरियाणा राज्य की झांकी “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के संदेश का प्रसार करती नजर आई वहीं ओडिशा की झांकी जगन्नाथ मंदिर और तमिलनाडु की झांकी लोक नृत्य काराकट्टम को समर्पित थी। परेड के दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक नृत्य का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही मोटरसाइकिल पर अदभुत करतबों का प्रदर्शन करती सेना की टीम अत्यंत मनमोहक थी।

ब्रह्मोस मिसाइल, एमआई-35 हेलिकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर रूद्र, सुखोई विमान, स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस और जगुआर परेड के बड़े आकर्षणों में से एक थे। गणतंत्र दिवस समारोह में सेना के भीष्म टैंक, टी-90 टैंक, हथियार का स्थान बताने वाले रडार “स्वाति”, इन्फैन्ट्री कॉम्बैट व्हीकल, आकाश लॉन्चर, उपग्रह टर्मिनल और आर्टिलरी गन को भी दर्शाया गया।

परेड की कुछ खास तथा सबसे आकर्षक चीजें थी – करीब सौ नेशनल सिक्युरिटी गार्ड कमांडो का दस्ता जो पहली बार परेड का हिस्सा बना, भारत का एकमात्र कैवेलरी जो अपने प्रतापी घोड़ों के साथ मार्च करता नजर आया और बीएएसएफ का ऊंट सवार दस्ता । इस वर्ष के गणतंत्र दिवस परेड का समापन राष्ट्रीय गान और हवा में छोड़े गए सैकड़ों गुब्बारों के साथ हुआ।

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