कुछ समय पहले तक यह कहा जाता था की खेलने में समय और ताकत की बरबादी होती है। इस बात को गलत सिद्ध करते हुए कुछ समय पहले एक प्रसिद्ध हिन्दी मूवी में एक छोटे से राज्य से आई दो बहनों ने न केवल अपनी खेल प्रतिभा से अपने राज्य को बल्कि पूरे देश को गौरव प्रदान किया। इस प्रकार निरंतर अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतते भारतीय खिलाड़ियों ने पुरानी सोच को बदल दिया। इसी क्रम में खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय सरकार ने सरकारी नौकरी में विशेष प्रावधान करना शुरू किया। विभिन्न विभागों और मंत्रालयों द्वारा समय-समय पर युवा वर्ग के लिए सरकारी नौकरी के लिए अधिसूचना जारी की जाती है। इसमें विभिन्न खिलाड़ियों के लिए विभिन्न पदों पर खिलाड़ियों के लिए आरक्षण किया जाता है। यह आरक्षण “खेल कोटा” कहलाता है। वर्तमान समय में खेल कोटे का न्यूनतम आरक्षण 2 प्रतिशत है।
खेलों का सरकारी नियंत्रण :
भारत में खेलों का संरक्षण, नियमन और नियंत्रण केन्द्रीय मंत्री द्वरा संचालित युवा मामलों और खेल मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल फेडरेशन के द्वारा किया जाता है।
भारत में खेलों का स्तर:
भारत में हमेशा से असंख्य शारीरिक और मानसिक खेलों का चलन रहा है। समय-समय पर कुछ खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भी रोशन किया है। इन खेलों में हॉकी, टाइरियकी, एथलीट, क्रिकेट, मुक्केबाज़ी, साइकिलिंग, टेबल टेनिस, शूटिंग, कुश्ती, फुटबॉल, गोल्फ, बास्केटबॉल, तीरंदाज़ी, हैंडबोल, वोलिबोल, रग्बी, जीमनास्तिक, कबड्डी, मोटर रेस, नेटबोल आदि प्रमुख माने जाते हैं। इनके अलावा मानसिक खों का भी पूरा महत्व माना जाता है। इनमें शतरंज, कैरम, ताश, पोलो आदि खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेले जाते हैं। इन खेलों को खेलने में पुरुष और महिला वर्ग बराबर से हिस्सा लेते हैं।
सरकारी नौकरी में खेल:
भारत में स्वतन्त्रता के बाद से खेलों और खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा स्थान सरकारी नौकरी में खिलाड़ियों के लिए कुछ पदों की संख्या में आरक्षण करना है। भारत के राज्य और केन्द्रीय सरकारी विभाग खिलाड़ियों को नौकरी देने का प्रयास करते हैं। इनमें भारत का रेल मंत्रालय, विभिन्न सरकारी बैंक, पुलिस विभाग, सेना, नौ सेना, वायु सेना आदि वो विभाग हैं जहां खिलाड़ियों को नियमित रोजगार दिया जाता है। यह विभाग विभिन्न जिलास्तर, राज्य, राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओ में भी इन खिलाड़ी कर्मचारियों की मदद से भाग लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन दक्षिण एशिया खेल प्राधिकरण, ओलंपिक, यूएसआईसी चैम्पियनशिप, एशियन खेल, फेडरेशन कप, कॉमनवेल्थ खेल और विश्व कप के रूप और अंतर्गत होता रहता है।
खेल कोटे की योग्यता:
जो खिलाड़ी खेल कोटे के अंतर्गत सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं उनके पास निर्धारित खेल संस्था द्वरा दिया गया प्रमाणपत्र होना अनिवार्य होता है। यह प्रमाणपत्र इस बात का प्रमाण होता है की संबन्धित युवा, किसी के विशेष खेल का नियमित खिलाड़ी है और खेल कोटे के आरक्षण का योग्य पात्र है।
पद और वेतनमान:
खिलाड़ियों की नियुक्ति होने के बाद उनकी कर्मचारी के रूप में उनकी विभाग में खेल प्रदर्शन के नियमनुसार पदोन्नति और वेतनमान में बढ़ोत्तरी होती रहती है।











































