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ट्विटर (Twitter) के नए सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal)

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29 नवम्बर 2021 का दिन पराग अग्रवाल के साथ-साथ करोड़ों भारतीयों के लिए ख़ुशी लेकर आया। इस दिन माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल साइट ट्विटर के को-फाउंडर और सीईओ जैक डोर्सी ने अचानक से ट्विटर के नये सीईओ के रूप में पराग अग्रवाल के नाम की घोषणा कर दी। यह दिन भारतीयों के लिए इसलिए भी गर्व से भरा हुआ रहा क्योकि इस समय में दुनिया की बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों की कमान भारतीय लोगों के हाथ में हैं। भारतीयों की इस कामयाबी से प्रोत्साहित होकर पड़ोसी देश के एक प्रशंसक ने फेसबुक के सीईओ के रूप में किसी भारतीय की नियुक्ति के सन्दर्भ में ट्वीट करके प्रश्न किया है, कि फेसबुक की कमान कब किसी भारतीय को दी जाएगी?। पराग अग्रवाल के  ट्विटर के सीईओ बनने के बाद एलन मस्क, सुन्दर पिचई सहित कई प्रोफेशनल दिग्गज की प्रतिक्रियायें आयी हैं। आज के इस लेख में हम नये  ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल से सम्बंधित बातों को आपके साथ साझा करेंगे। 

पराग अग्रवाल का व्यक्तिगत जीवन

पराग अग्रवाल का करियर सफर

पराग अग्रवाल एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं

पराग अग्रवाल का परिवार उनके  के जन्म के समय अजमेर में धान मंडी क्षेत्र में किराये के मकान में रहता था। उनका जन्म भी एक साधारण बालक के समान सरकारी अस्पताल में ही हुआ था। उनके पिताजी के पास तब इतने पैसे नहीं थे की उनका जन्म मुंबई के किसी प्राइवेट अस्पताल में करा सकें। एक साधारण परिवार की जीवन-शैली से निकल कर दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल साइट में सीईओ के पद पर आसीन होना एक असाधारण उपलब्धि है। पराग अग्रवाल एक उदाहरण हैं उन लोगों के लिए जो साधारण परिस्थितियों में पैदा होकर असाधारण काम करने की हिम्मत जुटाते हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट और याहू में भी काम कर चुके हैं पराग अग्रवाल

साल 2011 में  ट्विटर जॉइन करने से पूर्व पराग ने 3-4  महीने के छोटे से समय के लिए माइक्रोसॉफ्ट, AT&T और याहू जैसी आईटी कंपनी में इंटर्नशिप की थी। अभी एक सीईओ के रूप में पराग को 7.50 करोड़ सालाना वेतन और अलग से बोनस-स्टॉक्स की सुविधा प्राप्त होगी। आपको जानकर बहुत हैरानी होगी की  ट्विटर के निवर्तमान सीईओ जैक डोर्सी मात्र 106 रूपये का सालाना वेतन लेते थे। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ रहे बिल गेट्स भी मात्र 1 डॉलर सैलरी में काम कर चुके हैं।

सिलिकॉन वेळी की प्रमुख कंपनियों में छाये भारतीय सीईओ

सिलिकॉन वेळी अमेरिका की दिग्गज कंपनियों की कमान इस समय भारतीय मूल के लोगों के हाथों में ही है। भारत के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि इस समय गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अडोब, आईबीएम, पालो एल्टो नेटवर्क और अब  ट्विटर के सीईओ भारतीय ही हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के मेक इन इंडिया अभियान को रन बाई इंडिया की तर्ज पर चलाया जा रहा है। वर्तमान में गूगल- सुन्दर पिचई, माइक्रोसॉफ्ट-सत्य नडेला, अडोब-शांतनु नारायन, आईबीएम-अरविन्द कृष्णा, पालो एल्टो नेटवर्क- निकेश अरोरा और ट्विटर- पराग अग्रवाल ये सभी इन शीर्ष विदेशी कंपनियों में प्रमुख की भूमिका निभा रहे हैं।

दिग्गज बिज़नेस मैन एलन मस्क ने भी एक ट्वीट के माध्यम से इस बात को स्वीकार किया है – भारतीय प्रतिभाओं से अमेरिका तथा दुनिया को बहुत से फायदे हुए हैं।

 पुराने ट्वीट्स के लिए  ट्विटर पर ट्रोल किये जा रहे हैं पराग

पराग अग्रवाल के  ट्विटर का सीईओ बनते ही यूजर्स ने उनके ही हथियार का प्रयोग उनके खिलाफ कर दिया है। यूजर्स ने पराग अग्रवाल के साल 2010 के ट्वीट्स को निकालकर ट्रोल करना शुरू कर दिया है। पराग को  2010 के एक ट्वीट “अगर वे मुसलमानों और चरमपंथियों के बीच भेद नहीं करने वाले हैं, तो मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों के बीच अंतर क्यों करूं?” के कारण ट्रोल होना पड़ा है , हालाँकि उन्होंने इसके जवाब में इसे महज एक डेली शो की कुछ पंक्तियों की संज्ञा देकर सफाई प्रस्तुत की है।

इसके अतिरिक्त यूजर्स ने पराग के साल 2011 के सिंगर श्रेया घोषाल को लेकर किये गये ट्वीट को भी ट्रोल किया है , इसमें पराग ने श्रेया घोषाल को लेकर ट्वीट किया था ” लॉन्ग ड्राइव में तुम हमेशा याद आते हो श्रेया “। इस ट्वीट में कई लोगों ने पराग अग्रवाल के चरित्र को लेकर सवाल उठाये थे,  बाद में श्रेया घोषाल ने इसे बचपन की दोस्ती बताकर यूजर्स से पुराने ट्वीट्स को निकालकर न लाने की अपील की थी।

आजकल एक ट्रेंड्स सा चल पड़ा है किसी को ट्रोल करने का और इसका सबसे सटीक जरिया सोशल मीडिया है। किसी की कुंडली निकालनी हो तो लोग आजकल ट्विटर, फेसबुक, इंस्टा का सहारा ले रहे हैं। इससे पहले वर्तमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी इस तरह की ट्रोलिंग का शिकार हो चुके हैं। जब उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला था तब उनके कई पुराने ट्वीट्स वायरल कर दिए गए थे।

आइये जानते हैं ट्वीटर क्या है?

चलते चलते

दोस्तों, पराग अग्रवाल, सुन्दर पिचई, सत्या नडेला, इंदिरा नूई, विनोद धाम, निकेश अरोरा, शांतनु नारायन, अरविन्द कृष्णा जैसे बहुत से ऐसे भारतीय हैं जो विदेशी कंपनी के मुख्य अधिकारी की जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। ये सभी लोग अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर इस पोजीशन पर पहुंचे हैं। ये लोग करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, इन लोगों ने साबित किया है कि टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में भारतीयों का कोई तोड़ नहीं है। जिस प्रकार से अमेरिका अपने सॉफ्टवेयर मेकिंग और चीन अपने हार्डवेयर मेकिंग तकनीक के लिए जाने जाते हैं उसी प्रकार से भारतीय अपने टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट स्किल के लिए जाने जाते हैं। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा, हम ऐसे ही प्रेरणादायी लेख आपके लिए लाते रहेंगे। जय हिन्द।