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तबाही की कभी न मिटने वाली लकीर खींच गया Cyclone Amphan



कोरोना संकट के बीच किसी सुपर साइक्लोन ने दो दशकों के बाद बीते दिनों भारत में पहली बार दस्तक दी, जिसका नाम था चक्रवात अम्फान। पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच के तट से Cyclone Amphan ने टकराने के बाद तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए यह तूफान अत्यधिक विनाशकारी रहा, जहां इसकी वजह से 72 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई। भारत की सांस्कृतिक राजधानी और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में साइक्लोन अम्फान की वजह से बर्बादी का बड़ा मंजर देखने को मिला। 160-170 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आए इस विनाशकारी तूफान के बारे में यहां हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।

इस लेख में आप जानेंगे

चक्रवातों के नाम और एडवाइजरी के लिए पैनल

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के पीछे की वजह

यह भी जानना आवश्यक है – चक्रवात और इसके प्रकार

कैसे पड़ा चक्रवात अम्फान का नाम?

Cyclone Amphan का असर

Cyclone Amphan और Coronavirus जैसे दो विनाशकारी संकटों का सामना ओडिशा व पश्चिम बंगाल को एक साथ बीते दिनों करना पड़ा। खासतौर पर कोलकाता के अधिकतर इलाकों में पेड़ उखड़ कर गिर गए। बिजली और संचार सेवाएं भी कई इलाकों में पूरी तरीके से बाधित हो गईं। मोबाइल फोन तक कई प्रभावित इलाकों में काम नहीं कर रहे थे। लैंप पोस्ट और ट्रैफिक लाइट तक ने काम करना बंद कर दिया था। कोलकाता की कई सड़कें पूरी तरीके से जलमग्न हो गई थीं। राहत और बचाव कार्य के दौरान COVID-19 की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना जरूरी था। ऐसे में इस दौरान भी अधिकारियों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से मीडिया में जानकारी दी गई कि उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना एवं पूर्वी मिदनापुर जिले चक्रवात अम्फान की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुए। इन जिलों में बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। बीते 20 मई को दोपहर लगभग 2:30 बजे पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भूस्खलन की भी खबरें सामने आईं।

यह भी जानना आवश्यक है – क्यों पड़ी Climate Emergency की जरूरत?

चक्रवात अम्फान के लिए येलो वार्निंग

Cyclone Amphan UPSC की परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का हिस्सा हो सकता है। ऐसे में यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण होगी कि ओडिशा और बंगाल के लिए चक्रवात तूफान को लेकर येलो वार्निंग या साइक्लोन अलर्ट जारी किया गया था। तटीय क्षेत्रों में यदि प्रतिकूल मौसम की आशंका होती है तो कम-से-कम 48 घंटे पहले येलो वार्निंग या साइक्लोन अलर्ट भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी किया जाता है।

उसी तरह से कम-से-कम 24 घंटे पहले ऑरेंज अलर्ट यानी कि साइक्लोन वार्निंग जारी की जाती है। चक्रवात की वजह से यदि भूस्खलन होता है तो इसके बाद चक्रवात की गति और इसकी संभावित दिशा को ध्यान में रखते हुए प्रतिकूल मौसम की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया जाता है। भारतीय मौसम विभाग ने अपने ट्वीट में चक्रवात अम्फान को Extremely Severe Cyclonic Storm करार दिया था।

चक्रवात से भारत का नाता

Cyclone Amphan UPSC की परीक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है, जिसके तहत चक्रवात से भारत के रिश्ते को लेकर सवाल पूछे जा सकते हैं। ऐसे में आपको जान लेना चाहिए कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ही अधिकतर तूफान उत्पन्न होते हैं। इन्हें उष्णकटिबंधीय चक्रवात के नाम से हम जानते हैं। अपने निम्नदाब की वजह से ऊंची सागरीय लहरों का निर्माण उष्ण-कटिबंधीय चक्रवात करते हैं। तटीय इलाकों में ही उष्ण-कटिबंधीय चक्रवातों का विशेष तौर पर प्रभाव पड़ता है। कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर जो गर्म हवाओं की तेज आंधी आती है, उसे ही चक्रवात कहते हैं। इसे हरिकेन और टाइफून आदि कहकर उत्तरी गोलार्द्ध में पुकारा जाता है।

चलते-चलते

Cyclone Amphan Coronavirus संकट से पहले से ही जूझ रहे देशवासियों और विशेषकर पश्चिम बंगाल व ओडिशा के लोगों को कभी न सूखने वाला जख्म दे गया। साथ ही चक्रवात अम्फान ने 1999 में ओडिशा में आये उस भीषण चक्रवाती तूफान की यादें ताजा कर दी, जिसमें 9000 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।