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Annular Solar Eclipse 2020: अब 3043 के बाद ही दोबारा दिखेगा ऐसा नजारा



घड़ी नजदीक आ चुकी है। घड़ी के कांटे 21 जून को जैसे ही सुबह के 10:20 बजाएंगे, आगाज हो जायेगा साल के पहले सूर्य ग्रहण का। इस सूर्य ग्रहण का इंतजार इसलिए भी बेसब्री से है कि इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार होने वाला है। दुनिया के कई देशों के साथ भारत भी Annular Solar Eclipse 2020 का साक्षी बनने जा रहा है। दोपहर 01:49 बजे तक वलयाकार सूर्य ग्रहण का दीदार करने का मौका आपके हाथों में होगा।

आइए जानें क्या है Annular Solar Eclipse?

यह जानकार आप खुद को भाग्शाली महसूस करेंगे कि 21 जून को जिस नजारे के दर्शन आपको होने वाले हैं, धरती पर इन्हें देख पाना बहुत ही दुर्लभ है। हीरे की अंगूठी कैसी चमकती है, बिल्कुल वैसा ही दृश्य आपको नजर आने वाला है।

यहां के लोग बन सकेंगे इस अद्भुत खगोलीय घटना के साक्षी

कब होता है पूर्ण सूर्यग्रहण?

देखा जाए तो पूर्ण सूर्य ग्रहण को देख पाना अपने आप में किसी दुर्लभ कार्य को कर पाने से कम नहीं है। वह इसलिए कि 18 महीनों में 1 बार ही पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल उसी परिस्थिति मंी माना जाता है, जब सूरज के 90 फीसदी से भी अधिक हिस्से को चंद्रमा अपनी छाया से ढक ले। सबसे लंबी अवधि पूर्ण सूर्य ग्रहण की केवल 7.5 मिनट की ही होती है। साथ ही न तो उत्तरी धु्रव से और न ही दक्षिणी ध्रुव से आप पूर्ण सूर्य ग्रहण को निहार सकते हैं।

Annular Solar Eclipse 2020 को देखने के दौरान बरतें कौन-सी सावधानियां?

चंद्र ग्रहण की बात करें तो इसे आप खुली आंखों से देख सकते हैं और इससे आपकी आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाला, मगर बात जब सूर्य ग्रहण की होती है तो इसे नंगी आंखों से निहारना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।

इससे पहले कब दिखा था Annular Solar Eclipse?

सूर्य ग्रहण को लेकर फैले अंधविश्वास

विज्ञान के इतनी प्रगति करने के बावजूद सूर्य ग्रहण को लेकर तमाम तरह के अंधविश्वास व्याप्त हैं।

चलते-चलते

21 जून, 2020 का दिन Annular Solar Eclipse की वजह से ऐतिहासिक बनने जा रहा है। कुदरत के इस अनूठे नजारे का आनंद लेना तो लाजिमी है, मगर साथ में यह संकल्प लेना भी जरूरी है कि इससे जुड़े तमाम मिथकों को अब कम-से-कम दूर किया जाए, जब विज्ञान के युग में रहने की बात हम कर रहे हैं।