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आज के परिप्रेक्ष्य में मानसिक स्वास्थ्य और चुनौतियां



मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बहुत हद तक मानसिक स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब पूरी दुनिया इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोनावायरस की चपेट में है तो ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानसिक स्वास्थ्य की क्या स्थिति है और इसके सामने जो चुनौतियां मौजूद हैं, उनका सामना किस तरीके से किया जा सकता है।

इस लेख में आपके लिए है:

मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है?

मानसिक स्वास्थ्य के मामले में कहां है भारत?

किन चीजों से प्रभावित होता है मानसिक स्वास्थ्य?

मानसिक स्वास्थ्य की उन्नति के लिए प्रयास

मानसिक रोगियों के अधिकार

कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में

पूरी दुनिया में अब जब कोविड-19 का खौफ फैला हुआ है तो ऐसे में लोगों के प्रभावित होते मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए दुनिया के सभी देशों की यह जिम्मेवारी बन गई है कि वे मानसिक स्वास्थ्य को हासिल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। विशेष तौर पर भारत को इस दिशा में अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

मानसिक स्वास्थ्य वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एक गंभीर चुनौती जरूर बन गया है, लेकिन यदि संवेदनशील तरीके से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया भी इसे उठाता है, तो इससे इन चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी। इसके अलावा आमजनों को भी अपने घर-परिवार में एवं अपने समाज में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए परस्पर सहयोग बनाए रखने की जरूरत है।