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सांसद आदर्श ग्राम योजना क्या है? | What is Sansad Adarsh ​​Gram Yojana?

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दोस्तों, किसी भी देश के विकास मे उस देश मे चल रही सरकारी योजनाओं का अहम् योगदान रहता है। आजादी के बाद हमारे देश ने भी पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास की सीढ़ी को चढ़ना शुरू किया था। ये सभी योजनायें देश की नीतियों तथा जन सामान्य के हितों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं। आज के इस लेख में हम देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना  के बारे में बात करेंगे। हम बात करेंगे यह योजना क्या है?, इसका उद्देश्य क्या है? और यह कितना अपने उद्देश्य में सफल रही है?। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का लेख सांसद आदर्श ग्राम योजना  क्या है?

सांसद आदर्श ग्राम योजना  क्या है? | What is Sansad Adarsh ​​Gram Yojana?

 सांसद आदर्श ग्राम योजना के उद्देश्य | Objectives of Sansad Adarsh ​​Gram Yojana

सांसद आदर्श ग्राम योजना  का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास के साथ-साथ ग्रामीणों के जीवन ने नैतिक मूल्यों का विकास करना भी है, जिससे की ये लोग अन्य लोगों के लिए आदर्श स्थापित कर सकें। इसके साथ-साथ इसके उद्देश्यों को बिंदुओं के माध्यम साझा किया गया है।

 सांसद आदर्श ग्राम योजना के प्रभाव | Effects of Sansad Adarsh ​​Gram Yojana

स्टार सांसदों ने संभाली योजना की कमान | Star MPs Who Took Charge of the Plan

वास्तविक धरातल से कितने दूर कितने पास सांसद आदर्श ग्राम योजना

 लेखक की कलम से

मुझे लगता है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना  का विचार बहुत ही उत्तम और घरातली विकास से जुड़ा हुआ विचार है। यदि देखा जाये तो देश में लोकसभा के 545 सांसद है तथा राज्य सभा के 245 सांसद है, कुल 790 सांसद हैं। सभी सांसद एक ग्राम को गोद लेते हैं तो एक वर्ष में 790 गावों में जीवन सम्बन्धी मूलभूत सुविधाएँ जुड़ जाएँगी। इसी प्रकार से 1 साल में कुल 790 ग्राम विकास की धारा से जुड़ जायेंगे। साल 2016 के बाद एक सांसद के ऊपर गावों की संख्या 2 कर दी गयी थी, जिसके हिसाब से 2014 -19 तक 5 वर्षों में कुल 2370  ग्रामों का विकास होना सुनिश्चित किया गया था। साल 2019 -24 तक एक सांसद के ऊपर 5 गांवों के विकास का लक्ष्य तय किया गया है। इस प्रकार से 5 वर्षों में कुल 3950 गांवों का विकास सुनिश्चित किया जायेगा। इस प्रकार से साल 2014 से 2024  तक देश के 6320 गांव विकास से जुड़ जायेंगे।किन्तु यह सब कागजी योजना के आंकड़े हैं इनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। इनके साथ वास्तविक आंकड़ों की तुलना करने पर पता चलता है कि “विकास हो नहीं सकता बनावट के उसूलों से,  खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से” सांसद आदर्श ग्राम योजना  के विचार में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं है, बल्कि  इसके वास्तविक धरातल पर क्रियान्वयन में कमी है। मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद पर आते ही  दूरदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, नये भारत के लिए नये कल की योजना को लागू किया इसके लिए हम उनके आभारी हैं। किन्तु इस योजना के क्रियान्वयन में सांसदों द्वारा दिखायी गयी उदासीनता चिंतनीय है। देश में कुल गावों की संख्या 6,28,221 है, माना जिसमे से लगभग एक लाख गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, तब योजना का दायरा बढ़ाकर इस लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सकता है। चूँकि यह विचार बहुत अच्छा है तो आने वाली सभी सरकारों से भी इसके अनुसरण की अपेक्षा की जा सकती है। किन्तु प्रश्न अभी भी यहीं है कि हमारे प्रतिनिधि जो हमें संसद में रखते हैं वो इस योजना में उतना उत्साह दिखाएंगे जितना होना चाहिए? साथ में उनके अभी तक के काम का विश्लेषण हम ऊपर कर ही चुके हैं।

वर्तमान में हमारे पास केवल भारत के भविष्य के लिए आशायें है। इसी आशा के साथ की जल्द ही हमारे देश के सभी वंचित गांव सांसद आदर्श योजना के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जुड़ जायेंगे। हम यह लेख यहीं समाप्त करते हैं।  जय हिन्द !