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नई मंजिल योजना क्या है? | What is Nai Manzil Scheme?

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भारत सरकार की नई मंजिल योजना अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एकीकृत शिक्षा और आजीविका पहल हैं। नई मंज़िल योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के उन युवाओं को जोड़ा जायेगा, जो किसी कारणवश अपनी स्कूली पढ़ायी पूरी नहीं कर पाए हों, उनके कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रावधान भी इस योजना में सम्मिलित किया गया हैं। भारत सरकार का अल्पसंख्यक मंत्रालय इस योजना के तहत पिछली जनगणना के उन आंकड़ों के आधार पर कार्य कर रहा हैं, जिसमे यह बताया गया हैं की देश के  अल्पसंख्यक समुदाय में जरुरी स्कूली शिक्षा और कौशल विकास की कमी हैं , इनके प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर स्कूली पढ़ायी छोड़ने की दर बहुत उच्च हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय की इस पहल में केंद्र सरकार और विश्व बैंक ने  हाथ आगे बढ़ाया हैं। इस योजना में आने वाले कुल खर्च का 50 % विश्व बैंक और 50 % केंद्र सरकार वहन करेगी। आज के इस लेख में हम आपको नई मंजिल योजना क्या है? इस विषय में सभी जानकारी देंगे। 

नई मंजिल योजना | Nai Manzil Scheme

नई मंजिल योजना का उद्देश्य |Objectives of Nai Manzil Scheme

नई मंजिल योजना का लक्ष्य

पात्रता मापदंड

नई मंज़िल योजना से कैसे जुड़े? | How to connect to Nai Manzil Scheme?

नई मंज़िल योजना से जुड़ने के लिए उम्मीदवार को इसके ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म को भरना आवश्यक हैं। इसके आवेदन फॉर्म को आप अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं तथा ऑनलाइन फॉर्म को आप सीधे इसी साइट के माध्यम से भर सकते हैं। आपकी उम्मीदवारी की सत्यता जाँच के लिए आपसे कुछ जरुरी दस्तावेजों की जानकारी एवं फोटोकॉपी मांगी जाएगी, इसके बाद आपकी सत्यता जाँच पूर्ण होने पर आपको किसी सरकारी अधिकृत संस्था या एजेंसी द्वारा नई मंज़िल योजना का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

नई मंज़िल योजना में शुल्क एवं छात्रवृत्ति 

नई मंज़िल योजना क्यों प्रारम्भ की गयी हैं? | Why Nai Manzil Scheme has been started?

देश की 2011  जनगणना के अनुसार देश में 20.2% लोग अल्पसंख्यक श्रेणी में आते हैं , इसमें सबसे ज्यादा प्रतिशत लगभग 14.23% मुस्लिम लोगों का हैं , इसके बाद सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन तथा अन्य धर्म के लोग आते हैं। अल्पसंख्यकों की स्कूल ड्रॉपआउट दर बहुत उच्च है जो प्राथमिक स्तरों 14% तथा माध्यमिक स्तर पर 18% बनती है। अल्पसंख्यकों की कार्य बल सहभागिता दर भी राष्ट्रीय औसतसे निम्नतर है जो समुदाय में रोजगारपरकता कौशलों  के अभाव को दर्शाता  है।

भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति संबंधी सच्चर समिति की रिपोर्ट (2005) भी विभिन्न कारणों जैसे कि गरीबी, शिक्षा  से प्रतिफल की न्यून संभावना, स्कूलों तक कम पहुंच आदि के कारण मुस्लिमों में कम शिक्षा  परिणामों का उल्लेख करती है। इसी कारण से तद्‌नुसार शिक्षा  और कौशल विकास की समेकित योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र विकास की तैयारी की गई है जिसका उद्देश्य  शिक्षा  प्राप्ति और अल्पसंख्यकों की रोजगारपरकता की कमी को दूर करना है।

अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अन्य सरकारी योजनायें

नया सवेरा योजना:  इस योजना को साल 2017 में केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चों को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी हेतु निशुल्क कोचिंग दी जा रही हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे बच्चे जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 6  लाख से कम हैं ये इस योजना का लाभ ले सकते हैं। यह सुविधा किसी भी लाभार्थी को केवल एक बार प्रदान की जाएगी तथा इसके लिए उसे कोचिंग संस्थान की प्रवेश परीक्षा पास करना जरुरी होगा।

पढो परदेश योजना : इस योजना की शुरुआत अल्पसंख्यकों के लिए साल 2014 में की गयी थी।  इस योजना को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री मुख़्तार अब्बास नकवी द्वारा  शुरू किया गया। योजना के अंतर्गत सरकार विदेशों में उच्च शिक्षा हेतु  अल्पसंखयक छात्र को ऋण के ब्याज पर 100% सब्सिडी प्रदान करती हैं।

सीखो और कमाओ योजना: इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अल्पसंख्यक लोगों की बेरोजगारी में कमी लाना हैं। जिससे इन लोगों को संरक्षण प्राप्त करना, इनका विकास करना एवं इन बेरोजगार युवाओं को बाजार से जोड़ना हैं। इस योजना की शुरुआत साल 2013 -14  में केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा किया गया था।  इस योजना के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के कई पुराने पारम्परिक कौशल को भी शामिल किया गया हैं। इस पाठ्यक्रम में सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, लकड़ी का काम, चमड़े का सामान, कालीन जैसी चीजों को शामिल किया गया हैं। जिससे की ये लोग अपने लिए रोजगार जुटा सके।

नई रोशनी योजना: पीएम नई रोशनी योजना का आशय देश की अल्पसंख्यक वर्गो की महिलाओ को देश के विकास के साथ जोड़ना और उन्हे परस्पर सशक्त बनाना। इस योजना के तहत महिलाओ के लिए अलग अलग कार्यो का निर्माण किया गया है।

उस्ताद योजना :-14 मई 2015 को मोदी सरकार द्वारा इस योजना को अल्पसंख्यक बुनकरों, हस्तशिल्पकारों और पारंपरिक कला से संबंध रखने वाले कलाकारों को लाभ दिलाने के लिए लागू किया था।

चलते चलते

नई मंज़िल योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। जिसका लाभ अभी तक 6 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को मिल चुका हैं। अभी सरकार का लक्ष्य 1 लाख और युवाओं को इसमें शामिल करने का हैं। मोदी सरकार अपने मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास के साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही हैं। इस तरह की विभिन्न योजनाये चलाकर मोदी सरकार ने अपने मूल मंत्र को काफी हद तक सार्थक किया हैं। वर्तमान सरकार के इन्ही कार्यो के कारण मोदी सरकार की देश -विदेश में काफी वाह-वाही हो रही हैं। इस लेख के माध्यम से हम सरकार की इस तरह की योजनाओं की प्रसंशा करते हैं तथा भविष्य में भी सरकार के द्वारा अन्य कल्याणकारी योजनाओं की पहल की उम्मीद करते हैं, जय हिन्द !