Open Naukri

The Liberation of Paris: आज़ादी के 76 साल और ‘हिटलर’ की सनक

अगर आपसे सवाल किया जाए कि क्या किसी ऐसे शख्स का नाम बता सकते हो, जिसकी सनक ने 6 करोड़ से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली थी? तो आपके मन में सवाल आएगा कि क्या विश्व के इतिहास में ऐसा भी कोई था? तो आपको बता दें कि आधिकारिक तौर पर तो नहीं लेकिन इन डायरेक्ट तौर पर तो था। जिसका नाम था ‘हिटलर’ और वो संग्राम था द्वितीय विश्व युद्ध (second world war), जी हां ये विनाशकारी युद्ध पौने छह साल चला था, और छह करोड़ से भी ज्यादा लोगों में 24 हजार भारतीय भी शामिल थे, जिनके खून ने इस युद्ध को सींचा था।

आज इस लेख में बात होगी पेरिस की आजादी (liberation of Paris) की, जानेंगे ऍडोल्फ़ हिटलर के चंगुल से कैसे पेरिस ने अपने आजादी की कहानी लिखी थी।

इस लेख के मुख्य बिंदु-

एक नजर बैकग्राउंड पर

दूसरे विश्व युद्ध के बीज को पहले विश्व युद्ध के बाद ही बो दिया गया था, जर्मनी का एक हिस्सा जिसे प्रशिया कहते हैं, उसे उससे अलग कर दिया गया था। Adolf Hitler ने कई बार आवाज बुलंद की थी कि देन्जिंग नगर जर्मनी को लौटा दिया जाए, लेकिन हर बार ब्रिटेन ने उसकी इस मांग को मानने से इंकार कर दिया था।

25 अगस्त 1944 The Liberation of Paris

14 अप्रैल 1940 के बाद से ही पेरिस के लोगों का आजादी के लिए संघर्ष शुरू हो चुका था, ये संघर्ष 4 साल बाद खत्म हुआ जब 25 अगस्त 1944 के दोपहर में आइफ़िल टावर पर नाजी झंडे को नीचे उतारने के बाद फ्रांस का झंडा लहराया गया था।

तारीख-दर-तारीख जानिये The Liberation of Paris के फैक्ट्स

सरांश

साल 1914 से लेकर 1918 तक चले प्रथम विश्व युद्ध के अंत में 1919 की वर्साई संधि में ही वोर्ल्ड वॉर २ के बीज बो दिए गये थे। क्योंकि इस संधि की कुछ ऐसी बातें थीं, जिनको लेकर हिटलर ने जनता के अंदर आक्रोश भरा दिया था, युद्ध को शुरू करने के लिए ये संधि हिटलर के काफी काम आई थी, अगर आप ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो हमें बताएं कि ‘हिटलर’ ने आत्महत्या किस सन में की थी?