Open Naukri

Sangam Age: साहित्यिक‚ सामाजिक एवं आर्थिक विकास का पर्याय



Sangam Age उस अवधि के लिए प्रयुक्त हुआ है, जो करीब 300 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी के बीच दक्षिण भारत में कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में मौजूद क्षेत्र में रही थी। संगम योग्य साहित्य के हिसाब से जितना समृद्ध था उतना ही समृद्ध यहां का समाज और यहां की संस्कृति भी थी इस लेख में हम आपको संगम युग के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

इस लेख में आप जानेंगे:

What is Sangam Age?

इस सवाल का जवाब यह है कि राजाओं के संरक्षण में जो तमिल कवियों का एक सम्मेलन आयोजित होता था, उसे ही संगम कहा गया है। तीन प्रकार के संगमों का जिक्र आठवीं सदी में मिलता है। इन संगमों को पांड्य राजाओं ने शाही संरक्षण दिया था। द्रविड़ साहित्य के शुरुआती नमूने ये साहित्य रचनाएं ही थीं। तमिल किंवदंतियों की मानें तो तीन संगमों का आयोजन प्राचीन दक्षिण भारत में किया गया था। इसे मुच्चंगम (Muchchangam) के नाम से जाना जाता था।

Sangam Age की जानकारी देने वाले साहित्यिक स्रोत

Sangam Age UPSC की परीक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है और संगम युग के बारे में किसी भी तरह की जानकारी हासिल करने का बेहद महत्वपूर्ण स्रोत संगम साहित्य है। मुख्य रूप से संगम साहित्य को तमिल भाषा में ही लिखा गया है। संगम युग की प्रमुख रचनाओं की बात करें तो इनमें पत्तुप्पातु, पदिनेकिल्लकणक्कु, तोलकाप्पियम् व एतुत्तौके जैसे ग्रंथ और जीवक चिंतामणि, मणिमेखलै एवं शिलप्पादिकारम् जैसे महाकाव्य शामिल हैं।

इन स्रोतों से भी मिलती है संगम काल के बारे में जानकारी

एक नजर Sangam Age के राजनीतिक इतिहास पर

Sangam Age के literature, society and culture की झलक इसके राजनीतिक इतिहास में दिख जाती है। तीन राजवंशों चेरों‚ चोलों और पाण्ड्यों ने दक्षिण भारत पर संगम युग के दौरान राज किया था। एक नजर डालते हैं इन राज्यों पर:

चेर

चोल

पाण्ड्य

संगम काल में राजव्यवस्था‚ प्रशासन और समाज

Sangam Age UPSC के सिलेबस में विशिष्ट स्थान रखता है और संगम काल में राजव्यव्स्था‚ प्रशासन एवं इसके समाज को लेकर परीक्षा में अक्सर सवाल पूछे जाते हैं। डालते हैं एक नजर इन सभी पर:

संगम युग की अर्थव्यवस्था

परीक्षा में What is Sangam Age पूछा जाए तो इसका जवाब देते वक्त संगम युग की अर्थव्यवस्था के बारे में भी लिखना जरूरी होता है‚ जिसकी जानकारी निम्नवत् है:

ऐसे समाप्त हुआ संगम युग

Sangam Age literature, society and culture के लिए इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है‚ मगर तीसरी शताब्दी के अंत तक अपने पतन की तरफ यह धीरे–धीरे अग्रसर होता चला गया। तमिल देश पर कालभ्रस ने 300 ई. पूर्व से 600 ई. पूर्व के बीच कब्जा जमा लिया। अंतरिम या अंधकार युग के नाम से भी इस युग को पहले इतिहासकारों ने संबोधित किया है।

चलते–चलते

Sangam Age में काकईपाडिन्यार‚ ओबैयार और नच्चेलियर जैसी कई महिला कवयित्री हुई थीं‚ जिन्होंने तमिल साहित्य के उत्थान में विशेष योगदान दिया। संगम काल के समाज में राजनीतिक और आर्थिक विकास की रूपरेखा भी खींच दी गई थी। कुल मिलाकर संगम युग के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय इतिहास में यह युग साहित्यिक एवं सामाजिक विकास का पर्याय रहा।