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Ratle Hydroelectric Project से यूं आत्मनिर्भर बनेगा जम्मू-कश्मीर

Ratle Hydroelectric Project में 5281.94 रुपये के निवेश को बीते 20 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से मंजूरी प्रदान की गई है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर यह 850 मेगावाट की रतले पनबिजली परियोजना स्थित है। इस लेख में हम आपको रतले पनबिजली परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

इस लेख में आप जानेंगे:

Ratle Hydroelectric Project के बारे में

रतले पनबिजली परियोजना से मिलने वाले लाभ

Ratle Hydroelectric Plant UPSC के दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण टॉपिक है, जिसके लाभ को लेकर सवाल पूछे जा सकते हैं। एक नजर डालते हैं इस परियोजना से मिलने वाले फायदों पर:

चिनाब बेसिन में मौजूद अन्य परियोजनाओं के बारे में

हिमालय के बारालाचा-ला दर्रे के पास से निकलकर चिनाब नदी भारत और पाकिस्तान से होकर बहने वाली एक प्रमुख नदी है। साथ ही पंजाब क्षेत्र की पांच प्रमुख नदियों में भी इसकी गिनती होती है।

चलते-चलते

Ratle Hydroelectric Project में निवेश को मंजूरी देने का केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बेहद सराहनीय है। वह इसलिए कि अब जब जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है, तो इसके सार्वभौमिक विकास के लिए इस तरह की परियोजनाओं को आगे बढ़ाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। रतले पनबिजली परियोजना के अस्तित्व में आ जाने के बाद बिजली के क्षेत्र में यह केंद्रशासित प्रदेश आत्मनिर्भर बन पाएगा और जनता इससे सीधे तौर पर लाभान्वित होगी।