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Quit India Movement 1942 क्या है और क्यों है ये महत्वपूर्ण?



Quit India Movement 1942 भारत की आजादी के लिए चल रहे संघर्ष के दौरान हुए सभी आंदोलनों में से सबसे अंतिम आंदोलन था, जिसके बाद भारत की आजादी का मार्ग प्रशस्त हो गया। बहुत बड़े स्तर पर भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था। समानांतर सरकारों का भी गठन कई स्थानों पर कर दिया गया था। भूमिगत होकर भी कई स्वतंत्रता सेनानी संघर्ष कर रहे थे। अगस्त क्रांति के नाम से भी इस आंदोलन को जाना जाता है। महात्मा गांधी के आह्वान पर इस आंदोलन का आगाज 9 अगस्त, 1942 को काकोरी कांड के ठीक 17 वर्षों के बाद हुआ था।

इसे लेख में जो जानेंगे आप:-

Quit India Movement 1942 की शुरुआत क्यों हुई?

Quit India Movement 1942 का प्रस्ताव कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति ने 14 जुलाई, 1942 को वर्धा में पारित किया था। बंबई (मुंबई) के ग्वालिया टैंक मैदान में फिर 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के प्रस्ताव को मंजूरी अखिल भारतीय कांग्रेस की बैठक में दे दी गई। इस आंदोलन के शुरू होने के पीछे की प्रमुख वजहें निम्नवत् हैं:-

Quit India Movement 1942 पर ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया

भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध

Quit India Movement 1942 से क्या हासिल हुआॽ

भारत की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन का योगदान

निष्कर्ष


Quit India Movement 1942 ने समूचे देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया था। देश के हर वर्ग के लोगों के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वजह से ब्रिटिश सरकार की सांस फूलने लगी। ऐसे में अंग्रेजों ने भारत को आजाद कर देना ही उचित समझा। इस तरह से महात्मा गांधी‚ जिनकी अगुवाई में भारत छोड़ो आंदोलन चला‚ उसकी वजह से 15 अगस्त‚ 1947 को भारत को स्वतंत्रता नसीब हुई।