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लक्ष्य (Goals!) by ब्रायन ट्रेसी – पुस्तक की समीक्षा और सार



ब्रायन ट्रेसी की पुस्तक “लक्ष्य” दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है, यह एक बहुत ही लोकप्रिय किताब है। लक्ष्य किताब ब्रायन ट्रेसी द्वारा इंग्लिश में लिखी गई “GOALS” का हिंदी अनुवाद है। इस किताब में लेखक ने सिखाया है कैसे आप असाधारण लक्ष्य को बेहद ही सरल और सशक्त तरीके से हासिल कर सकते हैं। ब्रायन ट्रेसी की पुस्तक “लक्ष्य” में कही बातों पर अमल कर आप भी अपनी जिंदगी में सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं । जो लोग अपने जीवन में लक्ष्य का निर्धारण नहीं कर पाते और जिनका सफल होने का सपना महज एक स्वप्न बन कर ही रह जाता है, उन सभी लोगों के लिए ब्रायन ट्रेसी की ये किताब बहुत मददगार है। इस पुस्तक में लेखक ब्रायन ट्रेसी ने बेहद सरल तरीके से लोगों को उनके लक्ष्य को हासिल करने के 21 टिप्स दिए हैं। ब्रायन ट्रेसी की यह पुस्तक पढ़कर ना सिर्फ लोग अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे बल्कि उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना भी जागृत होगी।

लेखक के बारे में

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 को कनाडा में हुआ था। ब्रायन ट्रेसी सालाना करीब ढाई लाख लोगों को संबोधित करते हैं। लोगों को बिजनेस, लीडरशिप, प्लैनिंग और सेल्स के बारे में सिखाते हैं ।

पुस्तक की समीक्षा और सार

यह पुस्तक हमारे लक्ष्य को मजबूत करके सफलता दिलाने में मदद कर सकती हैं। इस पुस्तक में 21 चैप्टर हैं जिन्हें हम सफल होने के 21 मंत्र मान सकते हैं…

1. लक्ष्य और संभावनाएं…

जब हम जीवन में कोई लक्ष्य तय कर लेते हैं तब हमारे मस्तिष्क का दरवाजा खुल जाता है, जिससे सकारात्मक विचार और ऊर्जा मिलती है। लक्ष्य के बिना जिंदगी लहरों पर डूबती-उतरती रहती है, जबकि लक्ष्य होने पर हम सीधे मंजिल पर पहुंचतने की कोशिश में लग जाते हैं। इसीलिए लक्ष्य होना जरूरी है, जिससे जीवन में भटकाव नहीं होगा। स्पष्ट लक्ष्य होने पर हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, हमारी क्षमताओं का विकास होता है, हमारे प्रेरणा का स्तर ऊंचा होता है, और ये सब हमें सफलता के बेहद करीब ले जाता है।

कुछ लोगों के पास उनके लक्ष्य नहीं होते हैं क्योंकि वह लक्ष्य को महत्वपूर्ण नहीं मानते। वह जानते ही नहीं है कि लक्ष्य कैसे तय किए जाते हैं, वह सफलता से डरते हैं और उन्हें अस्वीकृति का डर हमेशा सताता रहता है। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के पास लिखित लक्ष्य होते हैं, वह अपने जीवन में कामयाबी की ऊंचाइयों को हासिल कर पाते हैं।

2. हमारे जीवन में जो भी घटित हो रहा है उसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं…

हमें हमारी जिम्मेदारी खुद ही उठानी होगी, खुद को हर बार सही साबित करने की कोशिशों से छुटकारा पाना होगा और बुद्धि संगत बहाने बनाना छोड़ना होगा। दूसरों की राय से ऊपर उठना होगा और सही मायनों में यह एहसास करना होगा कि हम खुद ही हमारे जीवन के रचयिता हैं। जितना हमने पाने की कोशिश की है उतना ही हमें मिल पाया है। अगर हम इससे ज्यादा पाना चाहते हैं तो ये पूरी तरह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हमने अपने जीवन की जिम्मेदारी किस तरह से उठाई है।  

3. भविष्य निर्माण…

भविष्य को खुशहाल बनाने की कोशिश आज ही शुरू कर देनी चाहिए… अगर कोई सीमा ना हो, समय की कमी ना हो, संसाधनों की कमी ना हो, तो हमारा आदर्श जीवन भविष्य में आर्थिक, पारिवारिक, शारीरिक और सामाजिक रुप से कैसा होगा? उस भविष्य की कल्पना करके, जिन जिन कदमों को उठाने की जरूरत है, उसमें जी-जान से आज ही जुट जाना चाहिए।

4. जीवन मूल्य…

हमारे आंतरिक मन में जो चल रहा होता है, वही हमारे वास्तविक जीवन की घटनाएं बन जाती हैं। हमें अपने वास्तविक जीवन में जो चाहिए, हमारे आंतरिक विचार और भावनाएं भी उसी तरह की होनी चाहिए।

5. सच्चे लक्ष्य…

सच्चे लक्ष्य निर्धारित करने के लिए हम इन 5 प्रश्नों के उत्तर लिख सकते हैं…

हमारे जीवन में अभी 3 सबसे बड़ी समस्या कौन सी है…

अगर हमें 10000000 रुपए मिल जाए, तो हम हमारे जीवन में कौन से तीन बड़े बदलाव करेंगे…

वो 3 काम कौन से हैं, जिन्हे करने के बाद हम सबसे ज्यादा आनंद की अनुभूति करते हैं…

अगर हमारे हाथ में जादू की छड़ी हो तो हम हमारे जीवन में क्या हासिल करना चाहेंगे…

हमें अगर पता चल जाए कि हमारे जीवन में केवल 6 महीने बचे हैं तो हम कौन से 3 काम करना पसंद करेंगे…

इन सभी प्रश्नों के उत्तर लिख कर हम उन्हें अपना लक्ष्य मान सकते हैं और उसे हासिल करने के लिए पूरी लगन और मेहनत से जुट सकते हैं।

6. निश्चित उद्देश्य…

जहां जहां हमारा ध्यान जाता है, वहां वहां हमारी जिंदगी जाती है, इसीलिए हमें एक निश्चित उद्देश्य जरूर बनाना चाहिए।

7. विश्वास…

हमारा विश्वास हमेशा अडिग रहना चाहिए, जिससे हम हर तरह की घटनाओं से सकारात्मक सीख लेकर हमारे लक्ष्य की तरफ निरंतर आगे बढ़ सकेंगे।

8. शुरुआत…

हमें हमारी वर्तमान परिस्थितियों का पता होने के साथ-साथ, हमें भविष्य में कहां जाना है यह भी पता होना चाहिए ।

9. प्रगति नापें…

हम हमारे लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए कहां तक पहुंच चुके हैं… इसका लेखा-जोखा एक स्कोरबोर्ड पर अंकित करते रहना चाहिए। ऐसा करने से हमें पता रहेगा कि मंजिल तक पहुंचने में हमें कितना समय लगेगा और क्या-क्या बदलाव करने होंगे।

10. बाधाओं को हटाए…

हमें ऐसी बातों को लिखना जरूरी है जो हमारी मंजिल तक पहुंचने में रोड़ा बन रही हैं। इन समस्याओं को लक्ष्य बनाकर उन्हें अपने रास्ते से हटाने में जुटे रहना है, जब तक कि उस समस्या से छुटकारा ना पा लिया जाए।

11. विशेषज्ञ बने…

हमें हमारे क्षेत्र में सफल हो चुके 10 लोगों के बारे में जानकारी हासिल करनी होगी ताकि वो जो करते हैं, हम भी कर सकें। हमें भी वैसी ही मेहनत करनी होगी जिससे हम भी उस क्षेत्र के विशेषज्ञ बन जाएं।

12. सही लोगों से जुड़िए…

यदि हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचना है तो उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है, सही लोगों के साथ जुड़ना और उनसे मजबूत संबंध स्थापित करना।

13. कार्य योजना…

हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जो काम करते हैं, उन्हें लिखना जरूरी है। इसके लिए हमें कौन-कौन से काम करने होंगे, उन्हें प्राथमिकता देकर लिखना जरूरी हैं।

14. समय प्रबंधन…

अगले दिन की कार्ययोजना हमें रात को ही बना लेनी चाहिए, जिससे हमारा समय भी बचेगा और अब हमारा चेतन मन उस काम में लगा रहेगा और संसाधन जुटाता रहेगा।

15. लक्ष्य की मानसिक तस्वीर देखना…

हमारा जो भी लक्ष्य है उसकी मानसिक तस्वीर हमें बार-बार बनाते रहनी चाहिए जिससे हमारा अवचेतन और अति चेतन मन मिलकर हमारे लक्ष्य को स्पष्ट कर देते हैं।

16. लचीले रहिए…

अगर हमारे लक्ष्य तक पहुंचने में परिस्थितियां हमारा साथ नहीं देती हैं, तो हमें लचीला बनकर दूसरा रास्ता अख्तियार करना चाहिए।

17. रचनात्मक बनिए…

हमें हमारे लक्ष्य को दिन महीना और वर्ष के अनुसार लिख लेना चाहिए।

18 हर दिन कुछ करें…

हम रोज जितना काम करते हैं, उससे ज्यादा करने की आदत डालनी होगी।

19. सफल होने तक जुटे रहिए…

जब तक हम हमारे लक्ष्य तक ना पहुंच जाए, तब तक हमें डटे रहना है, काम करते रहना है और अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को पहचान कर उन्हें दूर करते रहना है।

ब्रायन ट्रेसी की पुस्तक “लक्ष्य” प्रत्येक वर्ग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। इस पुस्तक को हर उम्र के व्यक्ति को पढ़ना चाहिए ताकि वो अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण रूप में जीयें। लक्ष्य होगा तो मंजिल होगी और मंजिल होगी तो उसे हासिल करने का जज्बा बरकरार रहेगा और जीवन सफल होगा।