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हत्या और लूट से भरे खिलजी वंश का कैसे हुआ अंत, जानते हैं विस्तार से

भारत पहले अंग्रेजों के अधीन था, ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन अंग्रेजों के भारत आने से पहले भी भारत देश कई विदेशियों के अधीन रह चुका है। भारत ने बाहर से आए कई आक्रमणकारियों का दंश झेला है। यहां बाहर से आए कई लोगों ने एक- दूसरे से युद्ध किया और भारत की सत्ता हासिल कर वर्षों तक यहां अपना साम्राज्य स्थापित किया। उन्हीं बाहरी शासकों में से एक था Khilji Vansh.

खिलजी राजवंश मुख्य रुप में तुर्किस्तान का था। खिलजी वंश मध्यकालीन भारत का राजवंश था। दिल्ली की सल्तनत में काबिज होने वाला ये दूसरा मुस्लिम राजवंश था। हत्या, लूट, निर्दयता और बर्बरता से भरे खिलजी वंश का शासन दिल्ली पर 1290 ई. से 1320 ई. तक रहा। दिल्ली की सल्तनत पर खिलजी वंश के चार सुल्तानों ने राज किया। तो आइए जानते हैं कि आखिर कैसे हुआ खिलजी वंश का अंत और कौन था खिलजी साम्राज्य का अंतिम शासक।