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हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu): Miss Universe 2021

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भारत की बेटी और ब्रह्माण्ड सुंदरी हरनाज़ ने एक बार फिर से भारतीय लोगों को गौरव के पल दिये हैं।  हम एक बार फिर से कह सकते हैं- सुनो गौर से दुनिया वालों, बुरी नजर न हम पर डालों, चाहे कितना जोर लगा लो, सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी। जी हाँ आपने सही सुना हम बात कर रहे हैं , मिस यूनिवर्स 2021 की विजेता भारत की हरनाज संधू की, इन्होने 12 दिसम्बर को एलाट‎, ‎इजराइल में आयोजित मिस यूनिवर्स 2021 प्रतियोगिता को जीत लिया है। यह मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता का 70वाँ आयोजन था तथा 79 देशों की प्रतियोगियों को हराकर हरनाज संधू ने यह ख़िताब अपने  नाम किया है। आज के इस लेख में हम हरनाज संधू और मिस यूनिवर्स  प्रतियोगिता से जुडी बहुत सी बातें आपके साथ साझा करने वाले हैं , तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख। 

हम बात करेंगे :

हरनाज़ संधू का जीवन परिचय

मॉडलिंग सफर की कैसे हुई शुरुआत?

हरनाज़ ने अपनी स्कूली पढ़ायी पूरी करने के बाद साल 2017 में कॉलेज की पढ़ायी की शुरुआत की। कॉलेज की फ्रेशर पार्टी के दौरान हरनाज़ को मिस फ्रेशर सैकेंड रनरअप चुना गया। उनकी माता जी के अनुसार यही उनकी मॉडलिंग जीवन की प्रारंभिक शुरुआत थी। इसके बाद हरनाज़ एक के बाद एक कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करती चली गयी, हरनाज ने अपनी प्रत्येक जीत और हार को मिस यूनिवर्स बनने की सीढ़ी बनाया और फिर उसमे चढ़ती चली गयी। 

हरनाज़ संधू का मिस यूनिवर्स बनने का सफर

मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सौंदर्य प्रतियोगिता होती है। यहाँ तक पहुंचने से पहले एक प्रतियोगी को अपने राष्ट्र स्तर पर कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं से गुजरना पड़ता है। आगे हम आपको हरनाज़ संधू के मिस यूनिवर्स बनने तक के सभी पड़ावों की जानकारी देंगे।

आसान नहीं था मिस यूनिवर्स बनने का सफर

हमे अक्सर अपना संघर्ष दूसरों के संघर्ष से ज्यादा लगता है, किन्तु सच यह है कि हर कोई व्यक्ति अपने -अपने स्तर पर संघर्ष करके ही कोई भी बड़ी उपलब्धि हासिल करता है, एक बड़ी कामयाबी एक बहुत बड़ा संघर्ष मांगती है। यही बात हरनाज़ के ऊपर भी लागू होती है, जब वो छोटी थी तो काफी मोटी हुआ करती थी, जिस वजह से उन्हें कद्दू कहकर बुलाया जाता था। हरनाज़ ने इसे एक चुनौती के रूप में देखा और  शरीर को ही ढाल बनाकर छा जाने का सपना देखा और परिणाम आज हमारे सामने हैं।

कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, यही समाज की सच्चाई। जब हरनाज़ ने मॉडलिंग के हिसाब से अपने शरीर को मेंटेन किया तो लोगों ने उनके पतले फिगर को लेकर बातें करना शुरू कर दिया था। हरनाज़ को कामयाब होने से पहले कई स्तर पर बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा था।

इसके अलावा उनका परिवार एक माध्यम वर्गीय सिख परिवार है, परिवार में किसी ने भी मॉडलिंग से जुड़े करियर में जाने के बारे में सोचा भी नहीं था। हरनाज़ के परिवार में उनके पिता से इस सम्बन्ध में अनुमति मिलने में काफी समय लग गया था, अनुमति मिलने के बाद पूरे परिवार ने साथ मिलकर भांगड़ा करके ख़ुशी जाहिर की थी।

मिस यूनिवर्स बनने के बाद ट्रोलिंग का शिकार हुई हरनाज़ संधू

वो आप लोगों ने एक कहावत सुनी होगी, खिसियाई बिल्ली खम्भा नोचे। ठीक यही स्थिति मिस यूनिवर्स 2021 रनर-अप रही पराग्वे की नादिया फ़रेरा के समर्थकों की थी। जब हरनाज़ संधू मिस यूनिवर्स बनी तो नादिया फ़रेरा के समर्थकों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। नादिया फ़रेरा के प्रशंसकों की तरह-तरह की प्रतिक्रियायें ट्विटर पर आ रही है , कोई हरनाज़ की बिल्ली की मिमिक्री करने पर ट्रोल कर रहा है, कोई उन्हें इस ख़िताब का दावेदार ही नहीं  बता रहा है। फ़िलहाल तो ये सब नादिया फ़रेरा के समर्थकों की तात्क्षणिक प्रतिक्रिया है, वो अपने फेवरेट की असफलता पचा नहीं पा रहें हैं। किन्तु उन्हें जल्द ही अपनी गलती का अहसास हो जायेगा, हम केवल अपनी व्यक्तिगत पसंद के लिए , सार्वजनिक पसंद को नकार नहीं सकते हैं या अपनी निजी पसंद को किसी के ऊपर थोप नहीं सकते हैं।

असल में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के दौरान शो के होस्ट ने हरनाज़ की एनिमल लवर वाली बात को लोगों के सामने रखते हुए , किसी भी एनिमल की आवाज निकालने के लिए हरनाज़ से निवेदन किया था। इसके जवाब में हरनाज़ द्वारा बिल्ली की आवाज निकाली गयी थी। बस इसी बात पर, एक आलोचक ने लिखा था “अब बहुभाषी होने के बजाय जानवरों की नकल करने से ज्यादा फायदा मिलता है”।

मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता क्या होती है?

भारत की पूर्व मिस यूनिवर्स

सुष्मिता सेन: भारत की तरफ से सबसे पहला मिस यूनिवर्स का ख़िताब सुष्मिता सेन द्वारा साल 1994 में जीता गया था। इस प्रतियोगिता का आयोजन फिलीपीन्स की राजधानी मनिला में किया गया था। आपको जानकर बहुत अच्छा लगेगा की इसी साल ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता था। कहने का आशय ये है की एक ही वर्ष में दोनों टाइटल पर भारत का कब्ज़ा हुआ था।

लारा दत्ता: भारत के लिए मिस यूनिवर्स का दूसरा ख़िताब लारा दत्ता द्वारा साल 2000 में जीता गया था। इस प्रतियोगिता का आयोजन साइप्रस में किया गया था। इस वर्ष भी मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स दोनों का ख़िताब भारत के नाम रहा था। प्रियंका चोपड़ा ने इस वर्ष मिस वर्ल्ड का ताज़ पहना था।

मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स में क्या अंतर होता है?

समालोचना

कुछ लोगों का मत है कि वैश्विक स्तर पर आयोजित होने वाली सौंदर्य प्रतियोगितायें सौंदर्य प्रसाधन व्यवसाय से प्रेरित होती हैं, ये प्रतियोगितायें सौंदर्य प्रसाधन व्यापार के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती हैं। इन प्रतियोगिताओं का परिणाम भी सौंदर्य प्रसाधन के मार्किट की संभावनाओं से प्रभावित रहता है। ऐसा माना जाता है कि 90s के दशक में भारत में उदारीकरण के दौर में यहाँ सौंदर्य मार्किट की प्रबल संभावनाओं के चलते इस दशक में भारत से कई प्रतियोगी इन खिताबों के विजेता बने। साल 2016 के बाद से देश में व्यापार की संभावनाओं में बढ़ोतरी हुई है जिसके चलते इस समय भी भारत की झोली में फिर से ये ख़िताब आये हैं।

हम अपने पाठकों को बता दे, एक अनुमान या अंदाजा अपनी जगह है, अतः हम इन अनुमानों का समर्थन नहीं करते हैं।  व्यक्तिगत प्रतिभा से किसी उपलब्धि को पाना एक प्रशंसनीय और सराहनीय कार्य है। अतः हम देश की सभी मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स विजेताओं की व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए उनकी सराहना और प्रशंसा करते हैं। धन्यवाद।