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दिलीप कुमार – हिंदी सिनेमा के महानतम अभिनेता



सुहाना सफर और ये मौसम हसीं, हमें डर है हम खो न जाये कहीं ” हमें इस गीत की यादों के सहारे छोड़कर फिल्मी दुनिया का ट्रेजडी किंग न जाने किस सफर में चला गया। ऐसे ही न जाने कितने नग्मे तथा बेहतरीन अदाकारी से हमारे दिलों को जीतने वाला सैलुलॉयड का सितारा दिलीप कुमार अब हमारे बीच मे नही रहा। बॉलीवुड इंडस्ट्री ने 7 जुलाई 2021 को एक ऐसी शख्सियत को खो दिया है, जिसके अभिनय से प्रेरणा लेकर बॉलीवुड की कई पीढ़ियां जवान हुई, न जाने कितने कलाकारों का जीवन दिलीप कुमार के साथ से या उनसे कुछ सीख कर धन्य हो गया। दिलीप कुमार साहब न केवल भारत मे बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान मे भी बहुत मशहूर थे। पाकिस्तान सरकार ने दिलीप कुमार के पेशावर में पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है। आज दिलीप कुमार साहब हमारे बीच में नही रहे, उन्होंने 98 वर्ष की उम्र मे दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ जुहू कब्रिस्तान मे दफ़न किया गया है। आज के इस लेख मे हम दिलीप कुमार साहब के जीवन से जुड़ी उन सभी बातों को आपके साथ साझा करेंगे जो उनको एक महान फ़िल्मी अभिनेता बनाती हैं।

इस लेख मे हम लाये हैं –

व्यक्तिगत परिचय –

दिलीप कुमार का फ़िल्मी सफर

दिलीप कुमार साहब के अमर शब्द सन्देश-

दिलीप कुमार की ऑटोबायोग्राफी

अपने आप मे फिल्म संस्था थे दिलीप कुमार-

पकिस्तान से भी मिला भरपूर प्यार

संकटकालीन परिस्थितियों में भी सदा रहे आगे

Dilip Kumar की सदाबहार फिल्मे-

सम्मान एवं पुरस्कार

दिलीप साहब से जुड़ी कुछ बातें

सारसंक्षेप

दोस्तों, दिलीप कुमार साहब का दुनिया को छोड़कर चला जाना निश्चित ही बॉलीवुड मे एक बहुत बड़ा खालीपन छोड़ गया है। क्योकि  इस स्थान को भर पाना बहुत मुश्किल है। दिलीप कुमार के जैसे अभिनेता जरूर बना जा सकता है किन्तु दिलीप कुमार जैसा इंसान बन पाना बहुत मुश्किल है। उनकी अदाकारी, कार्य के प्रति सम्मान, कलाकारों के प्रति सम्म्मान, आम आदमियों के प्रति भावना आदि विशेषतायें उन्हें एक महान व्यक्तियों की पंक्ति मे खड़ा करती हैं। दिलीप साहब की फिल्म आदमी के गीत आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज़ दे” के साथ आज का यह श्रद्धांजलि लेख हम यहीं समाप्त करते हैं। धन्यवाद।