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1930 Great Depression- क्या और कैसा था ग्रेट डिप्रेशन?



इस लेख के साथ कुछ तारीखों को आपको अपने जहन पर बैठाना पड़ेगा क्योंकि उन्हीं तारीखों में अमेरिका का स्टॉक मार्केट टूटा था. एक हफ्ते के अंदर अमेरिका जैसे देश की पूरी अर्थव्यवस्था तबाह हो गई थी. ये असर अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया पर पड़ा था. इसी को द ग्रेट डिप्रेशन (Great Depression 1930) और हिंदी में महामंदी कहा जाता है.

अब यहां सवाल ये उठता है कि क्या बस 4 लाइन में ही ग्रेट डिप्रेशन को समझा जा सकता है? तो इसका जवाब है नहीं. इस लेख में हम महामंदी के बारे में विस्तार से चीज़ों को समझने की कोशिश करने वाले हैं.

सबसे पहले हमको बेसिक्स में ये समझ लेना चाहिए कि आखिर मंदी होती क्या है?

इस लेख के मुख्य बिंदु-

क्या होती है मंदी?

 आसान भाषा में समझें तो मंदी वो अवस्था होती है जब किसी में देश के नागरिकों की खरीददारी की क्षमता खत्म हो जाती है. दुकानों का सामान बिकता ही नहीं है. उस देश में डिमांड पूरी तरह से खत्म हो जाता है. डिमांड खत्म होने से प्रोडक्शन रुक जाता है. जिसकी वजह से नौकरियां जाने लगती हैं. ऐसी अवस्था को आर्थिक मंदी का दौर कहते हैं.

कैसे ‘द ग्रेट डिप्रेशन’ (Great Depression 1930) ने अमेरिका को लिया था अपने कब्जे में?

1920 के शुरूआती दशक की तरफ चलते हैं. ये वो समय था. जब अमेरिका की अर्थव्यवस्था दिन दुगनी और रात चौगनी तरक्की कर रही थी. 1920 के शुरूआती दशक को आर्थिक हिसाब से अमेरिका का स्वर्णिम युग भी कहा जाता है. 1920 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही थी. उसकी रफ़्तार इतनी अच्छी थी कि साल 1929 आते-आते अर्थव्यवस्था दोगुनी हो चुकी थी.

अब बारी थी ब्लैक थर्सडे की-

पांच दिन बाद ब्लैक ट्यूसडे ने दस्तक दी थी

‘द ग्रेट डिप्रेशन’(Great Depression 1930)

जब मार्केट इतनी बुरी तरह से गिर गया हो तो इसका असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर दिखना लाज़मी सा था. नौकरियां जाने लगीं थीं. फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद हो चुके थे. लोग सामान खरीदना बंद चुके थे.

नये राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने दिया था ये आदेश-

जर्मनी और भारत पर क्या हुआ था असर?

क्या थे महामंदी के महाप्रभाव-

‘द ग्रेट डिप्रेशन’ के कुछ फैक्ट्स-

सारांश-

1930 के ग्रेट डिप्रेशन के बाद अब फिर से दुनिया आर्थिक मंदी की समस्या के गुज़र रही है. आज के दौर की इस मंदी के पीछे की वजह कोरोना वायरस से जन्मे हालात हैं. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा है कि कोविड-19 महामारी गरीब और विकासशील देशों के लिए विनाशक घटना की तरह है.