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13th ASEM Summit: बहुपक्षवाद पर हुआ मंथन

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13th ASEM summit यानी कि Asia Europe Meeting summit, जिसका हाल ही में आयोजन हुआ था, यह कई कारणों से काफी चर्चा में रहा है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि इससे परीक्षाओं में तरह-तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं। इसकी महत्ता को देखते हुए हम आपको इस लेख में 13वें एएसईएम शिखर सम्मेलन के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।

13th ASEM summit highlights इस लेख में आपको पढ़ने को मिलेंगे, लेकिन उससे पहले आपका यह जान लेना बहुत ही जरूरी है कि आखिर यह ASEM है क्या। तो चलिए, सबसे पहले हम शुरुआत करते हैं एएसईएम के परिचय से।

क्या है ASEM?

कौन हैं ASEM के सदस्य?

क्या है ASEM Summit?

13वां ASEM शिखर सम्मेलन एक नजर में | 13th ASEM Summit Highlights

कोरोना महामारी का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ा है। इसकी वजह से वर्चुअल मोड में ही ज्यादातर कार्यक्रमों एवं सम्मेलनों का आयोजन हो रहा है। कोरोना संकट को देखते हुए 13वें ASEM शिखर सम्मेलन का आयोजन भी वर्चुअल मोड में ही किया गया। इसका आयोजन बीते 25 और 26 नवंबर को हुआ है। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कंबोडिया ने की। शिखर सम्मेलन का शीर्षक “पारस्परिक विकास के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना” रखा गया था। इसमें सभी देशों के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। भारत की ओर से जो प्रतिनिधिमंडल इसमें शामिल हुआ, उसका नेतृत्व देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू कर रहे थे। एक नजर डालते हैं 13th ASEM summit highlights पर:-

13th ASEM Summit में भारत

भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू जिन्होंने कि 13वें ASEM शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को गत 25 नवंबर को संबोधित किया, उन्होंने जो बातें कहीं, उनका विवरण निम्नवत है:-

चलते-चलते

13th ASEM Summit Highlights का यह एक महत्वपूर्ण पहलू है कि भारत की ओर से उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोविड-19 के कारण पैदा हुईं समस्याओं पर प्रकाश डाला और इन्हें दूर करने के लिए उन्होंने बहुपक्षीय एवं सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता जताई। इसे प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने सभी देशों से आह्वान भी किया।