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आखिर क्यो हैं विद्यार्थियों के लिए Career Counselling जरुरी?



हमारे आज के मेधावी विद्यार्थी ही आने वाले कल में, हमारे और हमारे भारतवर्ष के भविष्य हैं लेकिन क्या हो अगर हमारे मेधावी विद्यार्थी अपने भविष्य की एक संतुलित और यथोचित रुपरेखा ही तैयार ना कर पायें, निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ते-बढ़ते लक्ष्य से भटक जाये, किसी ऐसे लक्ष्य का चयन कर लें जो उनके स्वभाव व प्रकृति के विपरित हो या फिर हमारे विद्यार्थी निराशा व तनाव के शिकार हो जायें आदि उपरोक्त सभी समस्यायें दुलर्भ नहीं बल्कि बेहद सामान्य समस्या हैं जिसकी वजह से हमारे विद्यार्थियो को कड़े परिश्रम के बाद भी अपने उज्जवल भविष्य से हाथ धोना पड रहा है।

जिसका मूल कारण हैं कि, हमारे विद्यार्थियो को पर्याप्त मात्रा में, मार्ग-दर्शन की प्राप्ति नहीं हो रही हैं जिसे हम, अंग्रेजी में, करियर काऊंसलिंग (career counselling ) कहते हैं क्योंकि जिस प्रकार हमें, जीने के लिए निरन्तर श्वास की जरुरत होती हैं ठीक उसी प्रकार हमारे विद्यार्थियो को सफल भविष्य व उज्जवल भविष्य के लिए करियर काऊंसलिंग (career counselling ) की जरुरत होती हैं जिसका अपना एक विशेष महत्व, उपयोगिता और प्रासंगिकता हैं और यही हमारे आज के इस लेख का मूल विषय है।

इस लेख में हम आपको

सभी विद्यार्थी इस लेख का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें और अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें।

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करियर काऊंसलिंग (career counselling ) क्या होती है?

करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) – उपयोगिता व प्रासंगिकता क्या है?

यदि हम, सरल शब्दो में, कहे तो करियर काऊंसलिंग (Career Counselling ) एक प्रकार का मार्ग-दर्शन होता हैं जिस पर आगे की रणनीति तैयार की जाती हैं जैसे कि, उदहारण के तौर पर हम, तय करते हैं कि, हमें इस लक्ष्य की प्राप्ति करनी है और हम, कड़ी मेहनत भी करते हैं लेकिन असफलता ही हाथ लगती हैं और जब हम, अपनी इस असफलता का अवलोकन व विश्लेषण करते हैं तो पाते हैं कि, अपने निर्धारित लक्ष्य से संबंधित कई जरुरी बातो व तथ्यो की जानकारी हमें थी ही नहीं, लक्ष्य के अनुरुप तैयारी करने की जानकारी नहीं थी, लक्ष्य की प्राप्ति में, आने वाली सामान्य रुकावटो व उनके समाधान की जानकारी नहीं थी या फिर कई बार कडी मेहनत के बाद असफल रहने पर जब हम, पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि, हमने जिस लक्ष्य को तय किया वो हमारे स्वभाव व प्रकृति के अनुरुप था ही नहीं जिसकी वजह से हमें भारी नुकसान का सामना करना पडता हैं क्योंकि हम, अपने बीते समय को दुबारा प्राप्त नहीं कर सकते हैं जिसकी वजह से हमें, अपूरणीय क्षति होती हैं और हमारा उज्जवल भविष्य अन्धकार की गहराईयो में, विलीन हो जाता हैं।

हमसे उपरोक्त वर्णित गलतियां ना हो इसी के लिए हमें, करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की जरुरत होती हैं क्योंकि करियर काऊंसलिंग की मदद से ही हम, अपनी ताकत व कमजोरीयो, स्वभाव व प्रकृति व निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी क्षमता का पता चलता हैं जिस पर काम करके हम, अपनी सभी कमजोरीयो पर काबू पाते हैं और अपने उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढाते हैं इसे ही कहते हैं करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की उपयोगिता व जिसकी प्रासंगिकता वर्तमान समय में, मजबूती से स्थापित हो रही हैं।

विद्यार्थियो के लिए कितनी जरुरी हैं करियर काऊंसलिंग (Career Counselling)?

विद्यार्थियो के लिए कितनी जरुरी हैं करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling )? जब हम, इस प्रश्न पर विचार करते हैं तो हमें, ये प्रश्न बेमाना-सा जान पडता हैं क्योंकि इसके कोई दो-राय नही हैं कि, विद्यार्थियो के उज्जवल व सफल भविष्य के लिए करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) बेहद जरुरी हैं जिसका अपने अनेको महत्व हैं।

विद्यार्थियो के लिए करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की जरुरत सभी शैक्षणिक स्तरो पर पडती हैं जिसकी आधिकारीक शुरुआत कक्षा 10वीं से हो जाती हैं क्योंकि इसके बाद उन्हें कक्षा 11वीं व 12वीं के लिए तीन अलग-अलग विषयो मे से किसी एक का चयन करना होता हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. कला अर्थात् आर्ट्स,
  2. विज्ञान अर्थात् साइंस और
  3. वाणिज्य अर्थात् कॉमर्स आदि

उपरोक्त विषयो के चयन के आधार पर विद्यार्थियो के आगे की रणनीति तैयार होती हैं इसलिए ये बेहद जरुरी हो जाता है कि, विद्यार्थी अपनी प्रकृति, स्वभाव, रुचि के अनुसार उस विषय के सभी लाभो व हानियो की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही उस विषय का चयन करे जिसमें वो बेहतर प्रदर्शन कर सकता हैं और विद्यार्थियो के चयन को एक निर्धारित दिशा देने वाले मार्ग-दर्शन को ही करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) कहा जाता हैं क्योंकि करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की मदद से ही विद्यार्थियो के रुझानो को परखा जाता हैं और उनकी क्षमताओ व संभावनाओ को मूर्तरुप प्रदान किया जाता है जिसके आधार पर वे सही विषय का चयन करते हैं और अपने उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढाते हैं।

अंत, हम सकते हैं कि, विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य के लिए करियर काऊंसलिंग बेहद जरुरी व अनिवार्य हैं।

करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) के कौन-कौन से लाभ हैं?

जब हम, करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) के लाभो की बात करते हैं तो हमारे सामने इसके अनेक लाभो की सूची आ जाती हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –

अपने शैक्षणिक जीवन के शुरुआत चरण अर्थात् कक्षा 10वीं से ही विद्यार्थियो में, कक्षा 11वीं व 12वीं के विषय को लेकर तनाव व दबाब देखने को मिलता हैं और एक सुरक्षित माहौल ना मिल पाने के कारण वे अपने इस तनाव को किसी के साथ सांक्षा भी नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से वे भीतर ही भीतर घुटते रहते हैं और बिना सोचे-समझे या दूसरो की देखा-देखी अपने विषय का चयन कर लेते हैं और अपने उज्जवल भविष्य को अन्धकार के सुपुर्द कर देते हैं लेकिन जब हम, करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) प्राप्त करते हैं तो हमें, हमारी इन्ही तनावो व दबावो से मुक्ति मिलती हैं और एक युक्तिसंगत मार्ग-दर्शन प्राप्त करके हम, अपनी क्षमतानुसार विषय का चयन करते हैं जिससे हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण होता हैं।

हम, कड़ी मेहनत करते हैं और वो हर प्रयास करते हैं जिससे हमें सफलता मिले लेकिन फिर भी असफलता ही हाथ लगती हैं जिसका मूल कारण होता हैं कि, हमने जो लक्ष्य तय किया उसकी पूरी जानकारी प्राप्त नहीं लेकिन जब हम, करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) प्राप्त करते हैं तो हमें, हमारे निर्धारित लक्ष्यो की पूरी जानकारी जैसे कि – लाभ, हानि, प्रक्रिया, तैयारी की रुपरेखा और भविष्य में, इसकी उपयोगिता की जानकारी प्रदान की जाती हैं जिससे लक्ष्य से संबंधित हमारे सभी उलझनो का समाधान होता हैं और हम, एक बेहतर लक्ष्य तय करके उसकी प्राप्ति के लिए कदम बढा पाते हैं।

कई बार हम, सब कुछ सही करते हैं लेकिन लक्ष्य की तरफ बढते-बढते भटक जाते हैं और सही निर्णय लेने की स्थिति में नहीं होते हैं वहीं दूसरी तरफ कई बार हमे, गलत चयन की समस्या का सामना करना पडता हैं जिसकी हमें, भारी कीमत चुकानी पडती हैं लेकिन जब हम, समय रहते करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) प्राप्त करते हैं तो हमें, भटकाव व गलत चयन की समस्या का सही समाधान प्राप्त होता हैं और हम, नई सकारात्मक शुरुआत कर पाते हैं।

हम किसी लक्ष्य को तय करते हैं या फिर किसी विषय का चयन कर लेते हैं लेकिन आगे चलकर हमें, पता चलता हैं कि, हमने गलत लक्ष्य व विषय का चयन कर लिया हैं और अपना एक लम्बा समय बर्बाद कर दिया हैं जिसकी पुन-प्राप्ति नही हो सकती हैं। करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) हमें, ऐसी ही समस्याओ से बचाता हैं क्योंकि करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की मदद से हम, सही समय पर सही निर्णय ले पाते हैं और आगे चलकर पछताने से बच जाते हैं जिससे हमारे समय की बचत भी होती हैं और लक्ष्य की प्राप्ति भी।

करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) का सबसे बडा लाभ हैं कि, इसकी मदद से हमारे भीतर आत्मविश्वास बढता हैं और हम, किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं क्योकि कई बार पाया गया हैं कि, सब कुछ सही होता हैं हमारे भीतर योग्यता भी होती हैं और क्षमता भी लेकिन आत्मविश्वास नहीं होता जिसकी वजह से हम, खुद को दूसरो से कमकर आंकने लगते हैं और तनाव के शिकार हो जाते हैं लेकिन करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की मदद से हमारे भीतर आत्मविश्वास बढता और हमें ये विश्वास होता हैं कि, ’’ हां, मैं, ये कर सकता हूँ। ’’ इस प्रकार करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) हमारे भीतर आत्मविश्वास जगाने में एक बडी व बेहद जरुरी भूमिका निभाते हैं आदि।

करियर काऊंसलिंग का दूसरा रुप हैं करियर कोचिंग (career coaching)

आज कल करियर कोचिंग (career coaching ) की हवा चारो तरफ देखी जा रही हैं जिसे हम, करियर काऊंसलिंग का दूसरा रुप मान सकते हैं और दोनो में, अन्तर सिर्फ इतना हैं कि, करियर काऊंसलिंग में, हमें, एक प्रशिक्षित विषय विशेषज्ञ से मार्ग-दर्शन प्राप्त होता हैं जबकि करियर कोचिंग (career coaching ) में, हमारे अपने और हमारे सम्पर्क में, आने वाले सभी लोगो जैसे कि – अभिभावक, बडे भाई-बहन, शिक्षक व मित्र आदि से मार्ग-दर्शन प्राप्त होता हैं और कई मायनो में, करियर कोचिंग (career coaching) बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं जैसे कि –

आपके अपने निभा सकते हैं और निभाते हैं करियर कोचिंग (Career Coaching) की भूमिका

करियर कोचिंग ( Career Coaching ) कई मायनो में करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) से बेहतर साबित होता हैं क्योंकि इसके लिए आपको मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ती हैं और आपके अपने जान-पहचान के लोग ही आपके लिए करियर कोच की भूमिका निभा सकते हैं जैसे कि –

जब बात आती हैं करियर कोच को सबसे पहले आपके अभिभावक ही आपके लिए करियर कोच की भूमिका निभाते हैं क्योंकि आपका भला दुनिया में, उन से ज्यादा कोई और नहीं जान सकता हैं इसलिए आपके अभिभावक ही आपके पहले करियर कोच होते हैं।

आपकी क्षमता व योग्यता को आपके शिक्षको से बेहतर भला कौन जान सकता हैं इसलिए आपके उज्जवल भविष्य के निर्माण में, आपके शिक्षक ही करियर कोच की अह्म भूमिका निभाते हैं।

हमें, हर बात में, सही-गलत बताने वाले हमारे बडे भाई-बहन ही वास्तविक मान्यनो में, करियर कोच की भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे दूसरो से बेहतर हमें जानते हैं और हमारा भला ही चाहते हैं इसलिए हमारे बडे भाई-बहन हमारे जीवन में, एक करियर कोच की भूमिका ही निभाते हैं और

शायद ही कोई ऐसा हो जिसका कोई दोस्त ना हो क्योंकि हम, खुद को अपने दोस्त में, देख पाते हैं और अपनी अच्छाईयो व बुराईयो को पहचान पाते हैं इसलिए हमारे दोस्त, हमारे जीवन में, एक महत्वपूर्ण करियर कोच की भूमिका अदा करते हैं जो कि, हमारे लिए लाभकारी होता हैं।

यदि आप, करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) प्राप्त नहीं कर सकते है तो आपको घबराने की जरुरत नहीं हैं क्योंकि आपके जीवन मे, उपरोक्त सभी लोग करियर कोच ( Career Coach ) की भूमिका निभाते हैं जिससे आपका सदा कल्याण होता हैं।

निष्कर्ष

अंत, विद्यार्थी सशक्तिकरण को समर्पित अपने इस लेख में, आपको करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) की जानकारी, विद्यार्थियो के लिए इसके महत्व की जानकारी प्रदान की और साथ ही साथ करियर काऊंसलिंग ( Career Counselling ) के दूसरे विकल्प अर्थात् करियर कोचिंग ( Career Coaching ) की जानकारी प्रदान की ताकि हमारे सभी पाठक व विद्यार्थी इन सेवाओ का लाभ प्राप्त करके अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें, यही हमारे इस लेख का मूल लक्ष्य हैं जिसे हमें, प्राप्त करना है।