चिंगारी हौंसलों की, चिराग आंसुओं के। यही कहानी है मेरी यानी कि एलन मस्क के जीवन की। मैं वो एलन मस्क हूं, जिसने केवल सपने नहीं देखे, बल्कि उन्हें पूरा भी किया। एक ऐसा नाम एंटरप्रेन्योरशिप की दुनिया में बनकर दिखाया कि पूरी दुनिया आज यह जानने के लिए तत्पर हो गई कि Who is Elon Musk? स्वामी विवेकानंद के गुरु श्रीरामकृष्ण परमहंस ने एक बच्चे को मीठा कम खाने की सलाह तब दी थी, जब खुद उन्होंने एक हफ्ते तक अपनी इस आदत को नियंत्रित कर लिया था। महात्मा गांधी ने भी खुद वह बदलाव बनने के लिए कहा था, जिसकी अपेक्षा हम दुनिया से करते हैं। मेरी जिंदगी आपको इन्हें प्रतिबिंबित करती हुई प्रतीत होगी।
उस वक्त मैं एलन मस्क सिर्फ 12 साल का था, जब शुरू कर दिया था मैंने अपना खुद का बिजनेस। आज की तारीख में स्पेसएक्स सहित दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के संस्थापक के तौर पर पहचान है मेरी। वर्तमान में फोब्र्स पत्रिका के अनुसार दुनिया का 31वां सबसे अमीर व्यक्ति हूं मैं यानी कि एलन मस्क। Elon Musk का परिचय इतना भर ही नहीं हो सकता। इसे तो केवल हाइलाइट आप कह सकते हैं। पिक्चर तो पूरी आपको स्पेस एक्स, टेस्ला, द बोरिंग कंपनी और पेपाल जैसी कंपनियों के मुझ संस्थापक की तब देखने को मिलेगी, जब इस लेख को पूरा पढ़ेंगे। जोश से आपको भर कर रख देगी मेरी ये कहानी।
पहले तो जिंदगी की शुरुआत को देख लें
वह दिन था 1971 में 28 जून का। जगह थी दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया। जन्म हुआ था मेरा और नाम पड़ा था एलन मस्क और जो सबसे बड़ा था तीनों बच्चों में। पेशे से मेरे पिता एरोल मस्क एक इंजीनियर थे, ट्रेंड नाविक भी थे और एक पायलट भी। मां मे मस्क भी मेरी एक माॅडल होने के साथ डायटीशियन भी थीं। दक्षिण अफ्रीका में गुजरा था बचपन मेरा।
खुद सीखा प्रोग्रामिंग करना
मुझे अपना पहला पर्सनल कंप्यूटर तभी मिल गया था, जब मेरी उम्र 10 साल की थी। मैंने इस कंप्यूटर पर पढ़ाई शुरू कर दी। धीरे-धीरे मैंने प्रोगामिंग करना खुद से सीख लिया। मेरी रुचि इससे प्रोग्रामिंग में इतनी बढ़ती चली गई कि 12 साल का होते-होते मैंने अपनी जिंदगी का पहला कंप्यूटर गेम भी बना डाला और इसे ब्लास्टर नाम दे दिया। अब शुरू हुआ मेरा बिजनेस जब मैंने अपने द्वारा बनाये गये पहले कंप्यूटर गेम को 500 डाॅलर में पीसी एंड टेक्नोलॉजी नामक एक मैगजीन को बेच दिया।
आइजैक असिमोव की किताबें
जिन टेक्नोलाॅजी पर आधारित किताबों को मैं पढ़ा करता था, उनमें ज्यादातर आइजैक असिमोव की किताबें हुआ करती थीं। आइजैक असिमोव कमाल के इंसान थे। साइंस फिक्शन के साथ वास्तविक तकनीकों पर लिखने वाले वे बोस्टन यूनिवर्सिटी में बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर थे। इन्हीं किताबों ने शुरुआत में मेरे दिमाग को खोलने और दिशा देने का काम किया।
बचपन के वे दर्दनाक दिन
ऐसा मैं बिल्कुल नहीं कहूंगा कि बचपन मेरा बेहद शानदार रहा था। स्कूल में हमेशा मुझे चिढ़ाया जाता था। मेरे साथ मारपीट होती थी। स्कूल की सीढ़ियों से भी मुझे एक बार नीचे फेंक दिया गया था, जिस वजह से मैं तो बेहोश तक हो गया था। नाक मेरी कुछ ज्यादा ही तब चोटिल हो गई थी।
अमेरिका जाने की वो ख्वाहिश
स्कूल की शिक्षा जब मेरी प्रिटोरिया बॉयज हाई स्कुल से पूरी हो गई तो मेरा मन तभी से अमेरिका जाने का करने लगा था। मुझे यही लगता था कि अमेरिका में किसी भी काम को बिना कठिनाई से किया जाना मुमकिन है। इसके जैसी जगह पूरी दुनिया में कोई और नहीं हो सकती। सपना मेरा जरूर था अमेरिका जाने का, मगर सीधे इस देश में जाने का मेरा ये सपना तब कुछ वजहों से पूरा नहीं हो सका था।
पिता के साथ रहने की मजबूरी
एक और बता दूं आपको। जब मैं सिर्फ 10 साल का था, तभी तलाक हो गया था मेरे मां-बाप का। पिता मेरे बिल्कुल भी अच्छे इंसान नहीं थे। मुझे उनका साथ रहना पड़ा, मगर मेरे पिता कभी भी मेरा साथ नहीं देना चाहते थे। इसलिए उनके साथ हमेशा रहना भी मुझे गंवारा नहीं था।
क्वींस और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया का सफर
जब मेरी उम्र 18 साल की हो गई तो मैं 1989 में दक्षिण अफ्रीका से निकलकर कनाडा पहुंच गया। यहां मैंने क्वींस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। इसके बाद आया वह साल जो मुझे अपने सपनों के देश ले जाने वाला था। वर्ष 1992। पहुंच गया मैं अमेरिका। इकोनॉमिक्स में मैंने यहां के यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली।
ये चाहती थी जिंदगी मेरी
कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फिर मैंने 1995 में एनर्जी फिजिक्स की पढ़ाई शुरू कर दी। पर जुनून सवार था मुझ पर बिजनेस करने का। उस मुकाम तक पहुंचना था मुझे अपने जीवन में जहां दुनिया यह जानने को बेताब होती कि Who is Elon Musk? ऐसे में मैं भला यहां टिकता कैसे? दो दिन में ही यहां से मैं हो गया ड्राॅप आउट।
जिंदगी ने भरी पहली उड़ान
एक कंपनी अब शुरू कर दी मैंने अपने छोटे भाई किंबल मस्क को साथ लेकर। कुछ निवेशकों को जमा करके ZIP2 नाम से साॅफ्टवेयर कंपनी शुरू हो गई मेरी, जिसका काम था सिटी गाइड का काम अखबारों के लिए करना। कंपनी ऐसे दौड़ी मेरी कि शिकागो ट्रिब्यून एवं द न्यूयाॅर्क टाइम्स जैसे अखबारों से ठेके मिलने हमें शुरू हो गये। कंपनी का सीईओ बनना था मुझे, मगर बोर्ड के सदस्यों के मना करने के कारण बेच देनी पड़ी वो कंपनी मुझे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनी कॉम्पैक को 307 मिलियन डॉलर में 1999 में। मुझे मिल गये इसमें से 22 मिलियन डॉलर।
X.Com से लेकर PayPal तक
अब डिजिटल बैंकिंग की दुनिया में पहले कंसेप्ट पर काम करते हुए मैंने 10 मिलियन डाॅलर निवेश करके ऑनलाइन वित्तीय सुविधाएं देने वाली कंपनी X.Com के नाम से शुरू कर दी, जिसका भी एक साल के अंदर ही सॉफ्टवेयर कंपनी कॉनफिनिटी ने अधिग्रहण करके नाम बदलकर PayPal कर दिया गया, जो कि दुनियाभर में बेहद मशहूर है। इसे 1.2 बिलियन डाॅलर में इबे ने 2002 के अक्टूबर में खरीद लिया था और मुझे 165 मिलियन डाॅलर इनमें से मिले थे।
What is SpaceX?
बारी आती है अब मेरे जीवन में SpaceX की, जो अंतरिक्ष वाला पड़ाव PayPal के बाद था। इसके बारे में बिना किसी फॉर्मल एजुकेशन के अपनी मेहनत से अधिकारिक जानकारी हासिल करके Space Exploration Technologies Corporation यानी कि SpaceX नाम से मैंने 2002 में एक कंपनी शुरू कर दी, जिसमें अंतरिक्ष की व्यावसायिक तौर पर यात्रा के लिए अंतरिक्ष यान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके जरिये मंगल ग्रह पर लोगों को भेजकर उन्हें वहां बसाने का भी सपना मैंने संजो लिया।
रशियन फेडरेशन के पास जाने पर रॉकेट की मूल्य अधिक देखकर मैं एलन मस्क ने इससे संबंधित किताबें पढ़कर राॅकेट का निर्माण अपने डिजाइन से कराना शुरू कर दिया इस उद्देश्य से कि राॅकेट को ऑर्बिट में बेहद कम लागत में पहुंचा दूंगा और दोबारा उन्हें प्रयोग में भी लाया जा सकेगा।
वो चौथी सफल उड़ान
तीन उड़ानें मेरी वर्ष 2006 से 2008 तक में नाकामयाब रहीं, मगर चौथी उड़ान Falcon 1 की कामयाब रही, जो 2008 में 28 सितंबर को ऑर्बिट में पहुंच ही गया। नासा ने भी मेरे स्पेसएक्स की उपलब्धियों का लोहा मानकर 1.6 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मेरे SpaceX के साथ कर लिया अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी की कक्षा से उड़ान भरने के लिए।
गौरव का ये ऐतिहासिक क्षण
मेरी कंपनी SpaceX को बीते 31 मई को ऐतिहासिक कामयाबी हाथ लगी है, जब NASA के दो अंतरिक्ष यात्रियों को मेरी कंपनी द्वारा निर्मित अंतरिक्ष यान ड्रैगन क्रू कैप्सूल में सवार करके अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) को भेजा गया और वे लगभग 19 घंटे की यात्रा के बाद आईएसएस पहुंच भी गए। अंतरिक्ष यात्रियों को किसी निजी कंपनी द्वारा लॉन्च किया जाना दुनिया के इतिहास में पहली बार हुआ है। यह मेरे लिए गौरव का क्षण है। आज जो उपलब्धि मेरी कंपनी ने हासिल की है, उसके बाद तो हर कोई यह जानने का इच्छुक है कि What is SpaceX?
Tesla को कैसे छोड़ दें?
मैंने SpaceX के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के पहले निर्माता के तौर पर स्थापित कंपनी Tesla में भी 2004 मंर 70 मिलियन डॉलर का निवेश किया और ब्रिटिश लोटस एलिस पर आधारित टेस्ला रोडस्टर स्पोर्ट कार नामक अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार की डिजाइनिंग में भी अपना योगदान दिया। दुनियाभर में सालाना ढाई लाख से भी अधिक गाड़ियां ये कंपनी बना रही है। टनेल कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी The Boring Company भी मैं चला रहा हूं और दिमाग से मोबाइल को नियंत्रित करने वाली कंपनी न्यूरालिंक की भी शुरुआत मैंने की है।
चलते-चलते
अब यदि कोई आपसे पूछे कि Who is Elon Musk?, तो उसे आप बताना कि हमेशा दुनिया को चुनौती देने वाले काम एलन मस्क ने किये हैं। नियमित बैंकिंग के खिलाफ डिजिटल बैंकिंग, ऑयल व्हीकल के स्थान पर इलेक्ट्रिक व्हीकल, महंगे राॅकेट की जगह रियूजेबल राॅकेट का निर्माण और नियमित ट्रैफिक की जगह टनेल कंस्ट्रक्शन ये सभी इसके गवाह हैं। मानना तो मेरा यही है कि मंजिल मिलै या न मिलै, मंजिल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो है।