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तालिबान कौन है ?

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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में तालिबानी झंडे के लगने के साथ ही एक बार फिर से अफ़ग़ानिस्तान मे तालिबान की वापसी हो गयी है। ये वही तालिबान है जिसके सरिया कानून के कारण अफ़ग़ानिस्तान को बहुत जिल्लतें उठानी पड़ी थी। इसके सरिया शासन की भयावहता ही है की आज इसकी काबुल मे उपस्थिति मात्र से ही अफ़ग़ानिस्तान मे अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। अफ़ग़ानिस्तान की सड़कें जाम हुई पड़ी हैं, काबुल एयरपोर्ट मे लोगों के हुजूम से सारी व्यवस्थायें चरमरा गयी हैं। हर आदमी किसी भी प्रकार से अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर भागना चाहता है। खुद अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग चुके हैं। सभी देश अपने नागरिकों को अफ़ग़ानिस्तान से निकालने मे जुटे हैं।काबुल एयरपोर्ट पर सीधी उड़ानें प्रभावित हुई हैं, अब लोगो को काबुल से दोहा और दोहा से उनके देशों को भेजने का कार्य चल रहा है।

वैश्विक रूप से तालिबानी शासन की भर्त्सना की जा रही है तथा अमेरिका के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के कदम पर भी सवाल उठ रहें है। विश्व के सभी देश अफ़ग़ानिस्तान मे अपने नागरिकों की चिंता कर रहें हैं। आखिर क्या वजह है जो सभी देश अपने नागरिकों की सुरक्षा मे चिंतित हैं। क्या है तालिबान की हक़ीक़त और उसके शासन की सच्चाई? कौन है तालिबान? कैसे यह इतना शक्तिशाली बन गया? क्यों अमेरिका भी अब इससे पल्ला झाड़ रहा है। इन सभी प्रश्नो के जवाब आपको हमारे आज के लेख मे मिलने वाले है। चलिए जानते है तालिबान कौन है?

तालिबान कौन है?

तालिबान का इतिहास

तालिबान से पहले अफगानिस्तान की सामाजिक स्थिति और बाद में उसका हाल

जानिए कैसे हुआ अफगानिस्तान से तालिबानी शासन का अंत

जानिए कैसे हुई तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी

अफगानिस्तान के वर्तमान में हाल

तालिबान के कमाई के साधन

चलतेचलते

दोस्तों, न्यूज़ पेपर्स, न्यूज़ चैनल और हमारे लेख के माध्यम से आप तालिबान और वर्तमान अफ़ग़ानिस्तान की हालत के बारे मे बहुत कुछ जान चुके होंगे। जिस मंजर की कल्पना से हम सपने मे भी सिहर उठते हैं, वह सब अफ़ग़ानिस्तान के साथ घटित हो रहा है। अफ़ग़ानिस्तान इस समय बहुत ही दयनीय स्थिति मे पहुंच चुका है। ऐसे समय मे देश के राष्ट्रपति का देशवासियों को छोड़कर भाग जाना बहुत ही निंदनीय कदम है। सभी देशों ने अफ़ग़ानिस्तान को उसकी नियति पर छोड़ दिया है। दोस्तों हम उम्मीद करते हैं जल्द ही तालिबान पर कोई अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाया जायेगा जिससे तालिबान अपने शासन के तौर-तरीकों मे सुधार करेगा। इसी उम्मीद के साथ हम आज का यह लेख यहीं समाप्त करते हैं। धन्यवाद!