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विज्ञान यात्रा क्या है?



कोलकाता स्थित इंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्‍टीवेशन ऑफ साइंस (आईएसीएस) ने हाल में वर्चुअल माध्‍यम से एक विज्ञान यात्रा का आयोजन किया है। जिसका उद्देश्य लोगो में वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास करना है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य के द्वारा किया गया था। ऐसी ही एक विज्ञान यात्रा का आयोजन सीएसआईआर-सेन्‍ट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर), धनबाद ने भी सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब में किया था। आइये जानते हैं ये विज्ञान यात्रा क्या है? और आखिर इसका उद्देश्य क्या है ?

क्या है विज्ञान यात्रा ?

जन सामान्य के बीच वैज्ञानिक रूचि, दृष्टिकोण और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष ‘भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है। विज्ञान यात्रा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के महत्व को जनमानस तक ले जाने वाली एक प्रचारक गतिविधि है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव और विज्ञान यात्रा का आयोजन “विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय”, भारत सरकार द्वारा किया जाता है।

विज्ञान यात्रा में वैज्ञानिक गतिविधियों , महत्व और उपयोगिता को लोगो तक पहुंचाने का कार्य ‘मोबाइल वैन’ द्वारा किया जाता है। यह ‘मोबाइल वैन’ सम्बंधित क्षेत्र के सभी स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों एवं अन्य लोगो को वैज्ञानिक संस्कृति एवं सोच से परिचित कराती है। साथ ही यह ‘मोबाइल वैन’ युवा छात्रों को भी विज्ञान के प्रति सचेत रहने की सीख देती है और उनमें विज्ञान के प्रति दिलचस्‍पी और जागरूकता पैदा करती है। देश भर में लगभग 30 स्थानों में ‘विज्ञान यात्रा’ का आयोजन किया जायेगा है।

विज्ञान यात्रा का उद्देश्य

• जनसमुदाय के मध्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना.

• राष्ट्र की वैज्ञानिक विरासत को प्रदर्शित करना .

• वैज्ञानिक जानकारियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना .

• समसामयिक मुद्दों को सुलझाने और सार्वजानिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थागत वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय गतिविधियों को प्रदर्शित करना.

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव, भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व को बढ़ावा देने वाला महोत्सव है।इसमें संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएं, प्रदर्शनी, चर्चाएं एवं वाद-विवाद के साथ- साथ व्यावहारिक व क्रियाशील ज्ञान प्रदर्शन, विशेषज्ञों से संवाद तथा वैज्ञानिक थिएटर, संगीत तथा कविता आदि का आयोजन किया जाता है। यह महोत्सव भारत के वैज्ञानिक विकास, उपलब्धियों तथा उसके निकट भविष्य के लक्ष्यों को प्रदर्शित करता है। इसे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े मंत्रालयों, विभागों और विज्ञान भारती द्वारा आयोजित किया जाता है।

इस बार भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव विश्व प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती 22 दिसंबर 2020 से 25 दिसंबर 2020 देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन तक आयोजित किया जायेगा।

नवंबर 2020 में सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं IITR, NBRI एवं CSIO और भारतीय मौसम विभाग के द्वारा छठे ‘भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020’ (India International Science Festival – IISF 2020) का ‘कर्टेन रेजर’ (Curtain Raiser) समारोह आयोजित किया गया था। जिसका ‘विषय -स्व-विश्वसनीय भारत और वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान’ था।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव- IISF 2020 की थीम

थीम –आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान (Science for Self-Reliant India and Global Welfare)

भारत की भारतीय विज्ञान परंपरा और एक स्वदेशी भाव के साथ में विज्ञान को आगे ले जाना, भारत को आत्मनिर्भर बनाना उसके लिए एक वैज्ञानिक माहौल विकसित करना, विज्ञान का लोकव्यापीकरण का कार्य और पूरे देश में विज्ञान की उन्नति एवं प्रगति की स्थिति क्या है और हम समाज के हर क्षेत्र उनकी समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक पद्धति में किस तरीके से आगे बढ़ रहें हैं, विज्ञान महोत्सव इन सभी पहलुओं के लिए हमें एक समग्र दृष्टि देता है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का इतिहास

पहली बार भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन IIT दिल्ली (2015) में किया गया था। दूसरा IISF- 2016 राष्ट्रीय फिजिकल प्रयोगशाला, नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। तीसरा IISF- 2017 अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई , चौथा IISF- 2018 लखनऊ तथा पांचवा IISF- 2019 कोलकाता में आयोजित किया गया था।

इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इसका आयोजन 22-25 दिसंबर के बीच वर्चुअल माध्यम से किया जायेगा। इस आयोजन में देश -विदेश के प्रमुख विज्ञान विशेषज्ञ, अध्‍यापक, नवोन्‍मेषी, छात्र और शोधकर्ता भाग लेंगे।

IISF और विज्ञान यात्रा का महत्व

विज्ञान को आगे बढ़ाने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में और हमारी भारतीय विज्ञान परंपरा और हमारी स्वदेशी अवधारणा के माध्यम से वैज्ञानिक पद्धिति को अपनाने हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाने, हर क्षेत्र में सेल्फ सस्टेण्ट बनाने के लिए, इस तरह के आयोजन एक मील के पत्थर साबित हो सकते हैं। IISF और विज्ञान यात्रा का आयोजन समाज के हर वर्ग के लिए किया जा रहा है चाहे वो किसान , छात्र , महिलाये या अन्य कोई भी हो , ये सभी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।

चलते-चलते

किसी भी देश के विकास में विज्ञान की भूमिका अहम होती है। इसलिए भावी पीढ़ी को विज्ञान से जुड़ने और वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित किया जाना जरूरी है। विज्ञान यात्रा और IISF में स्वस्थ मनोरंजन और विज्ञान के वरदान दोनों का प्रदर्शन किया जाता है। चूँकि इस बार IISF वर्चुअल माध्यम से आयोजित हो रहा है, तो इस बार हमारे पास सुनहरा मौका है इससे घर बैठे -बैठे जुड़ने का तथा देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिको एवं अनुसंधानकर्ताओं के ज्ञान से लाभान्वित होने का।