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क्या है जेनेवा संधि और उससे जुड़े महत्वपूर्ण नियम



विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान से सकुशल भारत लौट आए। 1 मार्च 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन की देश वापसी ने 20 साल पहले तत्कालीन फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता की याद ताजा कर दी। साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान ग्रुप कैप्टन कमबमपति नचिकेता को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था, लेकिन उन्हें आठ दिनों के बाद छोड़ दिया गया। हालांकि पाकिस्तान ने शांति की दुहाई देकर अभिनंदन को छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन यहां मामला कुछ और था। अभिनंदन हो या नचिकेता पाकिस्तान को दोनों ही युद्धबंदियों को जेनेवा संधि के तहत रिहा करना पड़ा। जेनेवा संधि के तहत पाकिस्तान दोनों ही जांबाजों को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिरकार जेनेवा संधि है क्या।

क्या है जेनेवा संधि (Geneva Convention)

जेनेवा संधि, एक अंतर्राष्ट्रीय कानून है, जिसके तहत अगर किसी बी देश के सैनिक को दूसरे मुल्क में गिरफ्तार किया जाता है तो उसे उसके देश को लौटाना होता है। इस कानून को कोई देश तोड़ नहीं सकता। जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल शामिल हैं, जिसका मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है। मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी। इसके बाद दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी। इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास के मुताबिक जेनेवा समझौते में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों और घायल लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसमें साफ तौर पर ये बताया गया है कि युद्धबंदियों (POW) के क्या अधिकार हैं।

जेनेवा संधि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम

जेनेवा संधि का इतिहास

जेनेवा संधि से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें जानने के बाद आइए जरा विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या और कैसा था इसका इतिहास। क्यों और किसने की थी जेनेवा संधि की शुरुआत।

जेनेवा संधि की चर्चा 1859 में फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई सोलफेरिनो युद्ध के दौरान हुई थी। इस युद्ध का नेतृत्व फ्रांस की तरफ से नेपोलियन तृतीय कर रहे थे। रेडक्रॉस के संस्थापक हेनरी डूरेंट ने जब युद्ध स्थल का दौरा किया तो इस रक्तपात को देखकर उनका हृदय विचलित हो उठा जिससे बाद ही उन्होंने रेडक्रॉस नामक संगठन की स्थापना की थी। इसके बाद युद्ध में घायल युद्ध बन्दियों और आम नागरिकों की रक्षा के लिए स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा शहर में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन किया गया था| जेनेवा में हुई इस बैठक में अन्य यूरोपीय देश शामिल हुए। इसलिए इसे जेनेवा संधि का नाम दिया गया।

जेनेवा संधि में मुख्य रुप से चार चरण शामिल हैं।

पहला चरण (1864)

दूसरा चरण (1906)

तीसरा चरण (1929)  

चौशा चरण (1949)

निष्कर्ष

जेनेवा संधि के नियमों का पालन सही तरीके से हो रहा है या नहीं, इसके निर्धारण की जिम्मेदारी आम तौर पर अंतरराष्‍ट्रीय रेड क्रॉस समिति करती है। आपतो बता दें कि कारगिल युद्ध के दौरान भी पाकिस्‍तान ने दो भारतीय पायलटों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को पाकिस्‍तान ने बाद में रिहा कर दिया था, जबकि एक अन्‍य युद्ध बंदी स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा पाकिस्‍तान की कैद में ही शहीद हो गए थे।

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