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क्या है जेंडर संवाद इवेंट ?



16 अप्रैल, 2021 को ‘ग्रामीण विकास मंत्रालय’ द्वारा ‘जेंडर संवाद इवेंट (Gender Samvaad Event)’ का सफल आयोजन किया गया है। यह DAY-NRLM और “IWWAGE ” के बीच एक संयुक्त पहल है। आज के इस लेख में हम ‘जेंडर संवाद कार्यक्रम’ से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे।

इस लेख में आपके लिए है हम लाये हैं-

क्या है जेंडर संवाद इवेंट?

• ‘जेंडर संवाद इवेंट,’ दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ तथा ‘महिलाओं और लड़कियों को अर्थव्यवस्था में सशक्त बनाने के लिए जरूरी पहल'(IWWAGE) के मध्य एक आयुक्त पहल है जिसका उद्देश्य DAY-NRLM के तहत लिंग संबंधी हस्तक्षेपों के बारे में जागरूकता पैदा करना था।

• ‘जेंडर संवाद इवेंट किसी राज्य की महिला एजेंसियों को बेहतर बनाने के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को समझने के अवसर प्रदान करता है.

• जैसे – कृषक उत्पादक संगठनों में भूमि अधिकारों के लिए महिलाओं की पहुँच और उनके जुड़ाव को सुविधाजनक बनाना, सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए मजबूत संस्थान स्थापित करना, खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के आसपास के सर्वोत्तम अभ्यास इत्यादि।

• इसके अलावा, यह इवेंट कार्यान्वयन बाधाओं को संभालने के लिए सुझावों पर विशेषज्ञों के साथ संलग्न होने के अवसर प्रदान करता है।

• जमीनी स्तर पर सामाजिक कार्रवाई समितियों (social action committees) और लिंग संसाधन केंद्रों (gender resource centres) की स्थापना से इसे और मजबूती मिली, जिससे महिलाएं अपनी शिकायतों के निपटारे के साथ ही अपने हकों और अधिकारों को प्राप्त करने में सशक्त बन सकें।

• यह इवेंट कार्यान्वयन बाधाओं को संभालने के सुझावों पर विशेषज्ञों के साथ संलग्न होने के अवसर प्रदान करता है।

• इस इवेंट का लक्ष्य जेंडर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को बढ़ावा देना है।

• इस इवेंट के द्वारा विश्व स्तर पर जेंडर इंटरवेंशन को समझने में मदद मिलेगी।

DAY-NRLM क्या है?

• दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(DAY-NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्वकांशी योजना है। DAY-NRLM को जून, 2011 में प्रारम्भ किया गया था।

• प्रारम्भ में यह योजना केवल’ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(NRLM)’ नाम से प्रारम्भ की गयी थी। साल 2016 में इसमें “दीनदयाल अंत्योदय योजना” शब्द जोड़ा गया था, जिसके बाद यह योजना ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन'(DAY-NRLM) नाम से चलायी गयी है।

• इस मिशन का महत्वपूर्ण लक्ष्य है, समुदाय आधारित किर्यान्वयन, इसके लिए देश भर में 1.72 लाख सामुदायिक सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया जिससे की वो आगे चलकर सामुदायिक संस्थानों को सहायता प्रदान कर सके ।

• DAY-NRLM का उद्देश्य गरीबो के सतत सामुदायिक केन्द्रो की स्थापना करना , ग्रामीण गरीबी समाप्त करना तथा रोजगार के नये विकल्पों को प्रोत्साहन देना है।

• केंद्र सरकार , राज्य सरकारों के सहयोग से DAY-NRLM का संचालन एवं पोषण करती है।

• DAY-NRLM ने स्व-सहायता समूहों तथा संघीय संस्थानों के माध्यम से देश के 34 (राज्य+केंद्रशासित प्रदेश) राज्यों 705 जिलों, 6523 ब्लॉक्स , 236539 लाख ग्राम पंचायतों और छह लाख गांवों के 751057 ग्रामीण गरीब परिवारों (बीपीएल) को दायरे में लाने का और 8 से 10 साल की अवधि में उन्हें आजीविका के लिए आवश्यक साधन जुटाने में सहयोग देने का संकल्प किया है।

• दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(DAY-NRLM) ने महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के तहत मार्च 2018 तक देश की 33 लाख महिलाओं को अनाज में की लागत में कमी लाने तथा जोखिम कम करने हेतु आर्थिक सहायता पहुँचायी है।

• DAY-NRLM) देश में ग्रामीण क्षेत्रों में ‘स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम'(SVEP) और “आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना” (AGEY) दो कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उद्यम स्थापित करने हेतु ग्रामीणों की सहायता करना है। इस योजना से अभी तक 17 राज्यों के 16000 से जयदा उद्यमी लाभान्वित हुए हैं।

• DAY-NRLM अपनी सबयोजना ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना’ के तहत ग्रामीण इलाको के युवाओं को अधिक वेतन वाले रोजगारो के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

IWWAGE क्या है?

• ‘अर्थव्यवस्था में महिलाओं और लड़कियों के लिए काम करने की पहल’ (IWWAGE) का उद्देश्य मौजूदा शोध पर निर्माण करना है और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के एजेंडे को सूचित करने और उन्हें सुविधाजनक बनाने के लिए नए सबूत उत्पन्न करना है।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े

• भारत में लिंग-उत्तरदायी बजट को 2005 में अपनाया गया था और तब से महिलाओं के लिए और महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए स्थिर बजटीय आवंटन किए गए हैं, जो आमतौर पर वार्षिक बजट दस्तावेजों के लिंग बजट विवरण का हिस्सा होते हैं।

• महामारी और महिलाओं पर इसके असमान प्रभाव के मद्देनजर, लिंग बजट के विश्लेषण से कुछ विशेष रुझान का पता चलता है। वर्ष 2021-22 में लिंग बजट लिए 153,326 करोड़ जाती किये गए थे।

• 2017-18 के एनएसएस-एमओएसपीआई आंकड़ों के अनुसार, 71% और 20% के संबंधित पुरुष आंकड़ों की तुलना में केवल 38% महिलाएं ही मोबाइल फोन और 12.8% कंप्यूटर का उपयोग करती हैं।

चलते चलते

हर साल महिलाओं के लिए बजट में कुछ -न -कुछ महत्वपूर्ण घोषणा होती रहती है। महिलाओं के भोजन और पोषण, रोजगार और आजीविका को लेकर चिंता और हिंसा और सुरक्षा को रोकने के लिए एक साल की अभूतपूर्व कठिनाई के बाद इसे और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।