नवीन तकनीकों ने देश और दुनिया में ऐसी चीजों को भी संभव बना दिया है, जिनकी कल्पना तक कुछ दशक पहले तक नहीं की जा सकती थी। Chatbot भी कुछ ऐसी ही चीज है। क्या आपने कभी कल्पना की थी कि कोई मशीन आपसे बिल्कुल इंसानों की तरह चैट करके आपके सवालों के जवाब दे पायेगा? शायद नहीं, मगर अब यह संभव है। चैटबोट इसी का नाम है, जिसके बारे में यहां हम आपको बता रहे हैं।
इसे कहते हैं Chatbot
चैटबोट बहुत हद तक रोबोट से ही मिलता-जुलता शब्द है। सही मायने में देखा जाए तो चैटबोट एक रोबोट ही हैै। एक ऐसा रोबोट जो इंसानों की तरह चैट करके सवालों के जवाब दे सकने में सक्षम है। चूंकि यह चैट करने वाला रोबोट है, इसलिए इसे चैटबोट भी कहते हैं। चैटबोट दरअसल एक कंप्यूटर प्रोग्राम है, जिसे कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि कृत्रिम बुद्धिमता के रूप में भी देख सकते हैं। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिये इस रोबोट या चैटबोट को इस तरह से तैयार किया जाता है कि जहां इसकी तैनाती की जा रही है, वहां से जुड़े सभी तरह के संभावित सवालों को यह समझ ले और उनका जवाब देकर समाधान उपलब्ध कराए। आप जो गूगल असिस्टेंट का इस्तेमाल करते हैं, वह भी एक प्रकार का चैटबोट ही है।
इसलिए प्रयोग में आते हैं Chatbots
बैंकों, निवेश से जुड़ी कंपनियों एवं अन्य व्यापारिक कंपनियों में जब ग्राहक बढ़ते हैं, तो उनकी किसी भी प्रकार की शंकाओं के समाधान के लिए काॅल सेंटर की सुविधा मुहैया कराई जाती है, मगर चैटबोट ने इसे और आसान बना दिया है। चैटबोट आॅनलाइन या आॅफलाइन प्राप्त होने वाले ग्राहकों के सवालों पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है। इस एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर में जो सूचनाएं जमा होती हैं, उसके आधार पर यह चैटबोट सवाल को अपनी कृत्रिम बुद्धिमता के आधार पर पहले पहचानता है और फिर सवाल से जुड़ा एकदम सटीक उत्तर देता है। बैंकों एवं अन्य कंपनियों की वेबसाइट पर आपको चैटबोट देखने को मिल जाएंगे, जहां वे चैट करने के लिए आपको पिंग करते हैं। यह आपको ग्रीन कलर में दिखाई देता है। इसे क्लिक करने पर चैटबोट खुल जाता है। उसमें आप जो भी सवाल टाइप करते हैं, उसका जवाब टाइप होकर उधर से भी आपके पास पहुंच जाता है। यह काम दरअसल चैटबोट ही करता है।
चैटबोट के काम करने का तरीका
चैटबोट को तैयार करने के लिए पहले तो यह देखा जाता है कि उसका इस्तेमाल किस क्षेत्र या कंपनी में होने वाला है। जरूरत के आधार पर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग तैयार की जाती है और उसका डेटाबेस तैयार किया जाता है। इस डेटाबेस में हर उस मुमकिन सवाल के जवाब डाले जाते हैं, जो ग्राहकों की ओर से पूछे जा सकते हैं। इन जवाबों को आसान शब्दों में डाला जाता है, ताकि ग्राहक इसे आसानी से समझ सकें। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिये चैटबोट को इतना सक्षम बना देता है कि वह ग्राहकों द्वारा पूछे जा रहे सवाल के अर्थ को आसानी से भांप लेता है। इसके बाद अपने डेटाबेस में वह बेहद फुर्ती के साथ सर्च करता है। यहां से जो जवाब उसे प्राप्त होता है, उसे वह पलक झपकते ग्राहकों के सामने पेश कर देता है। ग्राहकों के चैट एवं उनके सवालों को समझने के लिए चैटबोट मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।
ये कर रहे इस्तेमाल
- कई बैंकों ने देश में चैटबोट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। HDFC बैंक को ही देख लीजिए। एक चैटबोट इसने फेसबुक मैसेंजर पर और दूसरा अपनी वेबसाइट पर डाल रखा है। एचडीएफसी ने अपने चैटबोट को ‘आस्क इवा’ का नाम दिया है, जिसका मतलब है कि इवा से पूछिए।
- उसी तरह से Yes बैंक की ओर से अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए चैटबोट का प्रयोग किया जा रहा है। ये चैटबोट ग्राहकों को न केवल लेन-देन, बल्कि कस्टमर सर्विस में भी मदद मुहैया करा रहे हैं।
- ICICI बैंक ने भी अपने वेबसाइट पर चैटबोट का इस्तेमाल किया। यह लोगों को बीमा की जानकारी देता है। इस चैटबोट के जरिये ICICI बैंक ने करीब एक हजार बीमा बेच डाले। वेबसाइट पर आने वाले लोगों को वह बीमा का महत्व अच्छी तरह से चैट करके समझा देता था।
- Facebook भी अपने चैटबोट पर काम कर रहा है। यह इसे पूरी तरह से ऐसा बना रहा है, जिससे चैट करने वाले को महसूस हो कि वह किसी मशीन या रोबोट से नहीं, किसी इंसान से ही चैट कर रहा है। फेसबुक ने इसके लिए न्यूट्रल नेटवर्क को इस्तेमाल में लाया है।
निष्कर्ष
चैटबोट जितनी सटीकता के साथ एकदम इंसानों की तरह चैट करके सवालों के जवाब मुहैया करा दे रहे हैं और जितनी तेजी से ये लोकप्रिय होते जा रहे हैं, ये कॉल सेंटर का धीरे-धीरे अस्तित्व ही समाप्त कर देंगे। बताएं, आपने अब तक चैटबोट से चैट किया या नहीं?