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अपनी विधायिका को जानें और समझें



भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां द्विसदनात्मक व्यवस्था है। राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह कब किस सदन का सत्र बुलाये और स्थगित कर दे। राज्यसभा को वरिष्ठ सदन कहा जाता है, जो कि स्थायी होता है। इसके सदस्यों की संख्या 250 है। इसके एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष पर सेवानिवृत्त होते हैं। इनका मनोनयन 6 वर्षों के लिए होता है। दूसरी ओर लोकसभा में जनता की ओर से चुने गये प्रतिनिधि पहुंचते हैं और इसकी अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। राष्ट्रपति और दो सदन मिलकर भारतीय संसद बनाते हैं।

राष्ट्रपति

राज्यसभा

लोकसभा

ऐसे रिक्त होती है जगह

संसद के सत्र

सदन की कार्यवाही

सदन के समक्ष जनहित संबंधी मामले

कानून निर्माण की प्रक्रिया

संसद के विशेषाधिकार

राज्य विधानमंडल

विधानपरिषद

विधानसभा

चलते-चलते

केंद्र में लोकसभा और राज्यसभा, जबकि राज्य में विधानसभा और विधानपरिषद विधायिका के रूप में काम करते हैं। इनका महत्व इसलिए है, क्योंकि कानून बनाने की ताकत इनके हाथों में ही निहित है। क्या आपने इनमें से किसी भी सदन की कार्यवाही वहां उपस्थित होकर अपनी आंखों से देखी है?