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रोमांच से भरा है जम्मू-कश्मीर का इतिहास



भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक कदम उठाया है और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख नाम के दो केंद्र शासित प्रदेश भी बना दिए हैं। ऐसे में इस वक्त दुनियाभर की नजरें जम्मू-कश्मीर पर टिकी हैं। जैसे की हमने कहा की रोमांच से भरा है जम्मू-कश्मीर का इतिहास, तो यहां हम आपको जम्मू-कश्मीर के इतिहास से अवगत करा रहे हैं।

जम्मू पर एक नजर

यदि आप भारत के पौराणिक ग्रंथ देखेंगे तो उसमें आपको जम्मू का जिक्र दुग्गल प्रदेश के रूप में मिलेगा। जम्मू संभाग के अंतर्गत रियासी, राजौरी, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, रामबन, सांबा, डोडा, किश्तवाड़ और पुंछ सहित 10 जिले हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जब 1947-48 के दौरान युद्ध हुआ था। उस दौरान पाकिस्तान ने इसके एक तिहाई हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस वजह से भिम्बर, मीरपुर, पुंछ हवेली, मुजफ्फराबाद, कोटली, हट्टियां, सुधांति, हवेली और बाग जिले पाकिस्तान ने अपने कब्जे में लिए हुए हैं। इसी को हम पाक अधिकृत कश्मीर के नाम से भी जानते हैं।

कश्मीर एक नजर में

पीर पंजाल की पहाड़ी रेंज, जिसमें जम्मू का क्षेत्रफल खत्म होता है, इसके दूसरी ओर स्थित हिस्से को ही कश्मीर के नाम से जाना जाता है। करीब 16,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले कश्मीर में कुलगाम, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, अनंतनाग, बांदीपुरा, गंदरबल, बारामूला, बड़गाम और शोपियां समेत 10 जिले हैं। कश्मीर में सुन्नी, शिया, बहावी, अहमदिया मुसलमान रहते हैं। साथ में कुछ हिंदू आबादी भी है, जिनमें से ज्यादातर राजपूत, गुर्जर और ब्राह्मण हैं। आतंकवाद से केवल कश्मीर घाटी का ही क्षेत्र प्रभावित है।

लद्दाख का परिचय

लद्दाख जिसे कि अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है, यह दरअसल एक ऊंचा पठार है। तिब्बती यहां बड़ी संख्या में आकर बसे हुए हैं। मुख्य रूप से बौद्ध और हिंदुओं की यहां बहुलता है। बताया जाता है कि 18वीं शताब्दी में लद्दाख के साथ बाल्टिस्तान को भी जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र में शामिल कर लिया गया था, मगर वर्ष 1947 में जब भारत को विभाजित कर पाकिस्तान बना तो बालटिस्तान पाकिस्तान के पास चला गया। एक समय लद्दाख मध्य एशिया से व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। यहां तक कि सिल्क रूट की एक शाखा भी यहीं से गुजरती थी।

कश्मीर का इतिहास 

चलते-चलते

कश्मीर का इतिहास इस बात का गवाह है कि सदियों से जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है। इसलिए पाकिस्तान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को लेकर किया जाने वाला हर दावा खोखला है। बताएं, जम्मू-कश्मीर के इतिहास (history of Jammu and Kashmir) को पढ़ने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर अब आपकी क्या राय है?