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The Government of India Act 1858, एक छलावे के सिवा और कुछ नहीं

The Government of India Act 1858 वह अधिनियम था जिसे ब्रिटिश संसद द्वारा अगस्त 1858 में पारित किया गया था इसके जरिए ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में शासन का उन्मूलन कर दिया गया था इस अधिनियम के माध्यम से ब्रिटिश सम्राट के हाथों में भारत के शासन का नियंत्रण चला गया था।

इस लेख में आप जानेंगे:

1857 के विद्रोह का परिणाम

यूं मिली विचारधारा को गति

फूटा कंपनी प्रशासन की त्रुटियों का भांडा

क्यों आया The Government of India Act 1858?

कीथ और ब्राइट ने क्या लिखा?

The Government of India Act 1858 की विशेषताएं

The Government of India Act 1858 के अंतर्गत जिस तरीके से संसद के प्रति ब्रिटेन की सरकार उत्तरदायी थी, उसी तरीके से ब्रिटेन की संसद ही भारत के लिए भी सर्वोच्च निकाय हो गई। महारानी विक्टोरिया की ओर से इसके तहत एक घोषणा की गई, जिसे कि इलाहाबाद के दरबार में 1 नवंबर, 1858 को लॉर्ड कैनिंग ने पढ़ा था।

घोषणाएं हुईं बेमानी

अंत में

The Government of India Act 1858 एक तरह से भारतीयों के लिए छलावा ही साबित हुआ। वर्ष 1858 के बाद भी ब्रिटिश हुकूमत ने भारतीयों के हितों को तवज्जो नहीं दिया। भारत के संसाधनों का इस्तेमाल इसने ब्रिटिश साम्राज्य के हितों को पूरा करने के लिए किया और अन्य देशों के खिलाफ चल रहे महंगे युद्धों की पूर्ति के लिए भारत को इस्तेमाल में लाया गया।