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जानें क्या है The Constitution (One Hundred Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019?



लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा बीते दिनों The Constitution (One Hundred Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019 पेश किया गया है, जिसके तहत लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों को जो आरक्षण दिया जा रहा है, उसे 10 वर्ष तक के लिए बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले 70 वर्षों से जो अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं एंग्लो इंडियन समुदाय को आरक्षण का लाभ मिल रहा है, उसकी समयसीमा अगले साल 25 जनवरी को समाप्त हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा इस विधेयक को सदन में पेश किया गया है। हालांकि इस विधेयक का तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने यह कहकर विरोध किया है कि यह असंवैधानिक प्रवृत्ति का है और संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। उनके मुताबिक इसके जरिए एंग्लो इंडियन समुदाय के सदस्यों के प्रतिनिधि को समाप्त किया जा रहा है। इस पर रविशंकर प्रसाद की ओर से जवाब दिया गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक एंग्लो इंडियन समुदाय के सिर्फ 296 सदस्य ही देश में हैं। फिर भी उनके बारे में विचार करना सरकार ने बंद नहीं किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के आरक्षण को 10 वर्ष तक सदन में बढ़ाने के लिए इस विधेयक को लाया गया है।

The Constitution (One Hundred Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019 की प्रमुख बातें

आरक्षण को लेकर विधायिका में संवैधानिक प्रावधान

इन्हें भी जानें

वर्तमान में 17वीं लोकसभा में अब तक केंद्र सरकार की ओर से एंग्लो इंडियन समुदाय के दो सांसदों को मनोनीत नहीं किया गया है। समय सीमा भी इसकी अगले महीने समाप्त होने जा रही है। दिल्ली विधानसभा की 70 में से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसके लिए विधानसभा चुनाव 22 फरवरी, 2020 से पहले संपन्न कराए जाने कानूनी रूप से जरूरी हैं। संसद का वर्तमान शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक ही चलने वाला है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि केंद्र सरकार की ओर से संविधान संशोधन विधेयक दोनों सदनों में पारित करवा लिया जाएगा, ताकि 25 जनवरी, 2020 से पहले राष्ट्रपति की ओर से भी इस पर मंजूरी प्राप्त करके इसे लागू किया जा सके।

निष्कर्ष

The Constitution (One Hundred Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019 के पारित होने के बाद लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण की सुविधा का विस्तार फिर से हो जाएगा।