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त्वरित न्याय में मददगार होगा Supreme Court (Number of Judges) Amendment Bill, 2019



सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की जो संख्या 30 हुआ करती थी, उसे अब बढ़ाकर 33 कर दिया गया है। इस प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को सदन से मंजूरी मिल चुकी है। लोकसभा में इसे पारित करने के बाद राज्यसभा को भेज दिया था, जिसने अपने सत्र के अंतिम दिन उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीश संख्या) संशोधन विधेयक, 2019 को बिना चर्चा के ही लोकसभा को लौटा दिया। धन विधेयक होने की वजह से इसे पारित मान लिया गया। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद इस विधेयक के प्रावधान लागू हो गए।

इसलिए लिया गया निर्णय

वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में दरअसल 30 न्यायाधीश हैं और एक प्रधान न्यायाधीश हैं। उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीशों की संख्या) कानून, 1956 को अंतिम बार संशोधित वर्ष 2009 में किया गया था। तब न्यायाधीशों की संख्या 25 हुआ करती थी, जिसे बढ़ाकर 30 कर दिया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह अनुरोध कर चुके थे कि शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को इसे लेकर पत्र लिखा था। इस बारे में जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि न्यायाधीशों की कमी होने की वजह से कानून के सवालों से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण मामलों का फैसला सुनाने के लिए जरूरी संवैधानिक पीठों के गठन में समस्या आ रही थी। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीश संख्या) संशोधन विधेयक 2019 को लाने के वक्त इसी को आधार बनाया है।

Supreme Court (Number of Judges) Amendment Bill, 2019 के उद्देश्य

विधेयक के बारे में

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस विधेयक को पेश किया। विधेयक को पेश करने के वक्त उन्होंने कहा कि देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की जरूरत है। जिस तरह से आईएएस और आईपीएस की परीक्षा होती है, उसी तरीके से इसकी परीक्षा भी होनी जरूरी है। इस तरह से जो वंचित तबके हैं, उन्हें भी न्यायपालिका में जगह मिल जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से न्यायपालिका में रिक्त पड़े पदों को भरने का पूरा प्रयास किया गया है और इसी का नतीजा है कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ गयी है।

कब-कब बढ़ी न्यायाधीशों की संख्या?

सर्वोच्च न्यायालय एक नजर में

निष्कर्ष

सर्वोच्च न्यायालय में बढ़ते मामलों में समय से न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाया जाना एक उल्लेखनीय कदम है। बताएं, और कौन से संशोधन न्यायपालिका में आप चाहते हैं?