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कुपोषण मुक्त भारत के लिए शुरू हुआ है सुपोषित मां अभियान



लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिरला ने राजस्थान के कोटा में बीते 1 मार्च को सुपोषित मां अभियान के नाम से एक government initiative की शुरुआत malnutrition-free India बनाने के उद्देश्य से की है। कोटा ओमप्रकाश बिरला का संसदीय क्षेत्र भी है।

प्रमुख बिंदु

उद्देश्य एवं लाभ

चल रहे अन्य प्रयास

पहले से पोषण अभियान चला आ रहा है, जो कि पूर्व में राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से चल रहा था। इसमें एक-एक करके सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के हरेक जिले को शामिल किया गया है। कई मंत्रालय मिलकर इस अभियान को चला रहे हैं और वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से ही इस मिशन को चलाया गया है। लक्ष्य तो सभी के समान रहे हैं। ऐसे में इसे पाने के लिये एकीकृत योजनाओं में जो कमियां मौजूद हैं, उन्हें दूर करने के लिए पोषण अभियान की शुरुआत की गई थी। सभी तंत्रों के साथ हरेक घटक को पूरी तरह से इसका हिस्सा बनाया जा रहा है। आंगनवाड़ी सेवाओं के उपयोग के साथ इनकी गुणवत्ता में सुधार लाना और देश के कुछ चिन्हित जिलों में कुपोषण को दूर करना पोषण अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही गर्भवती महिलाओं के साथ बच्चे को जन्मे देने के बाद माताओं और उनके बच्चों का सम्पूर्ण विकास उन्हें पर्याप्त पोषण देकर सुनिश्चित करने की दिशा में इसके माध्यम से कार्य किये जा रहे हैं।

आगे की राहें

महिलाओं के शरीर को गर्भावस्था के दौरान बड़े पैमाने पर पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। उन्हें शारीरिक कमजोरी न हो और तनाव का भी सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से जो अभियान चलाए जा रहे हैं, उनसे न केवल गर्भवती महिलाओं के पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाएगी, बल्कि शिशुओं का स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकेगा। आने वाले समय में ऐसे अभियानों को और गति प्रदान करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

मां यदि स्वस्थ होगी, तभी बच्चा भी स्वस्थ रह पाएगा। इसलिए सुपोषित मां अभियान का महत्व इस वजह से बहुत बढ़ जाता है। सरकार की ओर से शुरू किए गए इस अभियान को यदि पूरी गंभीरता से चलाया जाए तो इससे वांछित परिणाम जल्द प्राप्त होने की उम्मीद है।