Social Work as a Career in India एक ऐसा विषय है, जो बड़े पैमाने पर स्टूडेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। Career Counselling के दौरान भी विशेषज्ञ स्टूडेंट्स की रुचि को ध्यान में रखते हुए सोशल वर्क में उन्हें करियर बनाने को लेकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इस लेख में हम आपको विस्तार से यह बता रहे हैं कि समाज सेवा के क्षेत्र में मानवता और समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करते हुए किस तरीके से आप एक सफल करियर भी बनाकर अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक जिम्मेवारियों को भी सुगमतापूर्वक निभाकर एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर सकते हैं।
इस लेख में आपके लिए है:
- समाज सेवा के लिए डिग्री की आवश्यकता क्यों?
- भारत में एनजीओ की स्थिति
- सोशल वर्क में कोर्सेज उपलब्ध कराने वाले संस्थान
- इन पदों पर मिल सकती है नौकरी
- आप में होने चाहिए ये गुण
- यहां मिल सकता है काम करने का अवसर
- सैलरी पैकेज
समाज सेवा के लिए डिग्री की आवश्यकता क्यों?
- सामाजिक समस्याएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं और इनका स्वरूप भी बदल रहा है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह के प्रयास भी चल रहे हैं। यही कारण है कि समाज सेवा का दायरा अब पहले से काफी बढ़ गया है।
- Serving the people के उद्देश्य से समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों की मांग में भी इजाफा होने लगा है। यही वजह है कि समाज सेवा में अब जो युवा रुचि ले रहे हैं, उनके लिए इस क्षेत्र में अच्छे अवसर मौजूद हैं।
- वैसे, देखा जाए तो समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने के लिए किसी विशेष डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है, मगर फिर भी पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को ठीक तरीके से समझने के लिए समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गृह विज्ञान या फिर सामाजिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री लेने के बाद समाज कल्याण या फिर सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री ले लेना अच्छा होता है।
- समाज सेवा का स्वरूप पहले से काफी बदल गया है। इसका मतलब अब सिर्फ यह नहीं रह गया है कि आप गरीबों और जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं। इन सबके अलावा सोशल वर्क आज एक बेहतरीन करियर विकल्प के रूप में भी स्टूडेंट्स के सामने है।
- बड़ी संख्या में व्यावसायिक कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (NGO) काम करने के लिए हर वर्ष भारत आते हैं। यही वजह है कि पहले की तुलना में अब सोशल वर्क के क्षेत्र में करियर के मौके कहीं ज्यादा बढ़ गए हैं। जो मल्टीनेशनल कंपनियां हैं, वे अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी कि CRR के अंतर्गत समाज सेवा में अपने पैसे लगाती हैं। यही कारण है कि इसकी वजह से इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है।
भारत में एनजीओ की स्थिति
- भारत में गैर सरकारी संगठनों की संख्या लाखों में है। वर्ष 2009 में भारतीय केंद्रीय सांख्यिकी संस्थान ने यह घोषणा की थी कि भारत में 33 लाख एनजीओ पंजीकृत हैं। इस तरह से 400 भारतीय नागरिकों पर एक एनजीओ मौजूद था। यही नहीं, नीति आयोग के पोर्टल पर ‘एनजीओ दर्पण’ के अंतर्गत भी 1 लाख 873 एनजीओ रजिस्टर्ड हैं।
- इतने सारे एनजीओ अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इनमें काम करने के लिए लोगों की भी बड़े पैमाने पर जरूरत पड़ती है।
सोशल वर्क में कोर्सेज उपलब्ध कराने वाले संस्थान
Serving the people का कॉन्सेप्ट यदि आपको भी लुभाता है और आप भी सोशल वर्क के क्षेत्र में अच्छा करियर बनाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित संस्थानों से आप बैचलर ऑफ सोशल साइंस, मास्टर ऑफ सोशल वर्क, सर्टिफिकेट इन सोशल वर्क, मास्टर ऑफ लेबर वेलफेयर एवं पीएचडी (सोशल वर्क) और एमफिल (सोशल वर्क) जैसी डिग्री हासिल कर सकते हैं:-
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
- जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, रांची
- भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, गांधीनगर
- बंगलौर विश्वविद्यालय
- सेंटर ऑफ सोशल इनीशिएटिव एंड मैनेजमेंट, हैदराबाद
- गार्डन सिटी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू
- मदुरई कामराज विश्वविद्यालय
- ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद
- राजस्थान विश्वविद्यालय
इन पदों पर मिल सकती है नौकरी
सोशल वर्क से जुड़ा कोई कोर्स कर लेने के बाद आपको विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, संस्थानों या फिर कंपनियों में निम्नलिखित पदों पर नौकरी मिल सकती है:
- कम्युनिटी सर्विस प्रोवाइडर
- एनजीओ मैनेजर
- एनजीओ ह्यूमन रिसोर्स
- एनजीओ प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर
- फाइनेंस मैनेजर
- रिसर्चर
- फील्ड वर्कर
- राइटर
आप में होने चाहिए ये गुण
- सोशल वर्क के क्षेत्र में काम करने का अनुभव होना चाहिए।
- कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए।
- स्थानीय भाषा की जानकारी होनी चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की भी जानकारी और अच्छी होती है, क्योंकि कई बार अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी मिलकर काम करना पड़ता है।
- समस्याओं को सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए।
- समाज के उपेक्षित वर्ग को मुख्यधारा में शामिल करने के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए।
- वंचितों के जीवन स्तर में सुधार लाने की भावना होनी चाहिए।
- लोगों के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पक्ष को समझने की क्षमता भी होनी चाहिए।
- संवेदनशीलता और धैर्य भी बहुत ही जरूरी है।
- सकारात्मक बदलाव लाने वाली सोच होनी चाहिए।
- उचित फैसला लेने की क्षमता भी होनी चाहिए।
यहां मिल सकता है काम करने का अवसर
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में।
- युवा मामलों के मंत्रालय में।
- ड्रग रिहैबिलिटेशन सेंटर में।
- चाइल्ड एब्यूज प्रिवेंशन कमेटी में।
- स्ट्रीट चिल्ड्रन एजुकेशन में।
- ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम में।
- एड्स अवेयरनेस प्रोजेक्ट में।
- सेक्स वर्कर फोरम में।
- रेड क्रॉस, ग्रीनपीस, एमनेस्टी इंटरनेशनल, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स और एनवायरमेंट प्रोटक्शन जैसी संस्थाओं में।
- प्रोफेसर के तौर पर विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में।
सैलरी पैकेज
सोशल वर्क के क्षेत्र में काम करने वालों को सैलरी भी अच्छी मिलती है। संभव है कि शुरुआत में 20 से 25 हजार रुपये हर महीने मिले, मगर अनुभव के साथ सैलरी बढ़ती चली जाती है। महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभालने वाले 1 लाख रुपये से भी ज्यादा की मासिक सैलरी प्राप्त करते हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय एनजीओ या संस्थाओं में काम करने वालों को भी अच्छा सैलरी पैकेज मिलता है।
निष्कर्ष
Social Work as a Career in India के बारे में इस लेख को पढ़ने के बाद यदि आपको यह महसूस होता है कि आपके अंदर लोगों की सेवा करने का जुनून है और आप में इसके लिए काबिलियत भी है, तो आपको इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अपने कदम जरूर आगे बढ़ाने चाहिए। यह क्षेत्र आपको कभी भी निराश नहीं करने वाला है।