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National Banks’ Merger: 12 PSU Banks ही रह जाएंगे अब देश में

केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU banks in India) की संख्या कम करने के लिए 10 राष्ट्रीय बैंकों के विलय (Merger of national banks) की घोषणा कर दी गई है, जिसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या अब 18 से घटकर 12 ही रह गई है।

इन बैंकों का होगा विलय (Merger of National Banks)

1. पंजाब नेशनल बैंक में ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय किया जा रहा है, जिसके बाद देश में पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। साथ ही 11 हजार 437 शाखाओं के साथ बैंक शाखाओं के मामले में भी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। तीनों बैंकों के विलय के बाद इसका कुल कारोबार भी 17.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा।

2. भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU banks in India) के विलय के बाद केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का विलय हो जायेगा, जिसके बाद से इसका कुल कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का हो जायेगा और यह देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक भी बन जायेगा। इसकी कुल शाखाओं की संख्या भी 10 हजार 342 तक पहुंच जायेगी।

3. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) का विलय हो जायेगा, जिसके बाद से इसकी शाखाओं की संख्या तो 9 हजार 609 हो ही जायेगी, साथ ही इसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये का हो जायेगा और यह देश का पांचवां सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा।

4. इंडियन बैंक (Indian Bank) में इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) का विलय किया जा रहा है, जिसके बाद इसका कुल कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का हो जायेगा और यह देश का सांतवां सबसे बड़ा बैंक भी होगा। इसकी कुल शाखाएं भी 6 हजार 104 हो जायेंगी।

पूर्व में इन बैंकों का हुआ विलय (National Banks’ Merger)

राष्ट्रीय बैंकों के विलय के फायदे (Benefits of National Banks’ Merger)

1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public sector banks in India) के विलय को लेकर केंद्र सरकार की दलील है कि इससे कर्ज देने की बैंकों की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। साथ ही इससे उनके तुलन-पत्र (Balance sheet) में भी मजबूती आयेगी।

2. देश के राष्ट्रीय सार्वजनिक बैंकों (PSU banks in India) के विलय के बाद देश में जितने भी बड़े सार्वजनिक बैंक ((Public sector banks in India)) होंगे, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता करने में वे पूरी तरह से समर्थ हो जायेंगे।

3. वर्ष 2024 तक जो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है, उसका दावा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय (Merger of national banks) के कदम के बाद देश की बैंकिंग प्रणाली इसमें ज्यादा प्रभावी तरीके से योगदान दे पायेगी।

क्या हैं चुनौतियां (Challenges ahead)

विलय के बाद PSU Banks in India

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के बाद देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (all PSU banks in India) की स्थिति निम्नवत होगीः

1. भारतीय स्टेट बैंक – सबसे बड़ा बैंक।

2. पंजाब नेशनल बैंक – दूसरा सबसे बड़ा बैंक।

3. बैंक ऑफ बड़ौदा – तीसरा सबसे बड़ा बैंक।

4. केनरा बैंक – चौथा सबसे बड़ा बैंक।

5. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – पांचवां सबसे बड़ा बैंक।

6. बैंक ऑफ इंडिया – छठा सबसे बड़ा बैंक।

7. इंडियन बैंक – सातवां सबसे बड़ा बैंक।

8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया – आठवां सबसे बड़ा बैंक।

9. इंडियन ओवरसीज बैंक – नौवां सबसे बड़ा बैंक।

10. यूको बैंक – 10वां सबसे बड़ा बैंक।

11. बैंक ऑफ महाराष्ट्र – 11वां सबसे बड़ा बैंक।

12. पंजाब एंड सिंध बैंक – 12वां सबसे बड़ा बैंक।

निष्कर्ष

देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों (PSU banks in India) के विलय से निश्चित तौर पर बैंकिंग कार्य में सुगमता आयेगी और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह फायदेमंद होगा, मगर इस कदम को उठाने के दौरान समय का ध्यान रखना भी जरूरी होगा, ताकि यह अपने उद्देश्यों में कामयाब हो सके। बताएं, क्या आपके भी बैंक का विलय हो रहा है?