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प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान

2017-18 आम बजट में प्रस्तावित “प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान” को भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसकी जानकारी केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सभा में दी I

इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 6 करोड़ नागरिकों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है, जो की मार्च 2019 तक प्राप्ति की उम्मीद की जा रही है I इस योजना के अंतर्गत लगभग 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों से लगभग २५ लाख नागरिक 2016-17 में प्रशिक्षित किए जाएँगे एवं इस संख्या को 2018-19 में 3 करोड़ तक ले जाने की आशा की जा रही है I सरकार का मानना है की औसतन 200 से 300 उम्मीदवार प्रत्येक ग्राम पंचायत से रेजिस्टर (नामांकित) किए जाएंगे I

प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार भारत को कैश-लेस करने की ओर यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से मोबाइल फ़ोन द्वारा लेने देन को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिशे की जा रही है I स्मार्ट फोन पर उपलब्ध डिजिटल वेलेट, मोबाइल बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI), अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (USSD) एवं आधार कार्ड द्वारा डिजिटल पेमेंट / इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के विकल्पों से परिचय एवं इनके सञ्चालन का प्रशिक्षण दिया जाना है I

उक्त प्रशिक्षण में लेन-देन करते समय सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी भी दी जाएगी, जिससे लेन-देन करते समय नागरिकों के मन में किसी भी प्रकार की हानी होने का डर न रहे I NSSO द्वारा किए गए सर्वे 2014 में जानकारी दी की केवल 6% ग्रामीण नागरिकों के पास कंप्यूटर है, अब भारत सरकार डिजिटल इंडिया योजना (PMGDISHA) के माध्यम से ग्रामणी क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता के उच्चतर स्तर को प्राप्त करना चाहती है, जिससे भविष्य में गांवों को शहरों की बराबरी पर सुविधाएँ प्रदान करने में सहायता मिलेगी I

“प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान” की सफलता की जिम्मेदारी केन्द्रीय सुचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय को दी गई है, जो की प्रदेश एवं केन्द्रशासित प्रदेशो के साथ मिलकर योजना का क्रियान्वयन करेगी I इस यौजना में ग्रामीण नागरिकों को स्मार्ट फ़ोन, कंप्यूटर एवं टेबलेट्स जैसी डिजिटल डिवाइस चलाने का परीक्षण दिया जाएगा I