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‘Operation Safed Sagar’ ने आसान कर दी थी कारगिल विजय की राहें

पाकिस्तानी घुसपैठियों ने जब 1999 में हमारी चोटियों की बर्फ को कुरेदने की कोशिश की तो हमारे हृदय में जो दहकता लावा था, उसने उसे जलाकर खाक कर दिया। कारगिल विजय से यह साफ हो गया कि दुश्मनों से अपनी रक्षा कर पाने में भारत पूरी तरह से सक्षम है। हालांकि, कारगिल विजय की राहें मुश्किल जरूर हो जातीं यदि ऑपरेशन सफेद सागर शुरू न किया गया होता। आखिर क्या है यह ऑपरेशन सफेद सागर और कारगिल विजय में कैसे इसकी अहम भूमिका रही, यहां हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं।

दुश्मनों के अलावा ये भी दुश्मन

कारगिल युद्ध के दौरान भारत की लड़ाई केवल पाकिस्तान से ही नहीं थी, बल्कि भारत की लड़ाई बेहद कठिन पर्यावरण एवं दुर्गम परिस्थितियों से भी थी। इतनी ऊंचाई पर लड़ पाना केवल थल सेना के बस की बात नहीं थी। दुश्मन बहुत ऊंचाई पर बैठे थे। वे वहां से भारतीय सैनिकों पर सटीक निशाना लगा रहे थे। वायुमंडल के तापमान और घनत्व के बीच अंतर काफी था। इस वजह से हथियार अपने लक्ष्य से चूक जा रहे थे। पर्वतीय इलाके, लहरदार भूभाग एवं जमा देने वाली ठंड के बीच वायुसेना की मदद से एयरक्राफ्ट के इस्तेमाल की योजना बनी, मगर इन दुर्गम परिस्थितियों में इनका भी इस्तेमाल सटीक तरीके से कर पाना इतना आसान नहीं था।

शुरुआती दिनों में

पाकिस्तान का दुस्साहस जब बढ़ने लगा और उसने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों को अपने कब्जे में लिया, तो अब इन्हें दुश्मनों से आजाद कराने के लिए भारतीय वायुसेना ही एकमात्र विकल्प बची थी। भारतीय वायुसेना की मदद कारगिल की जंग में देरी से ली गई, लेकिन आखिरकार भारतीय वायुसेना को 25 मई, 1999 को दुश्मनों पर हमला करने के लिए निर्देश जारी कर ही दिया गया। इस मिशन को ऑपरेशन सफेद सागर का नाम दिया गया। पहले ही दिन इस ऑपरेशन के तहत न केवल दुश्मनों की पोजीशन, बल्कि उनकी सप्लाई लाइन भी हमला करके क्षतिग्रस्त कर दी गई।

ऐसे चला था ऑपरेशन सफेद सागर

ऑपरेशन सफेद सागर को तीन चरणों में चलाया गया था। इजराइल जो इस वक्त भी भारत से अच्छी दोस्ती निभा रहा है, उसने इस ऑपरेशन में भी बड़ी मदद की थी। ऑपरेशन, जो कि 60 दिनों तक चला था, इसमें भारतीय वायुसेना के 300 से भी अधिक विमानों ने करीब 6500 बार उड़ान भरी थी। इनमें लड़ाकू विमानों की 1235 मिशन उड़ानें शामिल हैं।

हवाई हमलों का प्रभाव

निष्कर्ष

ऑपरेशन सफेद सागर ने कारगिल विजय तो सुनिश्चित किया ही, साथ ही इसने भारतीय वायुसेना को व्यापक अनुभव भी प्रदान किया कि इस तरह की परिस्थितियां भविष्य में दोबारा पैदा होने पर उनसे कैसे निपटा जाए। इतिहास में पहली बार भारतीय सैन्य विमानों ने इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। बताएं, ऑपरेशन सफेद सागर के बारे में और क्या जानते हैं आप?