Meira Kumar – The First Woman Speaker of Lok Sabha के बारे में सबकुछ

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Meira Kumar The First Woman Speaker of Lok Sabha


Meira Kumar – The First Woman Speaker of Lok Sabha: भारतीय लोकतंत्र की यह खूबसूरती रही है कि यहां धर्म, जाति, लिंग या फिर क्षेत्र आदि के भेदभाव से परे योग्य नागरिकों को उनकी योग्यता के अनुसार अवसर मिल ही जाता है। मीरा कुमार भी इसका जीता-जागता उदाहरण रही हैं, जिन्होंने 3 जून, 2009 को first woman Speaker of Lok Sabha चुने जाने के बाद इतिहास ही रच दिया। मृदुभाषी मीरा कुमार को लोकसभा में कितना सम्मान दिया गया, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि first lady speaker of Lok Sabha निर्वाचित होने के बाद मीरा कुमार को स्पीकर की कुर्सी तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी छोड़कर आये थे।

About Meira Kumar

मीरा कुमार, first woman speaker of Lok Sabha in India, भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। बाबू जगजीवन राम एक प्रतिष्ठित दलित नेता भी रहे थे। बाबू जगजीवन राम और इंद्राणी देवी के परिवार में मीरा कुमार का जन्म 31 मार्च, 1945 को हुआ था। दिल्ली के महारानी गायत्री देवी स्कूल से मीरा कुमार ने प्राथमिक शिक्षा हासिल की। दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ और मिरांडा हाउस कॉलेज से मीरा कुमार ने कला में स्नातकोत्तर और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए वर्ष 1973 में मीरा कुमार का चयन हो गया। पहले स्पेन, फिर ब्रिटेन और फिर मॉरीशस में वे उच्चायुक्त के पद पर भी रहीं, मगर राजनीति के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें राजनीति में कदम रखने के लिए प्रेरित कर दिया। वर्ष 1968 में मीरा कुमार का विवाह मंजुल कुमार से हुआ, जो बिहार की प्रथम महिला कैबिनेट मंत्री सुमित्रा देवी के बड़े बेटे हैं। अंशुल नामक उनका एक बेटा और स्वाति व देवांगना नामक दो बेटियां भी हैं। हिंदी व अंग्रेजी के साथ मीरा कुमार को भोजपुरी, संस्कृत और स्पेनिश भाषाओं की भी अच्छी जानकारी है।

राजनीति में मीरा कुमार

  • बेहतर प्रशासक रहीं मीरा कुमार ने जब आईएफस को छोड़कर राजनीति में प्रवेश करने का मन बना ही लिया, तो उन्होंने वर्ष 1985 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे जीत भी गईं। बिजनौर से वे लोकसभा सांसद चुनी गईं। मीरा कुमार को राजनीति तो एक तरह से विरासत में ही मिली थी, क्योंकि उनके पिता बड़े राजनीतिज्ञ रहे, मगर मीरा कुमार ने पहले अफसर के रूप में सेवा देकर अपनी योग्यता के जरिये राजनीति में कदम रखा और अपने पहले ही प्रयास में लोकसभा सांसद निर्वाचित हो गईं।
  • सबसे बड़ी यह रही कि उन्होंने दिग्गज दलित नेताओं मायावती और रामविलास पासवान तक को लोकप्रियता के मामले में पीछे छोड़ दिया था। राजनीति में मीरा कुमार आ तो गईं, मगर उनका मार्गदर्शन करने वाले उनके पिता इसके एक साल बाद ही चल बसे। इसके बाद उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना जारी रखा।
  • मीरा कुमार ने दिल्ली के करोल बाग से 1996 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर दूसरी बार लोकसभा में पहुंची। वर्ष 1998 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए और इस बार भी दिल्ली के करोल बाग से जीतकर वे तीसरी बार लोकसभा में पहुंच गईं। हालांकि, जब 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए तो इस बार उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने सत्ता पर कब्जा कर लिया।
  • First woman speaker of Lok Sabha in India, मीरा कुमार ने वर्ष 2004 में दोबारा वापसी की। इस बार उन्होंने अपने पिता के क्षेत्र बिहार के सासाराम से ही लोकसभा चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से यहां जीत दर्ज लोकसभा में पहुंच गई। वर्ष 2009 में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा और फिर से चुनाव जीतकर वे लोकसभा की सदस्य बनीं।
  • वर्ष 2000 में मीरा कुमार को लगा कि कांग्रेस नेतृत्व के साथ उनके विचार मेल नहीं खा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके करीब दो साल बाद वर्ष 2002 में कांग्रेस में फिर से उनकी घर वापसी हो गई।
  • वर्ष 2004 से 2009 तक जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की केंद्र में पहली बार सरकार बनी तो इस दौरान मीरा कुमार को सामाजिक न्याय व अधिकारिता एवं जल संसाधन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। वर्ष 2009 में उन्हें फिर से केंद्रीय कैबिनेट में लिया गया, मगर इसके कुछ दिनों के बाद ही उन्हें निर्विरोध first woman Speaker of Lok Sabha चुन लिया गया।

कला और साहित्य से लगाव

कला और साहित्य के प्रति अपने लगाव की वजह से देश-विदेश के अलग-अलग जगहों की यात्रा के दौरान मीरा कुमार ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण करती रही हैं। विशेषकर भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रहने के दौरान उन्हें इसका भरपूर अवसर मिला। First lady speaker of Lok Sabha मीरा कुमार एक कवयित्री भी हैं। साथ ही हस्तशिल्प के प्रति उनका प्रेम जगजाहिर है। महाकवि कालिदास रचित अभिज्ञान शांकुतलम् मीरा कुमार की सबसे प्रिय पुस्तक है। शास्त्रीय संगीत सुनना उन्हें बहुत पसंद है और किताबें भी पढ़ने की वे बड़ी शौकीन हैं।

First Lady Speaker of Lok Sabha

वर्ष 2009 में जब लोकसभा के स्पीकर पद के लिए मीरा कुमार का नाम प्रस्तावित हुआ, तो पूरे सदन ने उनका समर्थन किया। लोकसभा स्पीकर के तौर पर अपनी विनम्र शैली की वजह से मीरा कुमार छा गईं। उनका ‘बैठ जाईए’ बोलना खासा लोकप्रिय हो गया। लोकसभा स्पीकर के तौर पर जब वर्ष 2012 में उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया, तो इस दौरान उनके धाराप्रवाह उर्दू में भाषण देने से पाकिस्तान के सांसद और पत्रकार एकदम हैरान रह गये। इस दौरान उन्होंने मजरूह सुल्तानपुरी, फैज मोहम्मद फैज और फिराक गोरखपुरी की कविताएं भी पढ़ी थीं।

चलते-चलते

First woman Speaker of Lok Sabha के तौर पर मीरा कुमार अपनी मृदुभाषी शैली और बेदाग राजनीतिक छवि के लिए जानी जाती हैं। भले ही राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से वर्ष 2014 में हार का सामना करना पड़ा, मगर इसमें कोई शक नहीं कि वे भारत की सबसे लोकप्रिय महिला राजनेताओं में से एक हैं। बताएं, आपको मीरा कुमार की सबसे अच्छी बात क्या लगती है?

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