किसी भी लोकतंत्र की खूबसूरती यही होती है कि वहां ताकत जनता के हाथों में होती है। सरकार किसकी बनेगी, यह जनता ही तय करती है। एक बार फिर से जनता ही तय कर रही है कि इस बार केंद्र में किसकी सरकार बनेगी। 17वां लोकसभा चुनाव 2019 में प्रगति में है और छः चरणों का मतदान पूरा हो जाने के बाद अब केवल सातवें चरण का मतदान बचा है। 23 मई को साफ हो जायेगा कि केंद्र में सरकार किसकी बन रही है। हर पार्टी, हर उम्मीदवार, हर नेता की कोशिश रही है मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने की, लेकिन ये तो पब्लिक है। सब जानती है। वोट दिया होगा या फिर देंगे उसी को जो उनकी नजर में सबसे उत्तम हो। एक नजर डालते हैं अब तक के लोकसभा चुनाव, 2019 पर।
लोकसभा चुनाव, 2019 से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- बीते 10 मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा कर दी।
- 543 सीटों के लिए सात चरणों में यानी कि 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव कराने का फैसला किया गया।
- चुनाव के नतीजे 23 मई को आयेंगे।
- देशभर में 90 करोड़ मतदाता अपने मत का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर कर चुके हैं।
- आठ करोड़ 43 लाख नये मतदाता इस बार के चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
- इस बार 10 लाख मतदान केंद्रों पर चुनाव हो रहे हैं।
- वर्तमान लोकसभा यानी कि 16वीं लोकसभा का कार्यकाल तीन जून, 2019 को समाप्त होगा।
- लोकसभा चुनाव, 2019 के साथ अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी हुए हैं।
- जम्मू-कश्मीर में केवल लोकसभा चुनाव ही हुए। विधानसभा चुनाव साथ में नहीं कराये गये।
सात चरणों में लोकसभा चुनाव, 2019
- पहला चरण – 11 अप्रैल, 2019
- दूसरा चरण – 18 अप्रैल, 2019
- तीसरा चरण – 23 अप्रैल, 2019
- चौथा चरण – 29 अप्रैल, 2019
- पांचवां चरण – 6 मई, 2019
- छठा चरण – 12 मई, 2019
- सातवां चरण – 19 मई, 2019
लोकसभा चुनाव, 2019 की खासियत
- ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- ईवीएम में इस बार प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न के साथ उनकी तस्वीर भी देखने को मिल रही है।
- जीपीएस के जरिये इस बार ईवीएम को ट्रैक करने की व्यवस्था भी चुनाव आयोग की ओर से की गई है।
- वोटिंग लिस्ट से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया गया है।
- एंड्राॅयड एप्प के जरिये आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी देने की भी व्यवस्था की गयी है, जिसमें शिकायतकर्ता की पहचान उजागर न करने की बात भी कही गई है।
- मतदान के 48 घंटे पहले लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगी हुई है। संवेदनशील स्थानों पर सीआरपीएफ जवानों की तैनाती रही है।
लोकसभा चुनाव में सीटें
- भारतीय संविधान के अनुसार अधिकतम 552 लोकसभा सीटें हो सकती हैं।
- वर्तमान में 545 लोकसभा सीटें हैं।
- मतदान इनमें से 543 सीटों पर ही होता है।
- दो सीटों पर यदि राष्ट्रपति को महसूस हो कि एंग्लो इंडियन कम्यूनिटी के लोगों को लोकसभा में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, तो दो सीटों से दो लोगों को राष्ट्रपति द्वारा ही नामांकित किया जा सकता है।
- लोकसभा की 131 सीटें आरक्षित हैं।
- इन 131 आरक्षित सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जाति एवं 47 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
- बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए किसी भी दल को 272 सीटों पर जीत की जरूरत पड़ती है।
- बहुमत न मिलने की स्थिति में अन्य दलों के साथ चुनाव पूर्व या चुनाव बाद गठबंधन करके सरकार बनाने की अनुमति है।
- विपक्ष का नेता बनने के लिए भी विपक्ष में बैठने वाली पार्टी के पास 10 फीसदी सीटें यानि कि 55 सीटें होनी जरूरी हैं।
- भाजपा को वर्ष 2004 में 282 सीटें हासिल हुई थीं।
- उपचुनावों में सीट गंवाने और कुछ नेताओं के लोकसभा से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ने की स्थिति में भाजपा के पास वर्तमान में 268 सीटें ही लोकसभा में रह गई हैं।
- सरकार फिर भी सुरक्षित है, क्योंकि गठबंधन के बाकी दलों का समर्थन हासिल है।
लोकसभा चुनाव, 2019 में युवाओं की भूमिका
- लोकसभा चुनाव, 2019 में 18 से 19 साल के पहली बार मत डालने वाले वोटरों की संख्या 1.5 करोड़ है।
- साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 297 सीटें ऐसी थीं, जहां हार-जीत का अंतर 1.5 लाख वोटों से भी कम था।
- इस बार हर सीट पर औसतन 1.49 लाख नये मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान कर रहे हैं। ऐसे में सरकार बनाने में उनकी भूमिका बेहद निर्णायक साबित होने वाली है।
- ऐसे 12 राज्य हैं, जहां नये मतदाता हैं।
- इन 12 राज्यों में लोकसभा की 217 सीटें हैं।
- 12 राज्यों में पश्चिम बंगाल (32), बिहार (29), उत्तर प्रदेश (24), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (20), राजस्थान (17), केरल (17), झारखंड (13), आंध्र प्रदेश (12), महाराष्ट्र (12), मध्य प्रदेश (11) और असम (10) शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव, 2019 में हॉट सीटें
- वाराणसी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से वर्तमान भाजपा सांसद हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय और सपा की शालिनी यादव से हैं।
- अमेठी – कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां से सांसद हैं। उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी से है।
- रायबरेली – सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं और उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है।
- लखनऊ – यहां से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस बार भाजपा के उम्मीदवार हैं, जिनके मुकाबले कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम और सपा-बसपा गठबंधन ने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
- गोरखपुर – योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में भाजपा से अभिनेता रवि किशन, जबकि सपा के टिकट पर राम भुआल चुनाव मैदान में हैं।
- इंदौर – इस बार इंदौर से लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की जगह शंकर लालवानी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि पंकज संघवी पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है।
- पटना साहिब – भाजपा से इस बार अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट नहीं मिला तो वे कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है।
- वायनाड – केरल में स्थित ये लोकसभा सीट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव मैदान में उतरने से हॉट सीट बन गई। एनडीए की ओर से तुषार वेलापल्ली राहुल गांधी के सामने हैं।
- बेगूसराय – जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने और भाजपा नेता गिरिराज सिंह के यहां से चुनाव लड़ने की वजह से बेगूसराय हॉट सीट बन गया।
- गुना – मध्य प्रदेश की गुना सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के केपी यादव के बीच है।
निष्कर्ष
अब तक जो लोकसभा चुनाव हुए हैं, उसमें सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद, रोजगार, घोटाले, भ्रष्टाचार और विकास सहित अन्य मुद्दों पर चुनाव प्रचार करके मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने का प्रयास किया है। लोकसभा के छः चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिनमें कई राज्यों में और खासकर पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी भी खूब चली है, मगर फिर भी कुल मिलाकर लोकतंत्र का 2019 का ये महापर्व इन चीजों से प्रभावित हुए बिना अपनी रफ्तार में मनाया जा रहा है। आगामी 19 मई को अंतिम चरण के मतदान के साथ लोकसभा, 2019 के महापर्व का पटाक्षेप भी हो जायेगा और 23 मई को यह भी साफ हो जायेगा कि देश की बागडोर अगले पांच वर्षों के लिए किसके हाथों में जायेगी। तो आपका क्या अंदाजा है? कैसा होगा इस बार का चुनाव परिणाम?